जो व्यक्ति किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो त्वचा के नीचे आने वाले आंतरिक चोट गुम चोट (internal injury) कहलाती है। अक्सर हम अनुभव करते हैं कि यह गुम चोट किसी एक्सीडेंट या ऊंचाई से गिरने के कारण हो सकती है। इसके अलावा किसी अंग के क्षति हो जानें पर भी गुम चोट के लक्षण नजर आते हैं। डॉक्टर गुम चोट की जांच शारीरिक परीक्षण के माध्यम से करते हैं। इसके दौरान कभी-कभी नील पड़ने या छूने में दर्द जैसे समस्या नजर आती हैं। ऐसे में सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे आदि टेस्ट के माध्यम से इसका परीक्षण किया जाता है। कभी-कभी गुम चोट इतनी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है कि अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो व्यक्ति मिर्गी, सदमा, शरीर के कोई अंदरूनी अंग का काम बमद हो जाना आदि समस्याओं का शिकार हो जाता है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि गुम चोट क्या है? इसके लक्षण, कारण और बचाव क्या है। इसके लिए हमने डॉ. अमोद मनोचा, वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख, दर्द प्रबंधन सेवाएं, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
गुम चोट क्या है ( What is Internal Injury)
गुम चोट शरीर के अंदरूनी सतह पर लगने वाली चोट होती है जिसमें अंदरूनी अंगों से खून आना शुरू होता है या क्षति पहुंचती है, जिसके कारण व्यक्ति आंतरिक चोट का शिकार हो जाता है।
गुम चोट के लक्षण (Internal Injury symptoms)
1- अगर किसी व्यक्ति के किडनी में गुम चोट लग जाए तो उसके पेशाब में खून आना शुरू हो जाता है।
2- अगर किसी व्यक्ति के लिए लिवर में गुम चोट हो जाए तो उसके दाई तरफ के कंधे और पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है।
3- अगर किसी व्यक्ति के प्लीहा में गुम चोट लग जाए तो उसकी बाई तरफ के कंधे में दर्द होना शुरू हो जाता है।
4- फ्रैक्चर या हड्डी टूटने पर हाथ या पैरों में सूजन आ जाती है।
5- गुम चोट लगने पर पेट कठोर महसूस करने लगता है साथ ही पेट में दर्द होने लगता है।
6- वहीं अगर कोई व्यक्ति सदमे का शिकार हो जाए तो त्वचा ठंडी पड़ जाती है और पसीना आना शुरू हो जाता है।
7- ब्लड प्रेशर में बदलाव आंतरिक चोट का संदेश देते हैं।
8- यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाए तो कभी-कभी शरीर के अंदर खून रिसने लगता है और इसके कारण शरीर में नील पड़ जाता है।
9- गुम चोट लगने पर कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जिनका खून ज्यादा बह जाता है, जिसके कारण उन्हें कमजोरी, सिर घूमना, बेहोशी आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
10- शरीर के अंदरूनी अंगों में चोट के कारण कभी-कभी व्यक्ति को उल्टी या थूक के साथ खून आना जैसी समस्याएं भी नजर आती हैं।
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गुम चोट लगने पर डॉक्टर को कब दिखाएं?
व्यक्ति को निम्न लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
1- मिर्गी के दौरे पढ़ने के दौरान।
2- छाती में दर्द होने पर।
3- जब सांस फूलने जैसी समस्या नजर आए।
4- पेशाब में खून आने पर।
5- उल्टी आने पर।
6- चक्कर या भी बेहोशी महसूस करने पर।
7- शरीर के किसी भी अंग ( खासकर आंख, नाक या कान) से खून निकलने पर।
8- पेशाब ना आने या कम आने पर।
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गुम चोट कितने प्रकार की होती है?
गुम चोट निम्न प्रकार की होती है-
1- लीवर खराब होने पर
जब लीवर को क्षति पहुंचती है तो इसके कारण गंभीर रूप से खून बह सकता है, जिसकी वजह से पेट के दाएं तरफ दर्द होता है।
2- प्लीहा (स्प्लीन)
जब प्लीहा छतिग्रस्त होता है तो खून बहना शुरू हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसके लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से के बाएं तरफ दर्द होता है।
3- पेट में चोट लगने पर
पेट में चोट लगने का मतलब होता है कि व्यक्ति के पित्ताशय, मूत्राशय, अग्नाशय, डायाफ्राम, आंत आदि में चोट लग सकती है, जिसके कारण पेट गंभीर रूप से घायल हो जाता है।
4- फेफड़ों का क्षतिग्रस्त होना
यदि फेफड़ों में छेद हो जाए तो इसके कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
5- गुर्दों के खराब होने पर
जब गुर्दे खराब होने शुरू हो जाते हैं या किडनी क्षतिग्रस्त हो जाती है तो पेशाब में खून आना शुरू हो जाता है।
गुम चोट के कारण (Internal Injury Causes)
गुम चोट के पीछे निम्न कारण होते हैं-
1- किसी नुकीली चीज पर गिरने से
2- शरीर में चाकू का प्रहार
3- बंदूक की गोली के घाव के कराण
4- कार से दुर्घटना होने पर
5- गिरना या फिसलना
6- शराब का अत्यधिक सेवन
7- उम्र का बढ़ना
8- न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण
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गुम चोट से बचाव
1- बूढ़े बच्चों का गिरने का खतरा ज्यादा रहता है, जिसके कारण गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में सीढ़िया चढ़ते वक्त या अंधेरे में जाने से पहले इमरजेंसी टॉर्च और उचित सहारे का उपयोग करें। साथ ही अगर किसी भी प्रकार की चोट लग जाए तो नजरअंदाज करने की बजाय उसी वक्त इलाज करवाएं।
2- कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं, जिनके सेवन से शरीर के अंदर खून बहने लगता है। अगर आपको दवाई खाने से जी मचलाए या कुछ असामान्य लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही खून टेस्ट जरूर करवाएं क्योंकि खून टेस्ट से पता चल जाता है कि आप की दवाइयां ठीक प्रकार से काम कर रही हैं या नहीं। साथ ही आप ये भी भी जान पाएंगे कि शरीर के अंदर किसी भी प्रकार का रक्तस्राव हो रहा है या नहीं।
3- किसी दुर्घटना के कारण व्यक्ति को गुम चोट लग सकती है। ऐसे में वाहनों का इस्तेमाल करते वक्त फोन का इस्तेमाल ना करें। साथ ही शराब पीते वक्त गाड़ी ना चलाएं। इसके अलावा सीट बेल्ट लगाएं और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
4- अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो बता दें कि इसके कारण भी गुम चोट होने की संभावना रहती है। ऐसे में अनेकों रोगों से बचाव के लिए शराब आदि के सेवन से बचें।
गुम चोट का इलाज
1- डॉक्टर जीवनशैली में कुछ बदलावों के माध्यम से गुम चोट को ठीक करते हैं। वे लोग जो व्यक्ति धूम्रपान या शराब का सेवन जरूरत से ज्यादा करते हैं उनको शारीरिक थेरेपी दी जाती है, जिससे समस्या दूर हो जाए।
2- वैसे तो अंदरूनी रक्त स्राव खुद-ब-खुद बंद हो जाता है लेकिन अगर यह समस्या बंद ना हो तो डॉक्टर को ऑपरेशन ही करना पड़ सकता है।
3- जिन लोगों में आंतरिक रक्तस्राव के लक्षण नजर आते हैं डॉक्टर उनकी नसों के माध्यम से इलेक्ट्रोलाइट से युक्त तरल पदार्थ डालते हैं।
4- डॉक्टर पेट में रक्त स्राव की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड की मदद लेते हैं।
5- यदि मस्तिष्क में सूजन आ जाए या खून बहना शूरू हो जाए तो इस स्थिति में डॉक्टर सीटी स्कैन से जांच करते हैं।
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6- एंजियोग्राफी से पता लगाया जाता है कि खून रक्त वाहिका से बह रहा है या नहीं।
7- हृदय से खून के बहाव की जांच ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम के माध्यम से की जाती है।
ये लेख द्वारा दिए गए इनपुट्स के आधार पर बनाया गया है।
ये लेख डॉ. अमोद मनोचा, वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख, दर्द प्रबंधन सेवाएं, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत द्वारा दिए गए इनपुट्स के आधार पर बनाया गया है।
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