मानसून के दिनों में बारिश की बूंदे, हरियाली, मिट्टी की मनमोहक खुशबू और हल्की-हल्की फुहार लोगों को लुभाती हैं। असल मायनों में बारिश के दिन वाकई आंखों और मन को लुभाने वाले होते हैं। यूं तो बारिश का मौसम लोगों को गर्मी से राहत दिलाता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह परेशानी भरा रहता है। इन दिनों हवा में नमी के कारण संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसकी वजह से पाचन संबंधी समस्याएं, सर्दी, खांसी, फ्लू और स्किन इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। विशेषकर जिन लोगों की स्किन सेंसेटिव हैं, उन्हें बारिश में खुजली, जलन, दाद समेत कई परेशानियां हो सकती हैं। बारिश के मौसम में त्वचा संबंधी कौन सी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं और इस तरह की समस्याएं न हो इसके लिए क्या करना चाहिए, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए ओनलीमायहेल्थ की टीम ने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सीमा ओबेरॉय लाल से बात की।
मानसून में हो सकती हैं त्वचा से जुड़ी ये समस्याएं
डॉ. सीमा की मानें तो मानसून की शुरुआत त्वचा के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती है। नमी के स्तर में बढ़ोतरी होने के कारण मानसून में फंगल इंफेक्शन, इंटरट्रिगो, दाद, त्वचा पर चकत्ते और जलन जैसी समस्याएं होना आम बात है। मानसून में एक स्वस्थ्य व्यक्ति के मुकाबले डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डायबिटीज के मरीजों को मानसून के कारण त्वचा के संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा मानसून के कारण कौन-कौन सी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसकी जानकारी नीचे दी गई है।
1. एक्जिमा: एक्जिमा जैसी स्थिति में त्वचा का एक हिस्सा खुदरा और फटा हुआ नजर आता है। कई बार त्वचा पर छोटे-छोटे फफोले भी बन जाते हैं। इसकी वजह से त्वचा पर खुजली, लालिमा और सूजन की समस्या होती है।
2. खुजली: बारिश में भीगने और हवा की नमी के कारण मानसून में खुजली की समस्या बहुत ही आम होती है। डॉक्टर की मानें तो मानसून में खुजली की समस्या सरकोप्टस स्कैबी (परजीवी माइट्स) के काटने के कारण भी होती है। कुछ मामलों में त्वचा पर खुजली इतनी ज्यादा हो जाती है कि इसकी वजह से लालिमा तक उभरने लगती है।
3. एथलीट फुट: यह एक संक्रामक फंगल संक्रमण जो पैरों, नाखूनों (पैरों पर फंगस बढ़ता है) के आस-पास की त्वचा को प्रभावित करता है जिससे खुजली और छाले बनते हैं। इस संक्रमण के कारण खुजली और जलन की समस्या काफी होती है। एथलीट फुट का सही वक्त रहते इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से चलने-फिरने तक में परेशानी आती है।
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मानसून में त्वचा संबंधी समस्या से बचाव के 4 तरीके
डॉ. सीमा का कहना है कि मानसून में त्वचा संबंधी समस्याओं से बचाव के लिए अपनी रोजमर्रा के जीवन में कुछ बेसिक बदलाव करने की जरूरत होती है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
1. नहाते वक्त साफ पानी का इस्तेमाल करें। अगर आप बारिश में भीग गए हैं, तो साफ पानी में नीम ऑयल डालकर अच्छे से स्नान करें। नीम में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा पर मौजूद कीटाणुओं को हटाने में मदद करते हैं। जिससे खुजली, जलन और एक्जिमा के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
2. त्वचा को धोने के बाद सीधे कपड़े न पहनें। पहले शरीर को अच्छे से सूती कपड़े से पोंछकर सूखा लें। त्वचा को सुखाने के बाद अपनी त्वचा के अनुसार बॉडी लोशन या बटर लगाकर अच्छे से मॉइस्चराइज करें।
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3. किसी भी मौसम में खुजली या अन्य त्वचा संबंधी समस्या न हो इसके लिए हमेशा सूती कपड़े ही पहनें। आर्टिफिशियल सिल्क या किसी अन्य मटेरियल के बनाए हुए कपड़ों को बिल्कुल न पहनें।
4. मानसून में रोज रात को एंटी-बैक्टीरियल टोनर लगाकर ही सोएं। टोनर का इस्तेमाल करने से स्किन का पीएच लेवल सही रहता है और त्वचा पर खुजली, जलन जैसी समस्या नहीं होती है।
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