बचपन से अपने बच्चों को थैंक यू बोलना और आभार व्यक्त करना सिखाएं, जानें इसे सिखाने के 5 आसान टिप्स

अपने बच्चों को यह समझाएं कि जीवन की छोटी-छोटी चीजें उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी बड़ी घटनाएं। 
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बचपन से अपने बच्चों को थैंक यू बोलना और आभार व्यक्त करना सिखाएं, जानें इसे सिखाने के 5 आसान टिप्स

एक अभिभावक के रूप में, मां-बाप की कई सारी जिम्मेदारियां होती हैं। उन्हीं कुछ जिम्मेदारियों में से एक है आप अपने बच्चों को हर चीज के प्रति कैसे कृतज्ञ बनाएंगे और उन्हें उसके लिए आभार व्यक्त करना कैसे सिखाएंगे। किसी भी चीज के लिए दोष देना बहुत आसान होता है, पर हर चीज जो हमें मिली है उसके लिए शुक्रिया अदा करना और आभारी होना बहुत मुश्किल काम है। इसी तरह थैंक यू और सॉरी कहना भी लोगों के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में हर मां-बाप को चाहिए कि वे अपने बच्चों को थैंक यू और सॉरी का महत्व सिखाएं। हो सकता है कि इसके लिए आपको आपकी मां-बाप और दादा-दादी को सुनाई कहानियों की भी मदद लेनी पड़े पर आप एक बार ऐसा करने की कोशिश जरूर करें। आइए हम आपको बताते हैं कि आप अपने बच्चों को थैंक यू बोलना और आभार व्यक्त करना कैसे सीखा सकते हैं।

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अपने बच्चों को थैंक यू बोलना और आभार व्यक्त करना कैसे सिखाएं?

खुद एक रोल मॉडल बनें-

अपने बच्चे को आसानी से धन्यवाद कहना सिखाना बहुत आसान है। लेकिन आप उनमें वास्तविक कृतज्ञता की भावना कैसे पैदा करते हैं? यह करना आसान बात नहीं है। लेकिन अगर आप दृढ़ रहें, तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे। एक रोल मॉडल बनने का मतलब है कि आप जो बच्चे को बता रहे हैं, वैसे खुद हों। ऐसा इसलिए क्योंकि एक बच्चा हमेशा वही करता है, जो देखता है। उसके आसपास के लोग क्या कर रहे हैं, कैसे बोल रहे हैं और किस करह से बाकी लोगों से पेश आ रहे हैं इत्यादि आपका बच्चा सब इसी को देखकर सीख सकता है। इसलिए उनके लिए पहले आप रोल मॉडल बनिए। अपने जीवन में छोटी और बड़ी चीजों के लिए आभारी रहें और लोगों को हर छोटे-बड़े कामों के लिए शुक्रिया कहें। इसके बारे में मुखर हो कर प्रयाक करते रहें और सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा इसे देख रहा हो। इस तरह हर छोटी चीज के लिए थैंक यू बोलना बतला कर आप उसे भविष्य के लिए एक बेहतर इंसान के रूप में तैयार कर सकते हैं।

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अपने बच्चे को आशीर्वाद गिनना सिखाएं-

अपने बच्चे से पूछें कि वह आज के लिए क्या आभारी है और आज उन्हें किसने आशीर्वाद में कुछ दिया। उन्होंने उसके बाद उन लोगों को थैंक्स कह की नहीं। इस तरह आप अपने बच्चे से हर दिन इसके बारे में पूछें। जल्द ही यह एक आदत बन जाएगी और वह अपने जीवन में कई चीजों के लिए स्वचालित रूप से आभारी होंगे। कृतज्ञता फिर जीवन का एक तरीका बन जाएगा। वह घर के नौकरों से लेकर बाहरी लोगों तक को थैंक यू कहने से पीछे नहीं हटेंगे। इस तरह ये आदत उनमें घर कर लेगी और आपको आगे चलकर इन चीजों के लिए चिंता नहीं होगी।

उन्हें दूसरों की मदद करना सिखाएं-

घर की छोटी-बड़ी चीजों में बच्चे से मदद लें और उन्हें इसके लिए थैंक्स बोलें। फिर आप उनके कामों में भी उनकी मदद करें और उनसे थैंक्स लें। इसी तरह उन्हें बाकी लोगों की भी मदद करना सिखाएं। उन्हें हर तरह के दान और मदद के कार्यों को करते हुए शामिल करें। यह न केवल उसे दूसरों की मदद करना सिखाएगा, बल्कि उसके पास उसके लिए कृतज्ञता की भावना भी पैदा करेगा। इस तरह वे समझेंगे कि दुनिया में कुछ लोगों को हमारी जरूरत होती है, तो कुछ लोगों की हमें। इस तरह से आप आपके बच्चे खुद ही मानवीय भावनाओं को समझना सीख लेंगे।

अपनी चीजों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें-

अपने बच्चे को उन लोगों के साथ अपनी बातें साझा करना सिखाएँ जो कम विशेषाधिकार प्राप्त हैं। उसे एक अनाथालय में ले जाएं और वहां बच्चों को उसकी उम्र से मिलने दें। उसे एहसास होगा कि उसके पास क्या है और इसके लिए वह कृतज्ञ है। साथ ही उन्हें हर चीज को लोगों से बांटना सिखाएं। उन्हें इस तरह की छोटी-छोटी आदतों का आदी बना कर आप उन्हें एक बेहतर नागरिक के रूप में तैयाक कर सकते हैं। 

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हर कोशिश के लिए उन्हें सकारात्मक रहना सिखाएं-

ये बेहद जरूरी चीज है। अपने बच्चे को हुर चीज, हर काम को करने और उसके परिणांमों की बिना चिंता किए सकारात्मक रहना सिखाएं। अप्रतिकूल परिस्थितियों की कहानियां सुनाएं और उनसे इससे मिली सीख के बारे में पूछें। उसे इस बात का महत्व बताएं कि दुनिया में बहुत से लोगों को बहुत महनत करके भी चीजें नहीं मिलती। यह आपके बच्चे को दिखाएगा कि सब कुछ इतना बुरा नहीं है और उसे दूसरों के भाग्य के लिए आभारी होना सिखाएं। वह जीवन को और अधिक सकारात्मक रूप से देखना शुरू कर देगा और यही सब उनकी असल कृतज्ञता होगी।

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