World No Tobacco Day 2024: तेलंगाना राज्य सरकार ने गुटखा और पान मसाला पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तंबाकू का सेवन हर साल वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों की मौत का कारण बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, तंबाकू खाने से हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं हर साल करीब 12 लाख लोग पैसिव स्मोकिंग से मरते हैं। वर्ल्ड नो टोबैको डे (World No Tobacco Day 2024) हर साल 31 मई को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य तंबाकू के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और तंबाकू के सेवन को कम करने के प्रयासों को बढ़ावा देना। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से इसे 1987 में शुरू किया गया था। इसी कड़ी में ओनलीमायहेल्थ आपको जानकारी देगा कि तंबाकू खाने या धूम्रपान करने से इम्यूनिटी पर क्या असर पड़ता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
तंबाकू-धूम्रपान का सेवन करने वाले लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है
तंबाकू खाने और धूम्रपान करने से इम्यूनिटी पर बुरा असर पड़ता है। तंबाकू का सेवन चाहे बीड़ी के तौर पर करें या गुटखे के तौर पर, वह सेहत के लिए नुकसानदायक ही होता है। इम्यूनिटी को कमजोर करने के लिए तंबाकू मुख्य भूमिका निभाता है। जो लोग तंबाकू या धूम्रपान का सेवन करते हैं, वे जल्दी बीमार हो सकते हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी। आपको बता दें कि तंबाकू में कार्सिनोजेन नाम का पदार्थ पाया जाता है, जो इम्यूनिटी को कमजोर करता है और कैंसर का कारण बनता है।
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तंंबाकू खाने या धूम्रपान करने का इम्यूनिटी पर क्या असर पड़ता है?- Impact of Tobacco on Immunity
- आपको बता दें कि तंबाकू खाने या धूम्रपान करने से शरीर में इम्यून सेल्स की कमी हो जाती है।
- इम्यून सेल्स की कार्यक्षमता कम हो जाती है जिस वजह से वे बीमारियों से शरीर को बचा नहीं पाते।
- तंबाकू चबाने और धूम्रपान करने से मुंह और गले में सूजन हो सकती है, जो कई प्रकार के इंफेक्शन का कारण बन सकती है।
- तंबाकू चबाने या धूम्रपान करने से गले, मुंह और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- तंबाकू चबाने से मुंह के घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।
- तंबाकू और धूम्रपान से ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और अन्य श्वसन संक्रमण हो सकते हैं क्योंकि धूम्रपान से फेफड़ों और श्वसन तंत्र की प्रतिरक्षा क्षमता कम हो जाती है।
- धूम्रपान करने से ऑटोइम्यून बीमारियां हो सकती हैं जैसे- ल्यूपस और रूमेटाइड आर्थराइटिस।
- धूम्रपान और तंबाकू के कारण टीकाकरण की प्रभावशीलता कम हो जाती है और आप जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।
इसलिए जल्द से जल्द तंबाकू और धूम्रपान का सेवन बंद कर दें। अगर आप तंबाकू की लत को छोड़ना चाहते हैं, तो भारत सरकार इसके लिए राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम चलाती है। इस 1800 112 356 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके आप अपने लिए सहायता ले सकते हैं।
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