क्‍या गर्भावस्‍था में इमली खाना सुरक्षित है? जानें गर्भावस्‍था में अधिक इमली खाने के नुकसान

कहते हैं कि प्रेगनेंसी में खट्टा व चटपटा खाने का मन करता है। लेकिन क्‍या प्रेगनेंसी में इमली खाना सेहत के लिए सुरक्षित है? आइए यहां जानिए.. 
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क्‍या गर्भावस्‍था में इमली खाना सुरक्षित है? जानें गर्भावस्‍था में अधिक इमली खाने के नुकसान

इमली एक खट्टी फली है, जो कई औषधीय प्रयोजनों के साथ कई व्‍यंजनों में खट्टे स्‍वाद के लिए इस्‍तेमाल की जाती है। मॉर्निंग सिकनेस या उल्‍टी या मतली से राहत पाने के लिए इमली को काफी अच्‍छा माना जाता है। इमली विटामिन सी से भरपूर है, जो कि आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा है। लेकिन क्‍या इमली का सेवन गर्भावस्‍था में सुरक्षित है? कई महिलाएं ऐसी हैं, जिन्‍हें प्रेगनेंसी में काफी खट्टा खाने का मन करता है और वह इसके लिए इमली का खूब सेवन करती हैं। जबकि इमली का सेवन गर्भवती महिलाओं में हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इमली विटामिन सी का एक अच्‍छा स्‍त्रोत है और गर्भावस्‍था के विटामिन सी की अधिकता महिला पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए इमली को मॉडरेशन में लेना ही बेहतर माना जाता है, क्‍योंकि इसकी अधिक मात्रा सेवन से इसके फायदे नुकसान में बदल सकते हैं। आइए यहां हम आपको बताते हैं कि कैसे गर्भावस्‍था में इमली का अधिक सेवन आपको नुकसान पहुंचा सकता है। 

गर्भावस्था के दौरान इमली के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान 

आइए यहां हम आपको बताते हैं कि क्‍यों गर्भावस्‍था में इमली का अधिक सेवन आपको नुकसन पहुंचा सकता है। 

गर्भपात का बन सकती है कारण 

इमली विटामिन सी का अच्‍छा स्‍त्रोत है, यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन यह गर्भावस्‍था में कैसे हानिकारक हो सकती है, यह काफी लोगों के मन में एक सवाल की तरह चुब रहा होगा। इमली का अधिक सेवन शरीर में विटामिन सी के स्‍तर को बढ़ा सकता है और विटामिन सी की अधिकता गर्भपात का कारण बन सकती है। इसका अधिक खतरा गर्भावस्‍था के पहले या दूसरे महीने में अधिक होता है। गर्भावस्था के पहले-दूसरे महीने में, बहुत अधिक विटामिन सी से प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कम होता है, जिससे कि गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। 

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समय से पहले जन्‍म या प्रीमेच्‍यौर बर्थ 

इमली का सेवन गर्भावस्‍था में गर्भपात के अलावा, बच्‍चे का समय से पहले जन्‍म यानि प्रीमेच्यौर बर्थ का कारण भी बन सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को मॉडरेशन में ही इमली का सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए होता है कि विटामिन सी की अधिकता प्री-टर्म या प्रीमेच्‍यौर बर्थ की संभावना को बढ़ाती है। 

कब्‍ज का बन सकती है कारण 

गर्भवती महिलाओं में इमली का सेवन कई बार कब्‍ज का कारण बन सकता है। बहुत अधिक इमली के सेवन से कब्‍ज या दस्‍त और गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है। लेकिन अगर आप सही मात्रा में मॉडरेशन में इमली का सेवन करते हैं तो यह आपको वजन घटाने समेत कई फायदे मिलतेे हैं।   

एस्पिरिन इंटरैक्शन

यदि आप एस्पिरिन ले रहे हैं, तो गर्भावस्था के दौरान इमली का सेवन न करें। क्‍योंकि इमली आमतौर पर शरीर में एस्पिरिन के अवशोषण को बढ़ाती है। इसकी वजह से यह गर्भपात का कारण बन सकती है।

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अनियमित ब्‍लड शुगर लेवल 

गर्भावस्‍था में इमली का सेवन आपके ब्‍लड शुगर में असंतुलन पैदा कर सकता है। इतना ही नहीं, इमली के अधिक सेवन से आपके ब्‍लड प्रेशर लेवर पर भी प्रभाव पड़ सकता है। 

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इबुप्रोफेन अवशोषण को बढ़ाए 

गर्भावस्‍था में इमली का सेवन एस्पिरिन की तरह ही इबुप्रोफेन के अवशोषण को भी बढ़ा सकती है। यह तीसरी तिमाही में खतरनाक है। इससे भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है।

हालांकि, यदि आप मॉडरेशन में इमली का सेवन करते हैं, तो यह इसके आपके लिए फायदे भी हैं। 

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