
अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंतित रहते हैं। बच्चे के स्कूल टेसट और एक्जाम का समय पेरेंट्स के लिए काफी कठिन समय होता है। क्योंकि इस समय उन्हें अपने बच्चों की विशेष देखभाल और ध्यान देने की जरूरत होती है। कई बार बच्चे अपने शिक्षकों और माता-पिता की उम्मीदों से भी प्रभावित होते हैं, जो अक्सर स्कूल टेस्ट और एक्जाम में अच्छे नम्बर लाने को लेकर होता है। लेकिन यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि बच्चे पर हर समय दबाव डालना भी सही नहीं है। यदि आपका बच्चा पढ़ने में पीछे है या आपकी उम्मीदों पर खरा नही उतर पा रहा है, तो आप उसे डांटने के बजाय इन टिप्स को अपनाएं।
बच्चे को दोस्त बनकर सिखाएं और समझाएं
जब भी कभी आप अपने बच्चे को पढ़ाई हो या डेली लाइफ से जुड़ी कोई बातें समझाते हैं, तो उसके दोस्त बनकर उसे बताएं और समझाएं। इससे वह आसानी से आपकी बात समझेगा और आपकी बात को तव्वजो देगा, न कि भाषण समझेगा। ठीक इसी प्रकार आप उसे पढ़ाइ्र के लिए भी प्रेरित और उत्साहित कर सकते हैं।
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पढ़ाई करते समय रचनात्मक बनें
अगर आप भी अपने बच्चे को टीचर बनकर पढ़ाने बैठेंगे, तो वह कभी भी आपकी बात नहीं समझेगा। इसलिए हमेशा उसे बच्चा बनकर ही समझाएं। इसके अलावा, रचनात्मक बनकर खेल-खेल में चीजों को समझाएं। आप जिस भी सवाल को हल करना खेल-खेल में समझाएंगे, बच्चा उसका फॉर्मुला कभी नहीं भूलेगा। इसके साथ ही उसे चीजें आसानी से समझ में आएंगी। हमेशा किताब को लेकर बैठाने के बजाय, चलते-फिरते उसे चीजें सिखांए।
घर में अभ्यास कराएं और टेस्ट लें
ऐसा नहीं है कि आपका बच्चा स्कूल जा रहा है, तो केवल टीचर की जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चे को पढ़ाए। एक अध्यापक के साथ-साथ अभिभावक का भी फर्ज है कि वह बच्चे को घर में अभ्यास कराए। इसके साथ-साथ कुछ क्रिएटिव तरीके से बच्चे का टेस्ट लें और पास होने पर उसकी मन पसंद का इनाम दें।
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अचछी नींद पैटर्न और खेल-कूद
आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो ऐसा नहीं है, कि आप उसे सोने न दें या फिर खेलने न दें। बच्चे की अच्छी बुद्धि और विकास के लिए नींद, अच्छा खानपान और खेल-कूद भी जरूरी है। क्योंकि अपर्याप्त नींद और पोषण के कारण भी अक्सर बच्चे अपने एक्जाम में अच्छा स्कोर नहीं कर पाते हैं। किसी बड़े टेस्ट या एक्जाम से पहले अपने बच्चे को देर रात तक पढ़ने के लिए मजबूर न करें।
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