
आँखों के आगे अन्धेरा छा जाने और उसके बाद शिथिल पड़ जाने को बेहोशी कहते हैं। ऐसा मस्तिष्क में खून की आपूर्ति अचानक कम हो जाने से होता है। इससे कुछ समय के लिए बिलकुल होश नहीं रहता। आमतौर पर ऐसे में जमीन पर गिर जाने से शरीर और मस्तिष्क समतल हो जाते हैं। इससे सिर और मस्तिष्क में खून की आपूर्ति फिर से पूरी हो जाती है। बहुत से लोग बेहोश होने के बाद समझ ही नहीं पाते की उन्हें क्या करना चाहिये, लेकिन आज हम आपको कुछ बातों की सलाह देगें जो आपको बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिये।
बेहोशी आने का कारण
बेहोशी का खास कारण है शरीर में पानी की कमी या फिर लो ब्लड प्रेशर की समस्या। गर्मी का दिन और सूरज की तपिश से शरीर बिल्कुल बेजान हो जाता है।जब शरीर में पानी और खनिज लवणों का क्षरण गंभीर रूप से हो जाता है तो व्यक्ति बेहोशी की हालत में आ जाता है। साथ ही शुद्ध वायु का न मिलना भी बेहोशी का एक कारण हो सकता है, क्योंकि इससे व्यक्ति का दम घुट सकता है। ऐसा प्रायः बंद कमरे में रहने की वजह से होता है, जहाँ खिड़कियाँ, रोशनदान, दरवाजे सभी पूरी तरह से बंद हों। फिर अत्यधिक थकान की वजह से भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है। मधुमेह के रोगी यदि अधिक समय तक भूखे रहें तो उनकी रक्त शर्करा का स्तर काफी गिर जाता है और वे बेहोश हो सकते हैं।
बेहोशी से ऐसे निपटे
एक बार जब आपको थोड़ा सा होश आ जाए, तब सीधे ना खडे़ हो कर पहले बैठें या फिर कुछ देर तक लेटे ही रहें। खडे़ होने से ब्लड़ का प्रेशर सीधे दिमाग की ओर पहुंचेगा जिससे आप दुबारा गिर पडेंगे। कई लोग सोंचते हैं कि बेहोश होने के बाद क्या खाएं। नमकीन आहार खाने से लो ब्लड प्रेशर नार्मल हो जाता है। बेहोश होने के बाद अगर आप अपनी जीभ पर एक चुटकी नमक भी रख लें, तो भी आप ठीक हो सकते हैं।आराम से सांस लें
बेहोश होने के बाद अपने टाइट कपडों को खोल दें और आराम से गहरी सांस भरें।अक्सर बेहोशी तभी आती है जब आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी पीने से आपकी तबियत ठीक हो सकती है। बेहोश होने के कुछ घंटो के बाद आपको सिट्रिक जूस जैसे संतरा, नींबू या पाइनएप्पल जूस आदि पीना चाहिये।
तेज अल्ट्रा वायलेट किरणों और धूप से बचने के लिए धूप के चश्मे और हैट का प्रयोग करना भी काफी लाभप्रद साबित हो सकता है।
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