प्रेग्नेंसी में ज्यादा खुजली का कारण हो सकता है लिवर का आईसीपी रोग, जानें कारण और उपचार

खुजली अगर सामान्य से ज्यादा हो, तो ये चिंता की बात हो सकती है क्योंकि ये खतरनाक इंट्राहेप्टिक कोलेस्टासिस ऑफ प्रेग्नेंसी (आईसीपी) रोग हो सकता है। आईसीपी में मां और उसके होने वाले शिशु दोनों को खतरा होता है।
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प्रेग्नेंसी में ज्यादा खुजली का कारण हो सकता है लिवर का आईसीपी रोग, जानें कारण और उपचार


गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में थोड़ी बहुत खुजली होना आम है। इस तरह की खुजली का कारण गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला की त्वचा ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। इसके अलावा शरीर में ब्लड का फ्लो भी बढ़ जाता है, जिससे खुजली का एहसास होता है। हालांकि खुजली अगर सामान्य से ज्यादा हो, तो ये चिंता की बात हो सकती है क्योंकि ये खतरनाक इंट्राहेप्टिक कोलेस्टासिस ऑफ प्रेग्नेंसी (आईसीपी) रोग हो सकता है। आईसीपी में मां और उसके होने वाले शिशु दोनों को खतरा होता है।

क्या है आईसीपी रोग

आईसीपी रोग यानी इंट्राहेप्टिक कोलेस्टासिस ऑफ प्रेग्नेंसी लिवर का एक रोग है, जो गर्भवती महिलाओं को होता है। इस स्थिति में लिवर में बनने वाला पाचक रस (बाइल) लिवर प्रवाहित नहीं कर पाता है, जिससे बाइल एसिड लिवर नसों को प्रभावित करता है और त्वचा में खुजली की समस्या शुरू हो जाती है। यह समस्या गर्भवतियों को आमतौर पर तीसरी तिमाही में शुरू होती है। आईसीपी रोग के कारण गर्भवती को बहुत ज्यादा खुजली होती है, जिससे उसे बेचैनी और खीझ होती है।

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क्या हैं आईसीपी रोग के खतरे

गर्भवती में होने वाली खुजली आमतौर पर हथेलियों और तलवों से शुरू होती है। इसके बाद ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाती है जिनमें पेट, हाथ, जांघ और पीठ आदि प्रमुख हैं। इस दौरान पेशाब का रंग गहरा पीला हो जाता है। इस रोग के कारण महिला के साथ-साथ उसके शिशु को भी खतरा होता है। कई बार इस स्थिति में शिशु का जन्म समय से पहले हो जाता है, जिससे उनमें किसी तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानी हो सकती है। इसके अलावा कुछ शिशु में जन्म के समय दिल की धड़कन सामान्य से कम हो सकती है या शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आ सकती है, जिससे शिशु को खतरो होता है।

कैसे पाएं खुजली से राहत

अगर आपकी खुजली का समस्या सामान्य हो तो कुछ बातों को लेकर सावधानी बरतें। जिससे ये आपकी खुजली मे आराम देंगी और। खुजली होने वाली जगहों के आसपास मॉश्चाराइजर लगाकर रखें। खुजली होने पर ज्यादा तेजी से ना खुजलायें, बल्कि हाथों से सहला दें। डॉक्टर की सलाह से एंटी-इचिंग वाली क्रीम भी लगा सकती है। विटामिन ई युक्त क्रीम लगाकर भी त्वचा में नमी बनाई जा सकती है। त्वचा को शुष्क होने से बचाने के लिए आप गर्म पानी से स्नान कर सकती है। कमरे में ह्युमीडिफाइर लगा सकते है। सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क, आनुवंशिकता और ऐस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरौन हारमोन के बढ़ते स्तर पर निंयत्रण रखने की जरूरत है। जितना हो सके तेज धूप के संपर्क से बचें। जब भी घर से बाहर निकलें एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन जरूर लगाएं।

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पर्याप्त पानी पिएं

अगर आप रोज पर्याप्त पानी पिएंगी, तो आपको आपको खुजली कम होगी। इसके अलावा हल्के ठंडे पानी से नहाने से या बर्फ की सिंकाई करने से भी खुजली की समस्या में आराम मिलता है। डॉक्टर की सलाह से आप विटामिन के भी ले सकती हैं, जिससे खुजली की समस्या कम हो जाती है।

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