सेहतमंद रहने के लिए दौड़ना फायदेमंद होता है। इसी वजह से रोगों से बचाव और फिट रहने के लिए लोग सुबह व शाम दौड़ना शुरू करते हैं। दौड़ने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। साथ ही, शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती है और एनर्जी लेवल बढ़ता है। साथ ही, आपको डायबिटीज और ब्लड प्रेशर होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, स्टेमिना भी बूस्ट होती है। कुछ लोग सुबह खाली पेट दौड़ना पसंद करते हैं। जबकि, कुछ हल्के आहार लेने के बाद दौड़ते हैं। इस लेख में आपको योगा एक्सपर्ट ऋपसी अरोड़ा से जानते हैं कि खाली पेट दौड़ने के क्या फायदे हो सकते हैं। साथ ही, इससे होने वाले नुकसान को भी आगे बताया गया है।
खाली पेट दौड़ने के फायदे - Benefits Of Running Empty Stomach in Hindi
फैट तेजी से बर्न होना
खाली पेट तेज दौड़ने से आपका फैट जल्द बर्न होता है। इस दौरान जब आप दौड़ते हैं तो शरीर को एनर्जी की आवश्यकता होती है और ऐसे में फैट का उपयोग किया जाता है। ऐसे में फैट बर्न होने में मदद मिलती है।
एनर्जी का उपयोग कम करना
हेल्थलाइन के अनुसार जब आप खाली हैवी एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे आपका शरीर एनर्जी का उपयोग कम करता है। इसके लिए वैज्ञानिक ग्लाइकोजिन को स्टोर करने के वाले लिवर को जिम्मेदार बताते हैं।
पाचन क्रिया में सुधार होना
खाली पेट दौडऩे से आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे आपको पाचन संबंधी समस्या जैसे आंतों में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी और दस्त की समसया का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही, आपको अपच और एसिडिटी की समस्या भी कम होती है।
खाली पेट दौड़ने के नुकसान - Side Effects Of Running Empty Stomach In Hindi
थकान होना
खाली पेट दौड़ने से आपको थकान हो सकती है। दरअसल, जब आप खाली पेट दौड़ते हैं तो ऐसे में आपका शरीर फैट को एनर्जी में बदलता है। लेकिन, शरीर ऐसा लंबे समय तक नहीं कर पाता है और ऐसे में आपको थकान महसूस होने लगती है।
चोट लगने का खतरा अधिक होना
जैसे जैसे आपके शरीर की स्टोर एनर्जी में गिरावट आती है, तो ऐसे में आपको थकान होने लगती है। जिससे आपको चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, ब्रेन को कार्य करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है। जब आप इन्टेंस एक्सरसाइज करते हैं तो ऐसे में बॉडी ग्लूकोज का उपयोग करने लगती है। जिससे स्टोर ग्लूकोज कम होता है।
मांसपेशियां कमजोर होना
एर्डनल ग्लैंड के द्वारा कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन किया जाता है। यह ब्लड शुगर और तनाव आदि को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जब कार्टिसोल का स्तर बढ़ता है, तो यह मांसपशियों के सेल्स में प्रोटीन ब्रेकडाउन को बढ़ा सकता है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है।
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इसलिए सुबह खाली पेट दौड़ते समय तेज दौड़ने की अपेक्षा धीमी गति में रनिंग करना ज्यादा फायदेमंद होता है। साथ ही, इससे आपका स्टेमिना बूस्ट होता है। जिससे आपका एनर्जी लेवल बेहतर होता है और आप किसी भी काम को आसानी से बिना थकान के कर पाते हैं।