आज के समय में सब्जियों-फलों में न तो पहले वाला स्वाद ही रहा और न ही पौष्टिकता। चाहें हम कितना भी क्यों न खा लें, हमारे शरीर को लगता ही नहीं है। वजह साफ है, मार्केट में बिकने वाली सब्जियों और फलों में ही कमी है। फलों चाहे सब्जियों में स्वाद के साथ सुगंध भी कहीं खो सही गई है। कारण है मिलावटखोरी। सब्जियों व फलों में कैमिकल्स आदि का इस्तेमाल कर या फिर मोम लगाकर उसे चमकाया जाता है, जिससे लोग आसानी से उसे देख खरीद लेते हैं। इस आर्टिकल में हम जमशेदपुर के गोविंदपुर में अपने क्लीनिक में बैठने वाले जनरल फिजिशियन डॉ. नागेंद्र सिंह से बात करने के साथ जमशेदपुर के हाता में करीब 5 एकड़ में ऑर्गेनिक फार्मिंग करने वाले विशाल मंडल से बात कर ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। वहीं जानते हैं कि कैसे हम कैमिल्स युक्त फलों व सब्जियों की पहचान कर सकें।
कैमिकल्स युक्त सब्जियों में मुनाफा ज्यादा
विशाल मंडल बताते हैं कि कैमिक्लस युक्त सब्जियों में मुनाफा ज्यादा होता है। क्योंकि इसका उत्पादन तेजी से होने के साथ बिक्री जल्दी होती है। इससे किसानों को फायदा होता है। लेकिन ऑर्गेनिक विधि से खेती करने से उत्पादन धीमा होने के साथ यह खर्चीला भी है। क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के पेस्टीसाइड्स आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसमें सामान्य फसलों की तुलना में देखरेख में ज्यादा समय लगता है। वहीं सामान्य सब्जियों की तुलना में इसकी कीमत भी ज्यादा होती है। क्योंकि लागत में खर्च अधिक आता है। इन तमाम कारणों से वजह से लोग इसकी खेती करने की तुलना में बिजनेस के तौर पर कैमिकल युक्त सब्जियों की खेती करते हैं।
सब्जियों में पेस्टीसाइ़ड्स-यूरिया डालना तो ठीक, कैमिकल्स आदि होते हैं खतरनाक
युवा किसान विशाल बताते हैं कि वैसे लोग जो फसलों व पेस्टीसाइड्स या फिर यूरिया के साथ कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं वहां तक तो फिर भी ठीक है। लेकिन कई लोग तो इससे भी आगे जाकर लौकी-बैंगल, खीरा, तरबूज, खरबूज आदि को बड़ा करने के लिए व जल्दी बेचने के लिए ऑक्सीटोसिन नामक इंजेक्शन लगाते हैं। इससे यह काफी जल्दी बड़ा व लंबा हो जाता है। ऐसे में लोग इसे जल्दी खरीद लेते हैं।
कई लोग सब्जियों में लगाते हैं कैमिकल युक्त रंग
एक्सपर्ट विशाल बताते हैं कि बाजार में सब्जियां यदि न बिके तो सब्जियों की रंगत चली जाती है। ऐसे में मुनाफा कमाने के लिए कई लोग उसमें कैमिकल्स युक्त रंगों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा सब्जियों में किया जाता है। इससे सब्जियां ज्यादा हरी व ताजी दिखती है। इसके अलावा फलों जैसे सेब, संतरा, नाशपाती आदि में पॉलिशिंग की जाती है। यह पॉलिशिंग वैक्स की होती है। इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित होता है।
हो सकती है कई बीमारियां
आप जिन फलों व सब्जियों को अच्छा समझ खा रहे हैं, संभव है कि उसका सेवन करने से बीमारी हो सकती है। जनरल फिजिशियन बताते हैं कि पूड प्वाइजनिंग के साथ पेट दर्द, लीवर व किडनी में समस्या सहित अन्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हमारे पास ऐसे कई मरीज आते हैं। इसलिए हम उन्हें सलाह देते हैं कोशिश करें कि ऑर्गेनिक सब्जियों का ही सेवन करें। क्योंकि बाकी की सब्जियों को खाने से गंभीर बीमारी के साथ कैंसर तक की बीमारी हो सकती है।
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ऐसे करें मिलावटी सब्जियों की पहचान
दाग- धब्बे वाली सब्जियों व फलों को न खरीदें
एक्सपर्ट बताते हैं कि लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि दाग व धब्बों वाली सब्जियों को नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि सब्जियों को कैमिकल्स की मदद से उपाजाने के कारण उसमें दाग-धब्बे आ जाते हैं। खासतौर पर खट्टी सब्जियों में नींबू, कीने आदि। यदि इनमें दाग लगा हो तो उसे खरीदने से बचना चाहिए।
नाखून से दबाकर जांच करें, भिंड़ी के कोने की फली को तोड़ें
एक्सपर्ट बताते हैं कि लौकी आदि सब्जियों की जांच करने के लिए आप उसमें नाखून दबाकर देखें, यदि वो ताजा होगा तो नाखून आसानी से उसमें चला जाएगा। यदि पुराना होगा तो नहीं जाएगा। ठीक इसी प्रकार भिंडी की जांच करने के लिए उसके कोने वाले भाग को तोड़ें यदि टूट जाएगा तो यह ताजा होगा। यदि नहीं टूटेगा तो ताजा नहीं होगा। ऐसे में आपको खाने से बचना चाहिए।
फलों पर लगा होता है मोम
एक्सपर्ट बताते हैं कि फलों की चमक को बढ़ाने के लिए लोग मोम लगाकर बिक्री करते हैं, यह सेब, संतरा, पपीता आदि में मोम लगाकर बिक्री की जाती है। इसकी जांच करने के लिए ऊपर की सतह को खरोंचकर देखें। यदि सतह निकलने लगे तो उसे न खरीदें।&
मिलावटी रंग की ऐसे करें पहचान
सब्जियों में लोग मिलावटी रंग मिलाकर बेच रहे हैं। इसकी पहचान करने के लिए एक्सपर्ट विशाल बताते हैं कि पैराफिन हाइड्रोकार्बन नामक रसायन मिलाकर बेच रहे हैं। इन सब्जियों की जांच करने के लिए सूती कपड़ा लें, उसे रसायन में मिलाएं और फिर कपड़े से सब्जी के बाहरी परत को निकालें। यदि रंग कपड़े पर आ जाए तो समझें कि सब्जी मिलावटी है।
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सबसे अच्छा है महक से पहचानें
आम के मौसम में आपने यह गौर किया होगा कि कई लोग आम को सूंघकर खरीदारी करते हैं। यह फलों-सब्जियों के चयन का अच्छा तरीका है। आप भी सब्जियों को सूंघकर खरीदें। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस सब्जी या फल का चटक सुगंध आएगा वो खाने में उतना ही स्वादिष्ट होता है।
खुद ऑर्गेनिक खाने के साथ परिवार वालों को भी खिलाएं
वैसे तो सभी लोग खेती करें यह संभव नहीं है। लेकिन हम ऑर्गेनिक सब्जियों का सेवन जरूर कर सकते हैं। सामान्य सब्जियों की तुलना में इसकी कीमत ज्यादा होती है। वैसे तो आज के समय में दाल, दूध से लेकर मिठाइयां.... सभी में मिलावट देखने को मिल रहा है। मिलावट का ही नतीजा है कि सब्जियां देखने में काफी आकर्षिक व बड़ी दिखती हैं। लोगों को आकर्षण की ओर खींचने की बजाय उसकी जांच कर अच्छी सब्जियों का ही सेवन करना चाहिए। इसके लिए एक्सपर्ट द्वारा बताई गई बातों को ध्यान देकर सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। यदि ऐसा न किया जाए तो इन सब्जियों का सेवन करने से विभिन्न प्रकार की बीमारी हो सकती है।
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