
मामूली फ्रैक्चर या हड्डियों की छोटी सी चोट को भी, कभी नजरअंदाज न करें। पहले उसे प्राथमिक उपचार दें और फिर उसका इलाज करवाएं।
रोजमर्रा के जीवन में अक्सर हम अनजाने में ही किसी न किसी चोट के शिकार होते रहते हैं। ऐसे में कभी कभार चोट गहरी भी लग जाती है। ।कई बार ये दर्द मामूली सा नजर आता है पर चोट अंदर तक लग चुकी होती है। इससे हड्डियों में मोच और फ्रैक्चर की परेशानी हो सकती है, तो कई बार हड्डियां टुकड़ों में टूट जाती है। फ्रैक्चर एक खेल की चोट, दुर्घटना या हिंसक चोट के परिणामस्वरूप भी हो सकता है। ये टूटी हुई हड्डियां आमतौर पर जीवन के लिए कोई खतरा पैदा तो नहीं करती, लेकिन उन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। तब जरूरी ये है कि इन टूटी हुई हड्डी के लक्षणों (First Aid for Broken Bones) को पहचाना जाए और सबसे पहले इसका प्राथमिक उपचार (First Aid for Fracture) किया जाए।
टूटी हुई हड्डी के लक्षण क्या हैं?
जब भी चोट लगे, आपको सबसे पहले ये चेक करना चाहिए कि कहीं आपको गहरी चोट तो नहीं है। हड्डी में छोटे टूकड़ो की चोट फ्रैक्चर कहा जाता है। खुले फ्रैक्चर के मामले में, टूटी हुई हड्डी त्वचा की सतह को छेद सकती है। लेकिन नॉर्मल फ्रैक्चर में त्वचा बरकरार रहती है। हालांकि, टूटी हुई हड्डियां अस्थिर हो सकती हैं जिससे आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है और झटका भी महसूस हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को पहले टूटी हुई हड्डी के लक्षणों पर ध्यान देते हुए इसकी पहचान करनी चाहिए। जैसे कि
- -चोट वाले क्षेत्र में तेज दर्द जो कि हड्डियों के स्थानांतरण में परेशानी लाता है।
- -चोट वाली जगह पर सुन्नता
- -चोट वाली जगह का नीला हो जाना, सूजन, या विकृति दिखाई देना
- -हड्डी त्वचा के आसपास फैला हुआ सा दिखना
- -चोट में तेज ब्लीडिंग होना

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मामूली फ्रैक्चर बेसिक फर्स्ट एड कैसे करें?
1. खुले हुए फ्रैक्चर में
सबसे जरूरी चीज को देखनी वाली है, वो ये है कि सबसे पहले देखें कि आपका फ्रैक्चर कहीं से खुला हुआ तो नहीं है। चोट अगर खुला हुआ है और ब्लीडिंग आदि हो रही है, तो इसके लिए घाव की ड्रेसिंग करें और सबसे पहले इसे कवर करें। अब इसकी ब्लीडिंग को नियंत्रित करने के लिए, घाव के चारों ओर दबाव डालें और उभरी हुई हड्डी पर दबाव डालने से बचें। फिर एक पट्टी के साथ घाव की ड्रेसिंग करें।
2. चोट को एक बेस दें
टूटी हुई हड्डी में सबसे जरूरी चीज ये होती है कि आप उस हड्डी को थोड़ा बेस दें। इसके लिए उस जगह को अतिरिक्त समर्थन देने के लिए आसपास गद्दी रख लें। साथ ही आप व्यापक तह वाली पट्टियों के साथ निचले अंग के फ्रैक्चर के साथ ऊपरी अंग के फ्रैक्चर को सुरक्षित कर सकते हैं।
3. घायल क्षेत्र को स्थिर करें
अगर आपको संदेह है कि उन्होंने आपकी कोई हड्डी टूट गई है, तो उन्हें यथासंभव रहने में मदद करें। अगर आपको संदेह है कि आपके किसी अंग में हड्डी नहीं टूटी है, तो एक बार उसे आराम से हिला कर चेक करें। अगर तब भी दर्द हो तो उसे वैसा ही छोड़ दें।
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4. आइस पैक लगाएं
कुछ बर्फ के टुकड़ों को एक बैग में भर लें या कपड़े के टुकड़े में लपेटें और इसे एक बार में 10 मिनट के लिए चोट वाले क्षेत्र में लगाएं रखें। ये चोट को एक आरामदायक स्थिति में लाने में मदद करेगा। इस तरह दर्द को एक आराम देने में मदद करें। उन्हें गर्म रखने के लिए कंबल या कपड़ों से ढंक दें।
कोई भी चोट लगने के बाद, किसी न किसी स्पेशलिस्ट को अपनी चोट जरूर दिखा लें। वहीं अगर दर्द बहुत ज्यादा हो तो आपातकालीन विभाग की मदद लें। साथ ही अगर आपको कुछ समझ न आ रहा हो, या फिर आपको संदेह है कि सिर, गर्दन या पीठ में हड्डी टूट गई है तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं और इसका इलाज करवाएं। इस तरह आप किसी भी छोटी सी हड्डी के चोट को भी नजरअंदाज न करें और समय पर इसका इलाज करवाएं।
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