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त्वचा पर दिखने वाले ये 4 लक्षण भी हो सकते हैं इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत, जानें इसे बेहतर बनाने के उपाय

Insulin Resistance Signs On Skin: इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति होने पर शरीर में कई समस्याएं हो सकती हैं। इन 4 संकेतों से पहचाने इंसुलिन रेजिस्टेंस।
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त्वचा पर दिखने वाले ये 4 लक्षण भी हो सकते हैं इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत, जानें इसे बेहतर बनाने के उपाय


Insulin Resistance Signs On Skin: शरीर में हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि हरेक हार्मोन का शरीर में अपना विशेष महत्व और कार्य होते हैं। इंसुलिन हार्मोन्स का खराब संतुलन भी आजकल लोगों में काफी देखने को मिलता है। यह एक बहुत जरूरी हार्मोन है, जो हमारे द्वारा खाए गए भोजन प्राप्त एनर्जी या ग्लूकोज को शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम करता है। जिससे कि वे शरीर में एनर्जी के रूप में प्रयोग हो सके। इसी तरह इसके शरीर में कई अन्य जरूरी फंक्शन भी होते हैं। जब शरीर में इंसुलिन के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है और यह अपना काम ठीक से नहीं करता है, तो इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस कहा जाता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण शरीर में कई रोग भी पैदा होने लगते हैं। इसके कारण शरीर में फैट जमा होने लगता और वजन बढ़ता है। साथ ही, डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है।

अक्सर लोग इस बात को लेकर काफी असमंजस में रहते हैं कि अगर शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति बन गई है, तो इसका पता कैसे लगा सकते हैं? डायटीशियन मनप्रीत कालरा के अनुसार, "वैसे तो इंसुलिन रेजिस्टेंस के शरीर में कई संकेत और लक्षण देखने को मिल सकते हैं, लेकिन 4 संकेत ऐसे हैं जिन्हें आप अपनी शरीर की त्वचा पर भी नोटिस कर सकते हैं।" इस लेख मे हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

Insulin Resistance Signs On Skin in hindi

त्वचा पर इंसुलिन रेजिस्टेंस के संकेत- Insulin Resistance Signs On Skin In Hindi

  • हाथ, कोहनी और घुटनों के जोड़ों पर कालापन
  • गर्दन पर कालापन या पिगमेंटेशन
  • त्वचा पर मस्से, दाने या निशान होना
  • अंडर्आम्स गहरी काली पड़ जाना
  • पेट की त्वचा के नीचे चर्बी जमा होना या बैली फैट

इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करने के तरीके- Ways To Improve Insulin Sensitivity In Hindi

विटामिन डी लें

थायराइड रोगियों के लिए यह एक बहुत जरूरी है पोषक तत्व है। यह इंसुलिन रिसेप्टर्स को रेगुलेट करने में मदद करता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है। आप इसे प्राप्त करने के कुछ समय धूप में बैठ सकते हैं। साथ ही, दूध, अंडे, मशरूम आदि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

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दूध और इससे बने उत्पाद खाएं

इनमें विटामिन बी 12 की बहुत अच्छी मात्रा होती है, जो कि एंडोथेलियल फंक्शन में सुधार करने और ब्लड शुगर को रेगुलेट करने के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए दूध, दही, पनीर और छाछ आदि को डाइट में शामिल करें।

हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं

हरी सब्जियों में मैग्नीशियम बहुत अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। यह ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म में मदद करता है और इंसुलिन के स्तर को स्थिर रखता है। हरी सब्जियों के अलावा आप केला और काजू का सेवन भी कर सकते हैं, इनमें भी मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता है।

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नट्स और बीज खाएं

ये ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से शरीर में सूजन को कम करने और  ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। इस तरह ये इंसुलिन सेंसिटिविटी में भी सुधार करते हैं। ऐसे में सूरजमुखी के बीज, बादाम, अखरोट और मूंगफली आदि को डाइट में शामिल करें।

हरी बीन्स खाएं

हरी बीन्स और ब्रोकली में क्रोमियम होता है। यह इंसुलिन की एक्टिविटी में सुधार करने और ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करता है।

All Image Source: Freepik

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