गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना पडता है। क्योंकि गर्भावस्था एक ऐसी विशेष अवस्था है जिसका हो सकता है कि किसी महिला को विशेष इंतजार हो। महिलाएं पहले ही अपने खानपान का विशेष ख्याल नहीं रख पाती हैं। ऐसे में जब वे गर्भवती होती हैं, तब तमाम तरह की दिक्कतें उन्हें होने लगती हैं। इसलिए डॉक्टर महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह देते हैं। उसी आहार में एक कंपोनेंट प्रोटीन का भी है। ये प्रोटीन शिशु के विकास के लिए जरूरी होता है। ये प्रोटीन गर्भवती महिलाओं को तब दिया जाता है जब उनके शरीर में खाने के द्वारा प्रोटीन की कमी पूरी नहीं होती। गर्भावस्था में प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए या नहीं, इस बारे में हमने बात की दिल्ली के अपोलो हॉस्पीटल में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. पुनीता श्रीवास्तव से। उन्होंने प्रेग्नेंसी में प्रोटीन पाउडर खाने को लेकर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, कैस, कब लेना चाहिए आदि सवालों के जवाब दिए हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
प्रेग्नेंसी में प्रोटीन पाउडर खाएं या नहीं?
गर्भावस्था में प्रोटीन पाउडर खाना चाहिए या नहीं, इस सवाल के जवाब में डॉ. पुनीता ने बताया कि प्रेग्नेंसी में प्रोटीन का इस्तेमाल बहुत ध्यान से करना चाहिए। आमतौर पर प्रोटीन पाउडर एथलिट लोग मसल गेन के लिए करते हैं। बहुत सारे वजन को कम करने के लिए भी करते हैं। पर प्रेग्नेंसी में बच्चे के ग्रोथ के लिए प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। महिलाओं के शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए प्रोटीन पाउडर जरूरी है। तो वही, मां और बच्चे के सही विकास के लिए भी प्रोटीन जरूरी है। तो वहीं, महिलाओं को प्रेगनेंसी में अपने खानपान का तो विशेष ख्याल रखना ही पड़ता है।
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एक दिन में कितना प्रोटीन पाउडर लें?
न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता ने बताया कि प्रेग्नेंसी में किसी महिला को अपने वजन के अनुसार प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए। जैसे प्रेग्नेंसी की पहली और दूसरी तिमाही में वजन के प्रति किलोग्राम के अनुसार 1.2 ग्राम और तीसरे और लास्ट की तिमाही में 1.5 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम वजन के अनुसार लेना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर किसी महिला का वजन 60 किलोग्राम है तो 60 को 1.2 से गुणा करना है, जिसका कुल 72 ग्राम आएगा। इस हिसाब से किसी महिला का जितना वजन है उसको उस अनुसार प्रोटीन पाउडर लेना चाहिए।
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प्रोटीन की कमी से क्या होता है?
- -बर्थ डिफेक्ट हो सकता है।
- - शरीर में प्रोटीन की कमी से मिसकैरिज हो सकता है।
- -सही मात्रा में प्रोटीन न मिलने से बच्चे में किसी तरह की डिसएबिलिटी हो सकती है।
प्रेग्नेंसी में प्रोटीन पाउडर खाने के फायदे
जब महिलाओं में प्रोटीन की मात्रा खाने से पूरी नहीं होती है तब उन्हें डॉक्टर प्रोटीन पाउडर खाने की सलाह देते हैं। डॉ. पुनीता ने बताया कि प्रेग्नेंसी में प्रोटीन पाउडर खाने के क्या फायदे हैं।
मां और बच्चे का विकास
प्रोटीन का काम शरीर में रिपेयरिंग करना और विकास करना है। बच्चे का दिमागी विकासन ठीक से हो, इसमें प्रोटीन बहुत मदद करता है। इसलिए प्रोटीन और बच्चे दोनों के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है।
एनर्जी
गर्भवास्था में महिलाओं को थकान होना आम बात है। तो वहीं, उनके मूड स्विंग्स भी होते रहते हैं। वे थोड़ा काम करती हैं तो हांफने लगती हैं। इसके पीछे उनके शरीर में बढ़ता उभार भी एक कारण होता है। वे सहजता से काम नहीं कर पाती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में जब प्रोटीन पाउडर दिया जाता है तब उनको ऊर्जा मिलती है। वे स्फूर्ति महसूस करती है।
स्तनपान (Breastfeeding)
डिलेवरी के बाद महिलाओ में ब्रेस्टफीडिंग की दिक्कत को भी प्रोटीन पाउडर खत्म करता है। डिलेवरी के बाद ब्रेस्ट फीड कराते समय भी दिक्कत नहीं होती।
रोग प्रतिरोधक क्षमता रखे ठीक
महिलाओं में इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में भी प्रोटीन पाउ़़डर काम करता है। प्रोटीन की कमी से होने वाले बच्चे का विकास तो रुकता ही है साथ ही उसे कई तरह के संक्रमण होने के भी खतरे रहते हैं। इन संक्रमण से बचाने का काम भी प्रोटीन करता है। जब इम्यूनिटी स्ट्रांग रहेगी तो भ्रूण भी स्वस्थ रहेगा।
डायबिटीज में मददगार
डॉ. पुनीता का कहना है कि गर्भवती महिलाएं ऐसा प्रोटीन पाउडर इस्तेमाल न करें, जिसमें प्रोटीन हो। प्रोटीन पाउडर लें जो शुगर मुक्त हों। बाकी यह भी देखा गया है कि जो महिलाएं सही प्रटीन पाउडर का चुनाव करती हैं उनमें मधुमेह की समस्या कम देखी जाती है।
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कैसे चुनें सही प्रोटीन पाउडर
-डॉ. पुनीता ने नीचे कुछ तरीके बताएं जिन्हें अपना कर आप भी सही प्रोटीन पाउडर का चुनाव कर सकती हैं।
1. प्रोटीन पाउडर पर लिखा होना चाहिए कि यह प्रेग्नेंट महिला के लिए है, उसे तभी खरीदें।
2. सबसे पहले जांच करें कि उस प्रोटीन पाउडर में कोई प्लेजरिंग एलिमेंट तो नहीं है।
3. प्रोटीन पाउडर अच्छे ब्रांड का होना चाहिए।
4. गर्भवती महिलाएं पहले ही मल्टीविटामिन की टेबलेट खा रही होती हैं, इसलिए ऐसे प्रोटीन पाउडर नहीं खरीदने चाहिए, जिनमें पहले ही मल्टीविटामिन हों। क्योंकि ज्यादा मल्टिविटामिन से दिक्कत हो सकती है।
5. बहुत सारे प्रोटीन में आर्टिफिजिकल स्वीटर होते हैं। ये बेबी की ग्रोथ को नुकसान पहुंचाएं। इसलिए ऐसे प्रोटीन पाउडर को नहीं खरीदना चाहिए।
6. अगर किसी महिला को किसी चीज से एलर्जी है तो प्रोटीन पाउडर में देख लें कि कहीं वो तत्त्व उसमें शामिल तो नहीं है।
7. प्रोटीन पाउडर में कैफीन तो नहीं है, इसकी भी जांच कर लें।
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घर पर भी बना सकते हैं प्रोटीन पाउडर
डॉ. पुनीता ने घर पर प्रोटीन पाउडर बनाने की रेसिपी भी बताई। आप भी इस रेसिपी को ट्राई कर सकते हैं। अगर बाजार के प्रोटीन पाउडर आपको नहीं खरीदना है तो आप घर पर ऐसे बना सकते हैं प्रोटीन पाउडर। प्रोटीन पाउडर बनाने के लिए आपको एक एवोकाडो चाहिए और मूंगफली, बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स चाहिेए होंगे। इन सभी को अच्छे से पीस लें। फिर रोजाना दूध के साथ एक चम्मच प्रोटीन पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
प्रोटीन पाउडर के साइड इफैक्ट
- - एलर्जी हो सकती है।
- -प्रोटीन पाउडर में कैलोरी अधिक होती हैं, जिस वजह से बढ़ सकता है।
- -अगर आप ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाउडर लेते हैं तो मुहांसे की समस्या हो सकती है।
- -ज्यादा प्रोटीन पाउडर लेने की वजह से किडनी की परेशानी भी सकती है।
गर्भावस्था में अगर नियमित रूप से प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल किया जाए तो इससे शिशु और मां दोनों को मदद मिलती है। शिशु का विकास अच्छे से होता है। गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान संतुलित आहार लेना चाहिए। वह अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करें, जिनसे उनकी प्रोटीन की कमी पूरी हो सके। प्रोटीन खरीदते समय ऊपर बताई गई बातों का भी ख्याल रखें।
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