इन दिनों कहीं ज्यादा बारिश हो रही है, तो कहीं पर कम। बारिश के थमते ही तेज धूप निकल रही है। जिसकी वजह से हवा में उमस बढ़ रही हैं। ज्यादा उमस होने का असर स्वास्थ्य के साथ-साथ स्किन पर भी पड़ रहा है। दरअसल, कभी बारिश तो कभी धूप की वजह से हवा में नमी बढ़ रही है। नमी ज्यादा होने की वजह से लोगों को ज्यादा पसीना आ रहा है। पसीने की वजह त्वचा पर ज्यादा बैक्टीरिया पनप रहे है। इस वजह से स्किन पर फंगल इंफेक्शन, खुजली, दाने और रैशेज की समस्या होती है। मानसून में होने वाली इस तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं कई बार खुद से ही ठीक हो जाती हैं, तो कई बार इन समस्याओं से राहत पाने के लिए तरह-तरह की दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ता है। आज इस लेख में गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्किन केयर एक्सपर्ट डॉ. सीमा ओबेरॉय लाल से जानेंगे, मानसून में कौन-कौन सी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
मानसून में होती हैं त्वचा से जुड़ी ये 5 समस्याएं
डॉ. सीमा ओबेरॉय लाल का कहना है कि मानसून में हवा में नमी ज्यादा होने की वजह से त्वचा पर बैक्टीरिया जमा होते हैं, जिसकी वजह के कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
1. मुंहासे या पिंपल्स
मानसून में वातावरण में नमी के कारण अत्यधिक पसीना आना आता है। जिसकी वजह से मुंहासे और पिंपल्स की समस्या हो सकती है। पसीना और नमी त्वचा को मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं। इतना ही नहीं मानसून में सीबम का प्रोडक्शन ज्यादा हो जाता है और त्वचा चिपचिपी और ऑयली होने लगती है। त्वचा पर ज्यादा तेल के जमाव से भी मुंहासे और पिंपल्स की समस्या होती है। डॉक्टर की मानें तो मानसून में पिंपल्स और मुंहासों की समस्या से बचाव करने के लिए सैलिसिलिक एसिड युक्त फेसवॉश और सीरम का इस्तेमाल करें।
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2. एक्जिमा
एक्जिमा को आम बोल चाल की भाषा में खाज भी का जाता है। एक्जिमा में त्वचा पर लाल और फफोले हो जाते हैं। इसकी वजह से त्वचा पर बहुत ज्यादा खुजली और जलन की समस्या होती है। डॉक्टर का कहना है कि मानसून में एक्जिमा की समस्या से राहत पाने के लिए हाइड्रेटेड रहें, जहां तक संभव हो ढीले कपड़े पहनें और त्वचा को ड्राईनेस से बचाने के लिए सही मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
3. हाइपरपिग्मेंटेशन
मानसून में हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या तब होती है, जब हम सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। यह सबसे बड़ी गलती है। सनस्क्रीन को मानसून, गर्मी और सर्दी हमेशा ही लगना चाहिए। मानसून में हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से बचने के लिए नियमित तौर पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। आपकी स्किन के लिए कौन सा सनस्क्रीन सही है यह जानने के लिए डॉक्टर से बात करें।
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4. फॉलिकुलाइटिस
यह बारिश के मौसम में बहुत आम समस्या है। इसमें बालों के रोम बंद हो जाते हैं और सूजन हो जाती है जिससे त्वचा की सतह पर छोटे-छोटे उभार आ जाते हैं। अगर इन्हें नजरअंदाज किया जाए तो ये मवाद से भरे छाले बन सकते हैं। डॉक्टर की मानें तो मानसून में फॉलिकुलाइटिस से बचाव के लिए शरीर के सभी अंगों की स्क्रबिंग सही तरीके से करें।
5. एथलीट फुट
यह एक आम मानसून फंगल संक्रमण है जो पैरों और नाखूनों पर छाले, मोटे पीले धब्बे पैदा करता है। एथलीट की वजह से पैरों में दरारें और खुजली की समस्या होती है। कुछ गंभीर मामलों में एथलीट फुट की वजह से पैरों की त्वचा से खून बहने की समस्या भी होती है। मानसून में इस समस्या से बचने के लिए एंटी-फंगल फुट पाउडर का इस्तेमाल करें।
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