आज हमारे रोज़मर्रा के कामों की तरह गर्दन दर्द की अभिव्यक्ति भी बहुत आम हो गई है, इसका कारण गर्दन को गलत दिशा में रखना हो सकता है। बहुत से लोगों को गर्दन दर्द में दर्द का कारण अधिक समय तक गर्दन की मांसपेशियों, लिगामेंट, टेंडन, हड्डियों या जोड़ों का अधिक समय तक इस्तेमाल होता है। गर्दन में दर्द का कारण मांसपेशियों और गले के जोड़ों में किसी प्रकार की सूजन या दबाव भी हो सकता है। सर्वाइकल स्पाइन में किसी भी प्रकार की चोट के कारण भी गर्दन दर्द हो सकता है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। प्रतिदिन की हमारी दूसरी आदतें जैसे गलत तरीके से बैठने से भी गर्दन दर्द हो सकता है। आइए हम आपको बताते है ऐसी कौन-कौन सी क्रियाएं हैं जिनसे गर्दन का दर्द होता है।
गर्दन में दर्द के कारण
- काम करते समय, पढ़ते समय, टी वी देखते समय या फोन पर बात करते समय गर्दन को अधिक समय तक आगे की ओर या गलत दिशा में रखना।
- ऐसे तकियें पर सर रख कर सोना जो बहुत ज़्यादा ऊंचा या बहुत ज़्यादा नीचा हो जिससे आपका सर सही दिशा में ना रहता हो।
- अधिक समय तक झुककर काम करने की स्थिति में बैठना।
- अधिक समय तक पेंटिंग का काम करना या शरीर के ऊपरी भाग का इस्तेमाल करने वाले काम करना।
हालांकि गर्दन दर्द से बचने के बहुत से उपाय भी हैं जैसे आइस पैक लगाना, मसाज करना और दवाएं लेना। लेकिन सबसे अच्छा तरीका है बचाव की तकनीक अपनाना और निवारण, क्योंकि बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। हमारे शरीर के पोस्चर में थोड़ा सा भी परिवर्तन हमें दर्द से बचा सकता है। आइए जानें कैसे-
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गर्दन दर्द से बचाव के उपाय
हमेशा सीधा खड़े हो
गर्दन में दर्द और अकड़न से बचने के लिए यह ध्यान देना चाहिए कि जब भी आप खड़े है तो तनकर खड़े हो ताकि आपकी पीठ सीधी रहे।
सिर को देर तक झुकाए रखने से बचें
कुर्सी पर हमेशा सही मुद्रा में बैठें। कोशिश करें कि हमेशा सीधा ही बैठें और कुर्सी पर एक ही स्थिति में अधिक समय तक ना बैठें। गर्दन की मांस पेशियों को आराम देने के लिए समय-समय पर छोटे ब्रेक लेते रहें।
कम्प्यूटर पर काम करते हुए सही पोश्चर
कम्प्यूटर पर काम करते समय कम्प्यूटर को इस प्रकार से रखें कि मॉनीटर का टाप आपकी आंखों की सीध में रहें।
हैडसेट या ब्लूटूथ स्पीकर का इस्तेमाल
अगर आप अधिक समय तक टेलीफोन का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में आपको हैडसेट या स्पीकर फोन का इस्तेमाल करना चाहिए।
कार की सीट को अपराइट पोज़ीशन में रखें
कार की सीट को अपराइट पोज़ीशन में रखने से आपके सर और लोअर बैक को सपोर्ट मिलेगा। ध्यान रखें डाईव करते समय आपको स्टीयरिंग व्हील तक पहुंचने में ज़हमत ना उठानी पड़े और आपके हाथ आराम की स्थिति में रहें।
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तकिये का इस्तेमाल
जिन लोगों को गर्दन दर्द की समस्या रहती है उन लोगों को सोते समय गर्दन के नीचे तकिये का इस्तेमाल नही करना चाहिए और अगर करना भी है तो विशेष तरह के सर्वाइकल तकिये का इस्तेमाल करें जो बहुत ज़्यादा ऊंचा या बहुत ज़्यादा नीचा न हो इससे गर्दन के दर्द से राहत मिलें।
स्वस्थ आदतें
शरीर का भार घुटनों पर ना उठाकर पीठ के बल उठाना ज़्यादा अच्छा होगा और इससे गर्दन दर्द से भी आराम मिलेगा। तीव्र गर्दन दर्द से बचाव के लिए विशेषज्ञ स्वस्थ आदतें बनाने की सलाह देते हैं। जैसे-
- ऑफिस या घर में तनाव से बचें।
- मसल रिलैक्सेशन एक्सरसाइज़ और मसाज से भी दर्द से राहत मिलती है।
- गर्दन के दर्द की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना सुबह के समय में खुली ताजी हवा में घूमें।
- विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि धूम्रपान से घाव भरने में समय लगता है क्योंकि इससे रक्त के संचय की गति धीमी हो जाती है और टिश्यूज़ के बनने में भी समय लगता है, इसलिए धूम्रपान न करें।
- गर्दन से पीडि़त रोगी को अपने भोजन में विटामिन डी, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस की अधिकता वाले खाद्य पदार्थो का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
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गर्दन दर्द एक सामान्य समस्या है जिसका कारण किसी प्रकार का संक्रमण, सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस या र्यूमेटायड आर्थराइटिस हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सम्पर्क करना और सही तरीके की चिकित्सा लेना ही अच्छा विकल्प है। हममें से बहुत से लोगों के लिए गर्दन दर्द व्यस्त जीवनशैली या बुरी मुद्रा का प्रतीक है। इसका समाधान निकालना भी एक दर्द है इसलिए अच्छा होगा कि गर्दन दर्द के कारणों से बचें क्योंकि सर्वाइकल कालर भी आज फैशन से बाहर है।
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