गर्भावस्था में एंटीबायोटिक की दवा बच्चे में ला सकती है आंत के रोग

गर्भावस्था के अंतिम चरण में एंटीबायोटिक दवा का सेवन गर्भस्थ शिशु की आंत में सूजन संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ा सकता है। एक शोध के दौरान जब मादा चूहों को गर्भावस्था की अंतिम अवधि के दौरान एंटीबायोटिक दवा दी गई तो उनकी संतान के पेट में सूजन के जोखिम की अधिक संभावना देखी गई। यह रोग मानवों में आंत के सूजन से मिलता-जुलता है।
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गर्भावस्था में एंटीबायोटिक की दवा बच्चे में ला सकती है आंत के रोग


गर्भावस्था के अंतिम चरण में एंटीबायोटिक दवा का सेवन गर्भस्थ शिशु की आंत में सूजन संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ा सकता है। एक शोध के दौरान जब मादा चूहों को गर्भावस्था की अंतिम अवधि के दौरान एंटीबायोटिक दवा दी गई तो उनकी संतान के पेट में सूजन के जोखिम की अधिक संभावना देखी गई। यह रोग मानवों में आंत के सूजन से मिलता-जुलता है।

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एंटीबायोटिक दवा मां की आंतों के माइक्रोबायोम में लंबे समय तक परिवर्तनों का कारण भी बन सकती है और ये दुष्प्रभाव मां से उसकी संतान में स्थानांतरित होते हैं।

शोध के दौरान संतान में रोग का विकास देखा गया, लेकिन एंटीबायोटिक दवाओं से वयस्क चूहों में आंत्र रोग में कोई वृद्धि नहीं हुई।

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्राध्यापक यूजीन बी. चैंग के अनुसार अगर एंटीबायोटिक्स का उपयोग गर्भावस्था या बच्चे की प्रारंभिक अवधि के दौरान किया जाता है, तो वह सामान्य आंत के माइक्रबायोम के विकास को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सामान्यता यह उचित प्रतिरक्षा विकास के लिए जरूरी होता है।

शोधार्थियों ने कहा कि इससे पता चलता है कि एंटीबायोटिक के सेवन का समय महत्वपूर्ण होता है, खासकर जन्म के शुरुआती विकास काल के दौरान जब प्रतिरक्षा प्रणाली परिपक्वता से गुजर रहा हो। शोध का निष्कर्ष पत्रिका ‘सेल’ में प्रकाशित हुआ है।

News Source- IANS

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