World No Tobacco Day 2023: प्रत्येक वर्ष 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको-डे यानी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य है कि दुनियाभर के लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना। हालांकि, ‘वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण’ की मानें, तो 2010 की तुलना में 2019 में 13 से 15 साल की उम्र के बच्चों में तंबाकू के सेवन की दर कम हुई है। वहीं, अगर हम अकेले भारत की बात करें, तो यहां तंबाकू सेवन की दर में इजाफा हुआ है। इस दृष्टि से देखा जाए, तो वर्ल्ड नो टोबैको-डे का विशेष महत्व है। इस लेख में मौजूद है वर्ल्ड नो टोबैको-डे का इतिहास और उसका महत्व, जो कि शारदा अस्पताल में ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. हेमंत साहनी से बातचीत पर आधारित है।
वर्ल्ड नो टोबैको-डे का इतिहास (History Of World No Tobacco Day )
तंबाकू के कारण होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 1987 में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला किया, ताकि तंबाकू के कारण होने वाली मृत्यु को रोका जा सके। साथ ही, विश्व का इस ओर ध्यान आकर्षित किया जा सके। 1987 में, विश्व स्वास्थ्य सभा ने प्रस्ताव WHA40.38 पारित किया, जिसमें 7 अप्रैल 1988 को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ घोषित किया गया। 1988 में, संकल्प WHA42.19 पारित किया गया था, जिसमें हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था।
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वर्ल्ड नो टोबैको-डे का महत्व (Importance Of World No Tobacco Day )
तंबाकू के सेवन की वजह से व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जैसे सांस संबंधी समस्या, दमा, अस्थमा, कैंसर आदि। विशेषज्ञों की मानें, तो तंबाकू धीमी मौत का कारण भी माना जाता है। इसके अलावा, तंबाकू का असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इस तरह देखा जाए, तो हर व्यक्ति के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानें और इससे खुद को दूर रखे।
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वर्ल्ड नो टोबैको-डे की इस वर्ष की थीम (Theme Of World No Tobacco Day)
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) प्रत्येक वर्ष इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए अलग-अलग थीम निर्धारित करती है। इस साल की थीम की बात करें, डब्लूएचओ के अनुसार, “We Need Food, Not Tobacco” यानी हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं, रखी गई है। वास्तव में इसका उद्देश्य किसानों को वैकल्पिक और पौष्टिक फसलों को उगाने के लिए प्रेरित करना है और उत्पादन तथा मार्केटिंग के अवसरों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
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तंबाकू का स्वास्थ्य पर प्रभाव (Side Effects Of Tobacco On health)
तंबाकू हमारे स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर डालता है। आज के दिन, इनके बारे में विस्तार से जान लेना बहुत जरूरी है-
तंबाकू का पाचन-तंत्र पर असरः धूम्रपान पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है, जिससे पाचन-तंत्र संबंधी समस्या होने लगती है। इसके अलावा, यह अल्सर, एसिड रिफ्लक्स और अन्य पाचन विकार के लिए भी जिम्मेदार है।
तंबाकू का स्किन पर असरः धूम्रपान या तंबाकू के सेवन की वजह से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे कम उम्र में ही त्वचा पर झुर्रियां और बढ़ती उम्र के अन्य लक्षण नजर आने लगते हैं। इनमें ड्राइनेस, स्किन का ढीला होना आदि शामिल हैं।
तंबाकू का रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर असरः धूम्रपान या तंबाकू के सेवन की वजह से पुरुष और महिला, दोनों का रिप्रोडक्टिव सिस्टम प्रभावित होता है। तंबाकू की वजह से पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो जाती है, शुक्राणुओं की संख्या में कमी आती है और उनकी गतिशीलता भी प्रभावित होती है। इसी तरह, महिलाओं का भी रिप्रोडक्टिव सिस्टम भी इफेक्ट होता है।
तंबाकू का असर ओरल हेल्थ परः धूम्रपान, मुंह का कैंसर, मसूड़ों की बीमारी और दांतों के खराब होने का एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा, मुंह से बदबू आना और दांतों के सड़न की समस्या भी हो जाती है।
तंबाकू का आंखों पर असरः धूम्रपान से मोतियाबिंद और अंधापन होने का खतरा भी बना रहता है।
तंबाकू का मानसिक स्वास्थ्य पर असरः धूम्रपान करने के कारण चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में भी इजाफा होने लगता है।इसके अलावा,मेंटल हेल्थ के खराब होने के रिस्क बढ़ जाते हैं। स्मोकिंग करने की वजह से याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।
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