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कान छिदवाने के बाद पक गया है? डॉक्टर से जानें ऐसे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं

कान छिदवाने के बाद कई बार पक जाता है। जानें ऐसे में क्या करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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कान छिदवाने के बाद पक गया है? डॉक्टर से जानें ऐसे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं


How to Heal an Infected Ear Piercing: इयर पियर्सिंग ट्रेंड से कभी आउट नहीं होता है। ये आपकी खूबसूरती को बढ़ाने का एक जरिया है। हालांकि कान छिदवाना सेफ और आरामदायक है। लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए, तो कान छिदवाने के बाद कई बार पक जाता है। ऐसे में कान में दर्द, जलन, सूजन और घाव रहता है। ऐसे में लोग तरह-तरह की सलाह देते हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती कि ऐसे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं। कान छिदवाने के बाद पक जाए, तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस बारे में जानने के लिए हमने हैदराबाद- हाइटेक सिटी के यशोदा हॉस्पिटल्स से कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक्स डॉ. सिंधुरा मांडवा से बात की।

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कान छिदवाने के बाद पक जाने पर क्या लक्षण नजर आते हैं? How Do You Know Your Ear Piercing Is Infected

  • कान छिदवाने वाली जगह के आसपास रेडनेस और सूजन आना।
  • ऐसे में कान छिदवाने वाली जगह में दर्द और सॉफ्टनेस बनी रहती है और परेशानी बढ़ती जाती है।
  • छेदन स्थल पर गर्माहट और जलन का एहसास होता है।
  • छेद में पीले या हरे रंग का मवाद निकलता है।
  • छेदन स्थल के पास गांठ या फोड़ा होना। गंभीर मामलों में बुखार भी हो सकता है।
  • इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है, तो उसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि ऐसे में आपकी परेशानी बढ़ सकती है।

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कान में इंफेक्शन होने पर क्या बातें फॉलो करनी जरूरी हैं? How To Heal Infection From Ear Piercing

बाली न उतारें

जब तक आप किसी एक्सपर्ट से सलाह न कर लें तब तक बाली को अपनी जगह पर ही रखें। क्योंकि इसे निकालने पर छेद बंद हो सकता है और संक्रमण अंदर ही रह जाता है। इसके कारण आपको छेद वाली जगह पर फोड़ा भी हो सकता है।

कान को धीरे-धीरे साफ करें

कान को छूने से पहले हाथों को अच्छे से साफ करें। क्योंकि अगर हाथ में बैक्टीरिया मौजूद हैं, जो इंफेक्शन ज्यादा बढ़ सकता है। अब घाव वाली जगह को दिन में दो बार सलाइन सॉल्यूशन से साफ करें। सलाइन सॉल्यूशन को बनाने के लिए 1/4 छोटा चम्मच नॉन-आयोडीन नमक को 1 कप गर्म पानी जल में मिलाएं। हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ऐल्कोहॉल से दूर रहें, क्योंकि ये त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं और इससे घाव हो सकता है।

डॉक्टर की सलाह के बिना कोई मरहम न लगाएं

कान पकने पर कुछ लोग मलहम और लोशन लगाते हैं। लेकिन कई बार ये घाव भरने के बजाय बढ़ाने की वजह बन सकते हैं। मलहम और लोशन में बैक्टीरिया होते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए। इसके अलावा, कान की बाली को ज्यादा घुमाने या छूने की गलती न करें।

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हर लक्षण पर नजर रखें

कान पकने पर कई अन्य लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। ऐसे में समस्या ठीक न होने पर ज्यादा बढ़ने लगती है। अगर आपको बुखार, रेडनेस या सूजन हो जाती है, तो बिना देरी किये तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

डॉक्टर से इलाज लेने की जरूरत कब है?

  • अगर घर में कुछ दिनों तक देखभाल करने के बाद भी इंफेक्शन ठीक नहीं होता, तो देरी न करें।
  • अगर मवाद निकलता रहता है या उस जगह में दर्द बढ़ता जाता है।
  • अगर आपको कान पकने वाली जगह पर लाल धारियां निकलती हुई दिखाई देती हैं।
  • अगर आपको बुखार या तबियत खराब महसूस होती है।

कान के इंफेक्शन से बचने के लिए क्या करना चाहिए- How to stop infection after ear piercing?

  • कान में इंफेक्शन हो जाने पर इलाज करते रहने से बचने के लिए जरूरी है कि आप कान छिदवाने के बाद ही देखभाल करें-
  • कान छिदवाने का कान हमेशा किसी प्रोफेशनल व्यक्ति से ही करवाएं, जो सेफ उपकरणों को इस्तेमाल करता हो।
  • कान छिदवाने के बाद बताई गई देखभाल की सलाह को मानें और टिप्स को जरूर फॉलो करें। क्योंकि कोई भी चूक इंफेक्शन की वजह बन सकती है।
  • जब तक कान का छेद पूरी तरह नॉर्मल नहीं हो जाता तब तक इसे हाथ न लगाएं। क्योंकि हाथ में मौजूद बैक्टीरिया भी कान में इंफेक्शन होने की वजह बन सकते हैं।
  • अगर आप समय दें तो कान का छेद बिना किसी समस्या के ठीक हो सकता है। किसी भी संदेह की स्थिति में हमेशा किसी एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।

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