एक ताजा सर्वेक्षण में पता चला है कि इन दिनों 30 की उम्र वाले लगभग आधे लोग पीठ दर्द से पीड़ित हैं, क्योंकि वे कई-कई घंटे गैजेट्स पर काम करते रहते हैं। ब्रिटिश काइरोप्रैक्टिक (काइरिप्रैक्टिक चिकित्सा पद्धति) एसोसिएशन के नेतृत्व में हुए इस सर्वेक्षण में पाया गया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के घटते आकार के परिणाम स्वरूप, डेस्क गैजेट्स की तुलना में लोगों में इन छोटे गैजेट्स की स्क्रीन पर झुक कर उपयोग करने की आदत बढ़ी है। और इस वजह से वे उनकी पीठ और गर्दन में दर्द से पीड़ित हो रहे हैं। डेली स्टार ने इस रिपोर्ट की जानकारी दी।
मोबाइल और टैबलेट
अगर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले गैजेट की बात की जाए तो मोबाइल व टैबलेट्स का नाम सबसे पहले आता है। सिर झुका कर लगातार मोबाइल या टैब की स्क्रीन पर आंखें गड़ाए रखने से गर्दन में दर्द हो सकता है। लोग अक्सर कंधे और कान के बीच मोबाइल को दबा कर लंबे समय तक बात करते रहते हैं, जिसके कारण गर्दन को नुकसान होता है। गलत तरीके से मोबाइल या टैब की स्क्रीन को रोज 2 घंटे से अधिक इस्तेमाल करना सर्वाइकल का कारण भी बन सकता है।
स्पाइन, नर्व व मांसपेशियां
जब हम लंबे समय तक डेक्सटॉप या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं तो इससे स्पाइन मुड़ सकती है। इससे स्प्रिंग की तरह काम करने की गर्दन की कार्यप्रणाली नाकारात्मक रूप से प्रभावित होती है व तंत्रिकाएं भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। ज्यादा देर तक लैपटॉप को गोद में रख कर काम करने से पैरों की मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचता है।
ब्रिटिश काइरोप्रैक्टिक एसोसिएशन के टिम ह्युचफुल ने इस संदर्भ में बताया कि कमर और गर्दन से संबंधित दर्द से पीड़ित लोगों कि संख्या बढ़ती जा रही है, क्योंकि नए वर्किंग कल्चर में एक जगह घंटों तक बैठे रहने का चलन बढ़ा है। लेकिन टिम के अनुसार बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना जरूरी होता है, ताकि शरीर पर पड़ रहे तनाव (खासतौर पर गर्दन व रीड़ पर) को दूर किया जा सके।