हिप्नोबर्थ थेरेपी के जरिये सामान्य प्रसव को बढ़ावा दिया जा रहा है, गर्भवती महिलायें इस तकनीक को आजमाकर प्रसव के दर्द को कम कर सकती हैं। प्रजनन के लिए यह तकनीक बहुत ही आसान मानी जा रही है। हिप्नोसिस थेरेपी चर्चा में तब आयी जब दुनिया की मशहूर हस्तियों ने इसे आजमाया। ब्रिटिश राजकुमारी केट मिमिडलटन से लेकर किम कार्दिशियन जैसी सेलिब्रिटी भी सामान्य प्रसव के दौरान हिप्नोसिस की नई तकनीक 'हिप्नोबर्थ' को आजमा चुकी हैं।
फॉक्स न्यूज में प्रकाशित खबर में इस थेरेपी से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं का पता चला है। कनेक्टिकट में हिप्नोबर्थ तकनीक पर काम कर रहीं सिंथिया ओवरगार्ड के अनुसार, ''हिप्नोसिस का मतलब है आराम और फोकस। इस तकनीक से हम गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्ट्रेस को कम करने और लेबर पेन के वक्त उनका फोकस बढ़ाने और दर्द से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं। इससे शरीर में फील गुड हार्मोन ऑक्सीटोसिन बढ़ता है और प्रजनन आसान होता है।''
ओवरगार्ड का मानना है कि महिलाएं सामान्यतया प्रजनन के दौरान इतनी अधिक डर और असुरक्षा महसूस करती हैं कि उनके शरीर में एड्रेनलाइन का स्तर बढ़ता है दिससे यूटरस की तरफ खून का प्रवाह कम होता है और प्रजनन में ज्यादा तकलीफ होती है। लेकिन इस तकनीक को आजमाने से खतरा कम हो जाता है।
इस थेरेपी के अंतर्गत गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को प्राणायाम, दृश्यों पर ध्यान से लेकर हिप्नोटिज्म के कई छोटे-छोटे सेशन दिए जाते हैं जिससे वे तनावमुक्त रहें।
लेबर पेन के दौरान कमरे में मध्यम रोशनी, हल्का संगीत और ध्यान बढ़ाने का सेशन होता है, इसका उद्देश्य प्रसव के दौरान दर्द को कम करना है। यह विधि प्राकृतिक रूप से प्रजनन के दौरान तनाव पर नियंत्रण रखने में कारगर हो सकती है लेकिन इसे एकमात्र विकल्प नहीं मान सकते हैं।
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