
हमारे आसपास ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो किसी न किसी बात से परेशान न हों। कई दफा तो इन लोगों की परेशानी या समस्याएं इतनी ज्यादा बढ़ जाती हैं कि वे चिंता, तनाव, एंग्जाइटी या डिप्रेशन जैसी गंभीर मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं। यह स्थिति इतनी घातक होती है कि कई बार मन में बुरे विचार आने लगते हैं। यहां तक कि खुद को नुकसान तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं। कई लोगों को हमने देखा है कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं। ऐसे लोगों को अगर समय पर मदद मिल जाए या किसी का सहारा मिल जाए, तो ये खुद को बुरे विचारों से खुद को रोक सकते हैं। साथ ही डिप्रेशन से बाहर निकलने में भी इन्हें मदद मिल सकती है।
उनके लिए समय निकालें
आपके लिए सबसे जरूरी है कि अपने दोस्त या परिचित जो डिप्रेशन से पीड़ित है और जिसके मन में बार-बार खुद को नुकसान पहुंचाने के ख्याल आते हैं, ऐसे लोगों के लिए आप समय जरूर निकालें। जरूरी नहीं है कि समय निकालकर आप उनके साथ बातें करें या उनके साथ कहीं घूमने जाएं। बस, आप उनके साथ घर में रहें ताकि उनके मन में कुछ भी गलत करने का विचार न आ सके। आपकी मौजूदगी, आपका समय किसी व्यक्ति का जीवन को बदल सकता है।
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उनकी बातें सुनें
अगर आपका कोई जानने वाला डिप्रेशन का मरीज है या फिर अक्सर परेशान रहता है, तो आपको चाहिए कि उसके लिए समय निकालें। इस दौरान उसे कहें कि वह आपके साथ अपने मन की हर बात शेयर करे। आपकी भी जिम्मेदारी है कि उसकी बातों को बिना कटे, चुपचाप सुनें। यही नहीं, उसकी बातों को जज न करें। उसे इतना कंफर्ट दे दें कि वह बिना झिझक आपसे अपनी हर बात कह सके। उसे यह लगना चाहिए कि आप उसकी बातों को पूरा ध्यान से सुन रहे हैं। उसे एक क्षण के लिए भी यह फीलिंग नहीं होना चाहिए कि आप उसकी बातों को सुन नहीं रहे हैं बल्कि सिर्फ फॉर्मेलिटी कर रहे हैं। याद रखें कि अगर आप ऐसा करेंगे, तो वह दोबारा कभी आपसे मदद नहीं मांगेगे।
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उनके मन में उम्मीद जगाएं
जब कोई व्यक्ति थक-हारकर आपके पास आता है, तो आपको चाहिए कि आपकी न सिर्फ मदद करें और उसकी बातें सुनें। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि उसके मन में उम्मीद की लौ जगाए रखें। उम्मीद जगाए रखने के लिए जरूरी है कि आप अपने दोस्त या रिश्तेदार के साथ सकारात्मक बातें शेयर करें। इससे उन्हें मन में जिंदगी के प्रति रवैया बदलेगा, हताशा दूर होगी और जीने की चाह बढ़ेगी। साथ ही परेशानियों से डील करने के तरीकों में भी बदलाव करने में उन्हें मदद मिलेगी। याद रखें कि आपके द्वारा दी गई उम्मीद किसी की जिंदगी को बदल सकती है।
प्रोफेशनल सपोर्ट ढूंढ़ने में मदद करें
कई बार ऐसा होता है कि डिप्रेशन के मरीज की आप मदद तो करना चाहते हैं, लेकिन आप अपनी तरफ से कोई मदद नहीं कर पाते। ऐसे में आप उन्हें प्रोफेशनल सपोर्ट ढूंढ़ने में मदद करें। सपोर्ट यानी आप उन्हें थेरेपी लेने में मदद कर सकते हैं। अगर उन्हें किसी थेरेपिस्ट के बारे में नहीं पता है, तो आप थेरेपिस्ट ढूंढ़ने में उनकी मदद कर सकते हैं। अगर आपका वह दोस्त काउंसलिंग लेने में रुचि दिखा रहा है तो आप उन्हें काउंसलर के पास जाने में मदद करें। अगर जरूरी हो तो आप भी उनके साथ जा सकते हैं। इस तरह के सपोर्ट से आपके दोस्त या जानने वाले को डिप्रेशन से डील करने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
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