ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) होने पर रात को पसीना क्यों आता है? जानें इसके कारण

कुछ लोगों को रात के समय में अधिक पसीना आता है। यह समस्या ल्यूकेमिया की ओर संकेत कर सकती हैं। आगे जानते हैं इस बारे में  
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ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) होने पर रात को पसीना क्यों आता है? जानें इसके कारण


शरीर में होने वाले कई बदलावों की वजह से ल्यूकेमिया हो सकता है। यह ब्लड कैंसर है। इसमें व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। इस गंभीर बीमारी में कुछ मरीजों को रात में बहुत अधिक पसीना आने का लक्षण देखा जाता है। वैसे, रात को पसीना आना कई अन्य रोगों का भी लक्षण हो सकता है। लेकिन, ल्यूकेमिया होने के बाद यदि रोगी को रात में पसीना आ रहा है, तो डॉक्टर इससे रोग के प्रभाव और उसके बारे में जानकारी जुटा सकते हैं। आगे जानते हैं कि ल्यूकेमिया क्या होता है और इसमें व्यक्ति को रात के समय ज्यादा पसीना क्यों आता है। 

ल्यूकेमिया क्या है?- What is Leukemia 

ल्यूकेमिया एक प्रकार का कैंसर है, जो बोन मैरो में उत्पन्न होता है। यह रक्त और रक्त बनाने वाले टिश्यू को प्रभावित करता है। यह इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावति करता है। इन सेल्स के अनियंत्रित वृद्धि रक्त की अन्य कोशिकाओं के उत्पादन में बाधा डालती है। ऐसे में रोगी को थकान, कमजोरी और इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। 

ल्यूकेमिया में रात को पसीना क्यों आता है? - Why Does Leukemia Cause Night Sweat In Hindi

रात में पसीना आना या नींद के दौरान ज्यादा पसीना आना, ल्यूकेमिया का एक लक्षण हो सकता है। हालांकि, इसे केवल ल्यूकेमिया तक ही सीमित नहीं माना जा सकता है। यह समस्या अन्य रोगों से भी जुड़ी हो सकती है। फिलहाल, इस विषय पर आगे की रिसर्च चल रही है। आगे मेडिकल न्यूज टूडे के अनुसार जानते हैं कि ल्यूकेमिया के मरीज को रात में ज्यादा पसीना आने के पीछे कौन से कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। 

leukemia symptoms in

बुखार और सूजन

ल्यूकेमिया के रोगियों को रात में पसीना आने का एक प्राथमिक कारण बुखार और सूजन भी हो सकता है। जैसे ही ल्यूकेमिया कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, वे ऐसे पदार्थ छोड़ती हैं जो शरीर में सूजन प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं। सूजन बढ़ने से शरीर का टेम्परेचर बढ़ सकता है, जिससे रात को पसीना आने लगता है। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि शरीर अपने टेम्परेचर को नियंत्रित करने का प्रयास करता है। 

सर्कैडियन लय प्रभावित होना (Circadian Rhythms)

ल्यूकेमिया शरीर की प्राकृतिक सर्कैडियन रिदम (सोने और जागने का पैटर्न) को बाधित कर सकता है, यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। कैंसर कोशिकाओं का असामान्य बढ़ोतरी से सर्कैडियन रिदम के साथ ही शरीर के हार्मोन भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे स्लीप पैटर्न बाधित हो सकता है और व्यक्ति को रात में अधिक पसीना आ सकता है। 

दवा के दुष्प्रभाव

ल्यूकेमिया के इलाज में कीमोथेरेपी व दवाओं से भी व्यकित को रात में पसीना आ सकता है। इसके इलाज में अक्सर कैंसर कोशिकाओं के साथ ही तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कुछ मामलों में यह प्रक्रिया स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकती है।

तनाव और चिंता

ल्यूकेमिया का पुष्टि होने के बाद व्यक्ति को तनाव और चिंता हो सकती है। इसकी वजह से भी व्यक्ति को रात के समय में पसीना आ सकता है। दरअसल, कैंसर के पहचान होने के बाद व्यक्ति पर भावनात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर के तापमान पर भी असर पड़ सकता है। 

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ल्यूकेमिया एक तरह का गंभीर रोग है। इसकी पहचान होते ही व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर रोग की गंभीरता और जटिलता के आधार पर आपके लिए इलाज की सही प्रक्रिया का चुनाव कर सकते हैं। ऐसे में इलाज के लिए देरी करना जान का जोखिम बढ़ा सकता है।

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