मोटापे से ग्रस्त महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान खाने-पीने में जरूर बरतें ये 5 सावधानियां

आमतौर पर वजन ज्यादा होने के कारण महिला को डिलीवरी के समय ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है और इससे उनके होने वाले शिशु का स्वासथ्य भी प्रभावित होता है।
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मोटापे से ग्रस्त महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान खाने-पीने में जरूर बरतें ये 5 सावधानियां

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनमें कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये परेशानी उन महिलाओं के साथ और बढ़ जाती है, जिनका वजन ज्यादा होता है। आमतौर पर वजन ज्यादा होने के कारण महिला को डिलीवरी के समय ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है और इससे उनके होने वाले शिशु का स्वासथ्य भी प्रभावित होता है। इन समस्याओं से बचने के लिए महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान खाने-पीने में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

2500 कैलोरी से ज्यादा न लें रोज

गर्भवती महिला को अपने खाने में रोजाना 2500 कैलोरी की जरूरत होती है। इसलिए इतनी ही कैलारी अपने दिनभर के खाने में लेनी चाहिए इससे ज्‍यादा नहीं। गर्भावस्था के दौरान आमतौर पर वजन बढ़ जाता है, इसलिए कोशिश करें कि जरूरत से अधिक वसा वाला भोजन ना खाएं। क्योंकि वसा वाला भोजन खाने से न सिर्फ मोटापा बढ़ता है, बल्कि महिला और होने वाले बच्चे के स्वास्‍थ्‍य को भी खतरा रहता है।

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थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं

गर्भावस्था में एक साथ ज्यादा खाना नहीं खाएं, बल्कि कोशिश करें कि खाना थोड़ा-थो़ड़ा करके तीन-चार बार खाएं। प्रेग्नेंसी के दौरान ली जाने वाली कैलोरीज की मात्रा सीमित करना चाहिए। अपने आहार में साबुत अनाज, फल, सब्जियां और दाल को शामिल करें। दलिया या मोटे आटे से बनी रोटियां भी अपने आहार में शामिल करनी चाहिए। मैदे का उपयोग कम से कम करें, क्योंकि मैदे से वजन बढ़ता है।

आहार में दूध जरूर शामिल करें

सुबह-शाम दूध पीना न भूलें। गर्भस्थ शिशु का शरीर जब बढ़ रहा होता है तब वह अपनी सभी जरूरतें मां के शरीर से पूरी करता है। दूध में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स और प्रोटीन होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। अगर आप वजन बढ़ने के डर से दूध नहीं पीती हैं, तो टोन्ड दूध पिएं। इसमें फैट कम होता है मगर कैल्शियम और अन्य मिनरल्स होते हैं।

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टहलें और व्यायाम करें

प्रेग्नेंसी के दौरान टहलना जरूरी है। इसलिए सुबह शाम धीरे-धीरे आराम से खुली हवा में जरूर टहलें। प्रेग्नेंसी में हल्के फुल्के व्यायाम करने से शरीर फुर्तीला बना रहता है, जिससे प्रसव के समय होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। अगर आप व्यायाम नहीं कर पा रहीं हैं तो घर के छोटे मोटे काम स्वंय करने की कोशिश करें।

बैलेंस डाइट लें

संतुलित पौष्टिक आहार करें। जिसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल शामिल होने चाहिए। दाल, चावल, सब्जियां, रोटी और फलों को रोज के आहार में शामिल करें। महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तला भुना खाना खाने की बजाय उबली हुई सब्जियां खानी चाहिए। अगर आपका फल खाने का मन नहीं है तो आप फलों का जूस भी ले सकती हैं। संतरे, अंगूर और केले को रोज की खुराक में शामिल करें। गर्भवती महिलाओं को गहरे हरी सब्जियां जरूर खानी चाहिए।

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