
Can You Live A Long Life With Leukemia In Hindi: क्रोनिक ल्यूकेमिया ऐसा कैंसर है, जो बोन मैरोज को प्रभावित करता है। यह ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है। क्रोनिक ल्यूकेमिया खासकर उस टिश्यूज पर असर डालता है, जो व्हाइट ब्लड सेल्स प्रोड्यूस करते हैं। एक्यूट ल्यूकेमिया की तुलना में क्रोनिक ल्यूकेमिया धीरे-धीरे प्रोग्रेस करता है। आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि क्रोनिक ल्यूकेमिया होने पर मरीज को लंबे समय तक इसके कोई लक्षण नजर नहीं आ सकते हैं। इसलिए, इस बीमारी का समय पर पता चलना बहुत जरूरी होता है, ताकि समय पर इसका इलाज किया जा सके। बहरहाल, क्रोनिक ल्यूकेमिया बोन मैरो सेल्स में जेनेटिक बदलाव के कारण होता है। इसलिए, इसे रोक पाना संभव नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि जिन्हें क्रोनिक ल्यूकेमिया है, वे अपनी लाइफस्टाइल को इस तरह मैनेज करें, ताकि वे हेल्दी और स्वस्थ जीवन जी सकें। इस बारे में हमने सर्वोदय हॉस्पिटल में Consultant डॉ. चिन्मयी अग्रवाल से बात की।
क्रोनिक ल्यूकेमिया के मरीज स्वस्थ जीवन कैसे जिएं?- How To Live With Chronic Leukemia In Hindi
-1749305827725.jpg)
फिजिकल हेल्थ का ट्रैक रखें
क्रोनिक ल्यूकेमिया के मरीजों के लिए बहुत जरूरी है कि वे अपने हेल्थ का प्रॉपर ट्रैक रखें। किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर को सूचना दें। इसके अलावा, डॉक्टर ने जो-जो करने को कहा हो, उसे जरूर करें। अपनी दवाएं समय पर लें, ताकि लापरवाही की कोई गुंजाइश न रह जाए। फिजिकल हेल्थ ट्रैक करने की वजह से आप समय पर अस्पताल जा सकते हैं और अपने ट्रीटमेंट को जारी करवा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: ब्लड कैंसर कितने तरह के होते हैं? जानें इसके शुरुआती लक्षण
मेंटल हेल्थ पर रखें नजर
कैंसर अपने आप में एक गंभीर समस्या है। इसे मैनेज करना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में मरीज के लिए अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। खासकर, क्रोनिक ल्यूकेमिया जैसी स्थिति में मरीज की मेंटल हेल्थ काफी ज्यादा प्रभावित होती है। क्रोनिक ल्यूकेमिया के मरीज हर समय इस डर में रहते हैं कि न जाने की स्थिति कब गंभीर हो जाए। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप समय-समय पर काउंसलिंग करवाएं और अपने आपको दूसरी एक्टिविटीज में इंवॉल्व रखें। साथ ही, जरूरी है कि आप पर्याप्त नींद लें। इससे भी मेंटल हेल्थ मं सुधार होता है।
एक्सपर्ट की मदद लें
क्रोनिक ल्यूकेमिया के मरीजों के अलए अपनी कंडीशन को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। कई बार क्रोनिक ल्यूकेमिया होने के कारण वे डिप्रेस हो सकते है, जो कि उनकी कंडीशन को बिगाड़ सकती है। स्वास्थ्य बेहतर रहेगी, इसके लिए जरूरी है कि आप एक्सपर्ट की मदद लें। साथ ही, अपने स्ट्रेस को मैनेज करने की स्किल्स पर भी ध्यान दें। इस बात को याद रखें कि आप जितना खुश रहेंगे, हेल्थ में उतना सुधार होगा।
इसे भी पढ़ें: क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव
हेल्दी डाइट फॉलो करें
क्रोनिक ल्यूकेमिया होने पर आपको किस तरह की डाइट लेनी है, इस संबंध में एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से आप क्रोनिक ल्यूकेमिया के लक्षणों को मैनेज कर सकते हैं और अपनी परेशानियों को कम कर सकते हैं। क्रोनिक ल्यूकेमिया के मरीजों को अपनी डाइट में फल और सब्जियां जरूर शामिल करनी चाहिए। अगर डॉक्टर ने किसी चीज को खाने से मना किया है, तो उसे न खाएं।
इम्यूनिटी को करें बूस्ट
क्रोनिक ल्यूकेमिया के मरीजों के लिए यह बात बहुत जरूरी है कि वे अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए सही उपाय अपनाएं। इम्यूनिटी बेहतर रहती है, तो इंफेक्शन का रिस्क भी कम हो जाता है। संभव हो, तो डॉक्टर से कहें कि आपको जरूरी वैक्सीनेशन लगवाएं, इससे इम्यूनिटी में सुधार होगा और इंफेक्शन का रिस्क भी कम होगा।
All Image Credit: Freepik
FAQ
ल्यूकेमिया से व्यक्ति का दैनिक जीवन कैसे प्रभावित होता है?
ल्यूकेमिया से व्यक्ति की लाइफ काफी ज्यादा प्रभावित होती है। वे अक्सर थकान और कमजोरी से भरे रह सकते हैं या स्वास्थ्य से जुड़ी कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।ल्यूकेमिया से कौन सा अंग प्रभावित होता है?
ल्यूकेमिया से बोन मैरो और इसके आसपास के अंग प्रभावित होते हैं। आमतौर पर ल्यूकेमिया होने पर लिवर पर भी बुरा असर देखने को मिलता है।क्या आप ल्यूकेमिया होने के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं?
अगर समय पर ल्यूकेमिया का पता चल जाए, तो मरीज सही ट्रीटमेंट करवा सकता है। इसकी मदद से व्यक्ति लंबे समय तक सामान्य और स्वस्थ जिंदगी जी सकता है। हालांकि, ट्रीटमेंट में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए और लाइफस्टाइल में बुरी आदतों को भी छोड़ देना चाहिए।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 27, 2025 12:28 IST
Published By : Meera Tagore