बॉलीवुड एक्टर राजीव कपूर का 58 साल की उम्र में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया है। 80 के दशक में कपूर खानदान के इस बेहतरीन वारिस ने कई मशहूर फिल्मों में काम करके अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया था, जिसमें राम तेरी गंगा मैली, मेरा साथी, हम तो चले परदेस, प्रेम ग्रंथ, आ अब लौट चलें जैसी क्लासिक फिल्में महत्वपूर्ण हैं। राजीव कपूर लीजेंड्री एक्टर और फिल्ममेकर राज कपूर के बेटे और ऋषि कपूर तथा रणधीर कपूर के भाई थे।
नीतू कपूर ने दी राजीव कपूर के निधन की सूचना
राजीव के आकस्मिक निधन की सूचना उनकी भाभी और ऋषि कपूर की पत्नी नीतू कपूर ने एक पोस्ट के माध्यम से दी है। इसके अलावा भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई हस्तियों ने राजीव के लिए प्रार्थना करते हुए श्रद्धांजलि दी है।
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शुरुआती लक्षणों से पहचाना जा सकता है हार्ट अटैक
राजीव कपूर की मृत्यु का कारण हार्ट अटैक को बताया जा रहा है। हालांकि हार्ट अटैक अक्सर अचानक ही आता है, लेकिन शरीर के कुछ हिस्सों में इसके पूर्व संकेत दिखने लगते हैं, जिन्हें पहचानकर अगर सही समय पर इलाज कराया जाए, तो हार्ट अटैक की संभावना को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
मौजूदा वक्त में कई व्यक्ति किसी न किसी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जुझते रहते है। कई बढ़ती उम्र के कारण बीमार हो जाते है तो कई को अचानक कोई बीमारी घेर लेती है। इन्हीं सब बीमारियों में से एक घातक बीमारी हार्ट अटैक है। जैसा कि हम जानते है कि हार्ट अर्थात दिल हमारे शरीर का एक अभिन्न अंग है। इसके बिना कोई भी इंसान अपनी जीवन की परिकल्पना नहीं कर सकता है। आजकल ऐसे कई रोग है जो इंसान कि जान तुरंत ले लेता है। इन्हीं में से एक है हार्ट अटैक जिससे इंसान कि जान तुरंत जा सकती है। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि हार्ट अटैक के लक्षण क्या होते हैं। ताकि समय रहते आप इस जानलेवा बीमारी से बच सकें।
हार्ट अटैक आने से पूर्व के लक्षण
नींद में कमी आना:
अगर आप प्रतिदिन पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे है, जिसके कारण आपका स्वभाव चिड़चिड़ा होते जा रहा है। ऐसी स्थिति में आपको दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है। एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने ये बताया कि जो लोग आमतौर पर रात में 6 घंटे से कम सोते हैं, उन्हें दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने की संभावना सामन्य व्यक्ति से दोगुनी हो जाती है। कम नींद की वजह से इंसान कि रक्त की गति भी बढ़ जाती है। जो दिल के स्वास्थय के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
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शरीर के किसी भाग में सूजन:
हमारा दिल शरीर के सभी अंगों में रक्त पहुंचाने का कार्य करता है। ऐसे में जब हमें हार्ट संबंधी दिक्कतें आती है तो दिल को शरीर के सभी भाग में रक्त पहुंचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिसके कारण शरीर में सही तरह से रक्त का संचार नही हो पाता है। जिस-जिस भाग में रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता है शरीर के उस भाग में सूजन आ जाती है। ये सूजन हार्ट अटैक आने के पहले के लक्षण को बताता है।
सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी आना:
अगर किसी व्यक्ति को अचानक या हल्के-फुल्के काम से सांस लेने में दिक्कत आने लगे या सांस फूलने लगे तो उसे समझ लेना चाहिए कि उसका दिल सही से काम नहीं कर रहा है। इसी कारण उसके फेफड़े तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रहा है। शरीर में आने वाले ये बदलाव हार्ट अटैक के सीधे लक्षण को दिखाता है।
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चक्कर आना या घबराहट महसूस करना:
इंसान का दिल जैसे-जैसे कमजोर होने लगता है, वह सही से इंसान के पुरे शरीर में रक्त का संचार नही कर पाता है। जिसकी वजह से व्यक्ति के दिमाग(Brain) में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नही मिल पाता है। इसी कारण इंसान को चक्कर आने की स्थिति पैदा हो जाती है। उसे हर छोटी से छोटी बात को लेकर घबराहट होने लगती है। इंसान के ये बदलाव हार्ट अटैक के गंभीर लक्षणों को दर्शाता है।
धड़कनो मे तेजी व अधिक पसीना आना:
कई बार इंसान को अचानक तेज पसीना आने लगता है। जबकि पसीना आने का कारण न तो शारीरिक श्रम होता है और न ही तेज गर्मी। इस तरह की कमजोरी हमारी दिल के कमजोरी को दर्शाता है। और ये हार्ट अटैक के लक्षण भी माने जाते हैं।
कई बार हमारी दिल की धड़कनें काफी तेज या बहुत धीमी हो जाती है। यह भी हमारी दिल कि कमजोरियों को दर्शाती है। हमे ऐसा महसूस होता है जैसे हमारा दिल सिकुड़ रहा है। और इस कारण हमें तेज घबराहट भी होने लगती है। इस तरह के लक्षण को हमें कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये हार्ट अटैक के प्रभावी लक्षण माने जाते हैं।
हार्ट अटैक भी अन्य बीमारियों कि तरह एक बीमारी है। अगर हम इसके लक्षणों पर सही से ध्यान दें तो हम इस जानलेवा बीमारी से समय रहते पार पा सकते है और ठीक हो सकते है।
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