
How To Treat Head Injury: हर दिन न जाने कितने लोग चोटिल होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे- सड़क दुर्घटना, गिरना, किसी चीज से टकरा जाना आदि। कई बार चोट का इलाज घर पर करना मुमकिन होता है और अस्पताल नहीं जाना पड़ता। वहीं कुछ गंभीर मामलों में तुरंत अस्पताल जाने की जरूरत होती है। सिर हमारे शरीर का सेंसिटिव हिस्सा है। यहां चोट लगने से दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है। क्या कभी आपने सोचा है कि सिर पर चोट लग जाने पर क्या करना चाहिए? ज्यादातर लोग सिर पर लगी चोट को सामान्य चोट समझकर भूल जाते हैं। लेकिन सिर की मामूली-सी चोट भी गंभीर हो सकती है। सिर में चोट लगने पर सूजन और दर्द के अलावा सिर दर्द महसूस हो सकता है। खून के थक्के जमने जैसी समस्या हो सकती है। सिर पर चोट लगने से नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इससे बचने के लिए आपको यह जानना जरूरी है कि सिर में चोट लगने पर क्या करना चाहिए। यह जानकारी आपको और आपके आस-पास मौजूद लोगों की मदद करने में मददगार होगी। ओनलीमायहेल्थ की ''How To Series'' में आज हम जानेंगे कि सिर पर चोट लगने पर क्या करना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
सिर पर चोट लगने पर क्या करें?- How To Treat Head Injury
घाव को साफ करें
सिर पर चोट लगने पर सबसे पहले घाव को साफ करें। त्वचा पर चिपकी धूल-मिट्टी को एंटीसेप्टिक स्प्रे और कॉटन की मदद से साफ कर लें। चेक करें कि ब्लीडिंग रुकी है या नहीं। ज्यादा ब्लीडिंग की स्थिति में इंतजार न करें, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
बर्फ की सिंकाई करें
चोट या घाव को साफ करने के बाद, उस पर बर्फ से सिंकाई करें। बर्फ से सिंकाई करने से दर्द और सूजन कम होती है। खून बहना भी बंद हो जाता है। सिंकाई करने से ऊतक की क्षति को रोकने में मदद मिलती है।
पट्टी बांध दें
जब चोट का घाव अच्छी तरह साफ हो जाए और खून रुक जाए, तो घाव पर दवा लगाकर पट्टी बांध दें। पट्टी ज्यादा ढीली या ज्यादा टाइट नहीं होनी चाहिए। पट्टी को हर दिन बदलना चाहिए। जितनी बार आप पट्टी को बदलें, उतनी बार घाव को एंटीसेप्टिक दवा की मदद से साफ कर दें।
आराम जरूरी है
सिर पर चोट लगने के बाद, 1-2 दिन शारीरिक श्रम करने से बचना चाहिए। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा आराम करें। सिर की चोट के कारण कई बार सिर घूमने या चक्कर आने जैसे लक्षण महसूस होते हैं। ऐसा ब्रेन टिशूज के हिल जाने के कारण होता है। ये लक्षण कुछ समय में ठीक हो जाते हैं। इस दौरान डॉक्टर बेड रेस्ट की सलाह देते हैं।
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सिर में चोट लगने पर इन बातों का ध्यान रखें- Points To Remember During Head Injury
- अगर किसी व्यक्ति को चोट लगी है, तो उसे हिलाएं नहीं और जब तक अस्पताल न पहुंच जाएं, व्यक्ति को लेटे रहने दें।
- खून बहने की स्थिति में कंधे और सिर को ऊपर की ओर उठाकर रखें। इससे खून बहना कम हो जाएगा।
- चोट के अलावा फ्रैक्चर के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो ब्लीडिंग रोकने के लिए चोट को हाथ से न दबाएं।
- गंभीर चोट की स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?- When To Seek Doctor's Help
डॉक्टर सिर पर लगी चोट की जांच करने के लिए न्यूरो परीक्षण करते हैं। इसके अलावा व्यक्ति की याददाश्त, संतुलन यानी शरीर का बैलेंस, आंखें आदि की जांच भी की जाती है। अगर नीचे बताए गंभीर लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं-
- बेहोशी।
- खून का न रुकना।
- उल्टी होना।
- आंखों से धुंधला नजर आना।
- बोलने में गड़बड़ी होना।
- कमजोरी महसूस करना।
- चक्कर आना।
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