Ujjayi Pranayama Benefits: मानसून के दिनों में सर्दी-जुकाम की समस्या आम हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में उज्जायी प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद फायदेमंद साबित होगा। उज्जायी प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत करता है। उज्जायी प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर बनाता है। जब फेफड़े पूरी तरह से काम करते हैं, तो शरीर में ऑक्सीजन का संचार अच्छा रहता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
यह प्राणायाम शरीर के भीतर की ऊर्जा को सक्रिय करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। नियमित अभ्यास से शरीर बेहतर तरीके से इंंफेक्शन से लड़ने में सक्षम होता है और इस तरह सर्दी-जुकाम की संभावना कम हो जाती है। उज्जायी प्राणायाम गले और साइनस के मार्गों को साफ रखता है। मानसून के दौरान नमी के कारण गले में जमा होने वाला कफ दूर होता है। सांस लेने में आसानी होती है और सर्दी-जुकाम से बचाव होता है। उज्जायी प्राणायाम शरीर के तापमान को संतुलित करने में मदद करता है, जो मानसून के दौरान जरूरी है। तापमान के संतुलन से शरीर सर्दी-जुकाम से बचा रह सकता है। इस लेख में जानेंगे उज्जायी प्राणायाम के फायदे और इसे करने का तरीका। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
उज्जायी प्राणायाम के फायदे- Ujjayi Pranayama Benefits
उज्जायी प्राणायाम के कई फायदे हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं-
- यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और श्वसन प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की समस्याओं में भी फायदेमंद होता है।
- उज्जायी प्राणायाम नियमित रूप से करने से मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। यह मन को शांति प्रदान करता है और सकारात्मक विचारों को बढ़ावा देता है।
- उज्जायी प्राणायाम थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है।
- उज्जायी प्राणायाम शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को बढ़ाता है। यह दिनभर की थकान को दूर करने में मदद करता है।
- उज्जायी प्राणायाम गले और नाक के मार्ग को साफ रखता है।
- यह प्राणायाम पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और अपच, गैस और अन्य पाचन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
- यह प्राणायाम उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो अनिद्रा या अन्य नींद संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं।
- उज्जायी प्राणायाम की मदद से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। लेकिन हाई बीपी के मरीजों को, एक्सपर्ट की देखरेख में इस प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।
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उज्जायी प्राणायाम को करने का तरीका- How To Do Ujjayi Pranayama
- सबसे पहले आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं, जैसे कि पद्मासन, सुखासन, या वज्रासन।
- रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और आंखें बंद कर लें।
- धीरे-धीरे अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करें और इसे कंट्रोल करने की कोशिश करें।
- नाक से धीरे-धीरे और गहराई से सांस लें।
- सांस लेते समय अपने गले को थोड़ा संकुचित करें ताकि हल्की सी आवाज उत्पन्न हो, जैसे कोई "हस्स" या "सी" ध्वनि।
- यह ध्वनि समुद्र की लहरों जैसी महसूस होनी चाहिए।
- नाक से धीरे-धीरे और पूरी तरह से सांस छोड़ें।
- सांस छोड़ते समय भी गले को संकुचित रखें ताकि वही ध्वनि उत्पन्न हो।
- इस प्राणायाम को 5-10 मिनट तक कर सकते हैं।
- उच्च रक्तचाप या गंभीर हृदय समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति इसे एक्सपर्ट की निगरानी में ही करें।
- उज्जायी प्राणायाम को नियमित रूप से करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में काफी सुधार होता है।
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