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क्या वाकई थायराइड में मिलेट्स का सेवन नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें

थायराइड की समस्या में लोग मिलेट्स खाने से बचते हैं। आगे डायटिशियन से जानते हैं कि क्या यह मिथक है या ऐसा करना सही होता है?
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क्या वाकई थायराइड में मिलेट्स का सेवन नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें


आज के समय में थायराइड के रोगियों में तेजी से इजाफा हो रहा है। दरअसल, जब आपका थायराइड ग्लैंड सही तरह से कार्य नहीं करता है, तो इसके द्वारा बनाए जाने वाला थायराइड हार्मोन कम या ज्यादा हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को थायराइड की समस्या हो सकती है। थायराइड में व्यक्ति का वजन तेजी से कम होता है। साथ ही, घबराहट, चिड़चिड़ापन, और सोने में परेशानी हो सकती है। थाराइड में व्यक्ति को कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है। इस दौरान रोगी को रागी व अन्य मिलेट्स न खाने के लिए कहा जाता है। डायटिशियन स्वेता शाह पांचाल से जानते हैं कि क्या यह एक मिथक है या वाकई में मिलेट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। 

थायराइड के कारणों को समझें - Causes Of Thyroid In Hindi 

डायटिशियन के अनुसार थायराइड की समस्या ऑटोइम्यून, लाइफस्टाइल में बदलाव व डाइट में आयोडीन की कमी से होती है। आयोडीन की कमी लोगों में कम देखने को मिलती है। कुछ विशेष क्षेत्र के लोगों में ही आयोडीन की कमी ज्यादातर देखी जाती है। 

is it safe to have millets in thyroid

क्या वाकई मिलेट्स से थायराइड का जोखिम बढ़ सकता है? - Is It Safe To Have Millets In Thyroid in Hindi 

डायटिशियन स्वेता पांचाल के मुताबिक रागी, बाजार व अन्य मिलेट्स में कुछ तरह के तत्व होते है, जिसे गोइट्रॉजन्स (Goitrogens) कहा जाता है। गोइट्रॉजन्स आयोडीन के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं। ऐसे में जिन लोगों को आयोडीन की कमी से थायराइड की समस्या हुई है उनको इसे लेने से बचना चाहिए। लेकिन, इसके अलावा, लाइफस्टाइल और ऑटोइम्यून की वजह होने वाले थायराइड में आप मिलेट्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं। दरअसल, कुछ क्षेत्र ऐसे में जहां पर हम डाइट में कुछ न कुछ मिलेट्स को शामिल करते ही हैं। ऐसे में ज्यादा मिलेट्स का सेवन न कर, आप संतुलित मात्रा में थायराइड होने पर भी मिलेट्स का सेवन कर सकते हैं। 

थायराइड में बचाव कैसे करें - Protection Tips For Thyroid In Hindi 

  • थायराइड रोग से बचाव के लिए आपको नियमित रूप से योग करना चाहिए। 
  • इसके अलावा आप डाइट में फलों और हरी सब्जियों का सेवन करें। 
  • आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करें। 
  • भ्रामरी और उदगीत योग से थायराइड ग्लैंड पर अच्छा असर प्रभाव पड़ता है। 

इसे भी पढ़ें: थायराइड की बीमारी क्यों और कैसे होती है? डॉक्टर से समझें कारण और बचाव के उपाय

 

 

 

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A post shared by Dietitian Shweta J Panchal | The Diet Therapy (@dt.shwetashahpanchal)

थायराइड होने पर थायराइड हार्मोन असंतुलित हो सकता है। इसमें थायराइड हार्मोन कम होने को हाइपोथायराइडिज्म और थायराइड हार्मोन की मात्रा अधिक होने को हाइपरथायरोडिज्म कहा जाता है। इन दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से डॉक्टर से जांच कराएं। 

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