
आए दिन बहुत से लोग पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं। जैसे पेट दर्द, पेट फूलना, गैस, कब्ज या डायरिया इत्यादि। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन इसका एक मुख्य काऱण हमारी छोटी आंत के बैक्टीरिया का बढ़ना भी हो सकता है। बैक्टीरिया के अत्याधिक बढ़ जाने के इस रोग को हम SIBO (small intestinal Bacterial Growth कहते हैं। यह पेट की समस्याओं की एक बड़ी वजह होती है जिसके कारण हमारा पेट कभी दुरूस्त नहीं रह पाता। जानें यह किस तरह हमारे स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचाता है।
कैसे हो सकता है SIBO
क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल गैस्ट्रोएन्टरालजी दैनिक रिव्यु के अनुसार, SIBO की समस्या इर्रिटेबल बाउल सिंड्रम, क्रोन्स डिजीज, सेलियेक डिजीज, डाईवर्टिक्लूटिस, पेनक्रिएटाइस्टिस, हाईपोथ्रोईडिस्म, पार्किंसन्स डिजीज, सेलरोडर्मा, डायबिटीज और कोर्नरी आर्टरी डिजीज इत्यादि जैसे रोगों से ग्रसित लोगों में देखने को मिल सकती है।
इसे भी पढ़ेंः बार-बार लिप बाम लगाने की है आदत? जानें स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है इसका उपयोग
इसके अलावा किसी प्रकार की एब्डोमिनल सर्जरी जैसे गैस्ट्रिक बायपास से भी यह समस्या हो सकती है। साथ ही जो व्यक्ति स्टमक एसिड को कम करने के लिए प्रोटोन पंप इन्हीबाइटर का सेवन करते है। इस एसिड के कम होने से बैक्टीरिया बढ़ते हैं।
यह समस्या नार्कोटिक्स जैसे ऑक्सीकोडन और मोर्फिन का इस्तेमाल करने वाले लोगों में भी देखी जाती है। इनके द्वारा इलाज आंतिड़ियों में खाने की गति को धीमा कर देता है, जिसे डिस्मोलिटी कहते हैं। जब खाना लंबे समय तक छोटी आंत में रूक जाता है तो इससे बैक्टीरिया को बढ़ने अधिक बढ़ता है, जिससे SIBO होता है।
इसे भी पढ़ेंः आपके मानसिक स्वास्थ्य को बिगाड़ने में आपकी आदत से कम नहीं ये 3 फूड, जानें होने वाली परेशानियां
कैसे नुकसान पहुंचाता है-
यह रोग धीरे-धीरे पनपता है इसलिए हम इसका पता जल्दी नहीं चल पाता। यह रोग होने के बाद आंत में सूजन, पेट का ठीक तरह से काम न करना, पेट की में तरह-तरह की समस्याएं होने लगती हैं। SIBO की वजह से IBS संग्रहणी जैसे रोग पनपते हैं। जिसकी वजह से हमें डायबिटीज, आर्थराइटिस, गाउट, यूरिक एसिड, थाइयरोईड जैसी गंभीर समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
कैसै पता करें -
अगर आपको ब्लोटिंग या डायरिया की समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर के पास जाकर SIBO टेस्ट कराने की सलाह ले सकते हैं।
इसके लिए आप गोल्ड-स्टैंटर्ड SIBO टेस्ट करवा सकते हैं यह टेस्ट छो़टी आंत की जांच के लिए होता है। यह टेस्ट थोड़ा महंगा होता है। इस टेस्ट में डॉक्टर एंडोस्कोप की मदद से छोटी आंत में से तरल पदार्थ का सैंपल लेते हैं और उसे टेस्ट कर के बैक्टीरिया का पता लगाते हैं।
इसके अलावा ब्लोटिंग, पेट में दर्द, थकान, कब्ज और डायरिया जैसी समस्या होने पर आप लेक्टूलूस ब्रेथ टेस्ट किट के द्वारा SIBO टेस्ट कर सकते हैं यह टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है। इस टेस्ट के लिए मरीज को लेक्टुलूस युक्त पदार्थ का सेवन करना होता है। उसके बाद तीन घंटे तक टेस्ट हर 20 मिनट बाद टेस्ट ट्यूब में सांस लेनी होती है। सांस के सेम्पल के द्वारा यह टेस्ट किया जाता है कि आंत में बैक्टीरिया हाइड्रोजन या मैथीन गैस से तो पैदा नहीं हो रहे।
Read More Articles On Other Diseases In Hindi