What Causes Baby Blues After Giving Birth: डिलीवरी के बाद महिलाएं कई तरह की परेशानियों से गुजरती हैं। इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की तकलीफें मौजूद होती हैं। लेकिन जब महिला अपनी भावनाओं को कंट्रोल न कर सके, कुछ-कुछ देर में उसे रोने का मन करे या हर समय उदासीन महसूस करे, तो इस स्थिति को बेबी ब्लूज कहा जाता है। इस तरह की सिचुएशन क्यों होती है और महिलाएं इससे कैसे निपट सकती हैं, जानें एक्सपर्ट से।
क्या है बेबी ब्लूज (What is Baby Blues)
साइकोलॉजिस्ट अमीता देवनानी कहती हैं, "शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि प्रत्येक 5 में से 4 नई मां बनी महिलाएं बेबी ब्लूज से गुजरती हैं। जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि बेबी ब्लूज होने पर महिलाएं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाती हैं। बच्चे के जन्म के दिनों बाद बेबी ब्लूज शुरू हो जाता है, जो कई दिनों तक चल सकता है। स्थिति गंभीर होने पर इससे रिकवर होने में महिला को महीने भी लग सकते हैं। आमतौर पर बेबी ब्लूज दो सप्ताह तक चल सकता है। बेबी ब्लूज, डिलीवरी के बाद किसी भी महिला को हो सकता है। इसका उम्र, लिंग, जाति आदि से कोई संबंध नहीं होता है। बेबी ब्लूज होने पर कई बार महिलाएं गिल्ट में आ जाती हैं। वहीं, महिला को चाहिए कि इस तरह की फीलिंग से खुद को बाहर निकालें।"
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बेबी ब्लूज होने की वजह (Causes Of Baby Blues)
साइकोलॉजिस्ट अमीता देवनानी के अनुसार, "डिलीवरी के बाद महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जैसे डिलीवरी के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा अचानक कम हो जाती है, जिससे मूड स्विंग होने लगता है। कुछ महिलाओं में थायरॉइड हार्मोनल से रिलीज होने वाला हार्मोन का स्तर अचानक घट जाता है, जिससे महिलाएं थकान, उदासीन और निराशावादी हो जाती हैं। यही नहीं, बच्चे के जन्म के बाद महिलाएं पर्याप्त नींद भी नहीं ले पाती है। यह भी मूड स्विंग होने का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा, कुछ महिलाएं अपने बच्चे की परवरिश को लेकर परेशान रहती है, जो उन्हें बेबी ब्लूज की ओर धकेल देती है।"
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बेबी ब्लूज के लक्षण (Symptoms Of Baby Blues)
- अक्सर थकान महसूस करना
- चीजों को लेकर बेसब्र होना
- चिड़चिड़ापन
- बिना किसी वजह के रोना
- खुद के अकेला महसूस करना
- बार-बार मूड बदलना
- उदासीनता से घिर जाना
बेबी ब्लूज से बचने के उपाय (How To Deal With Baby Blues)
अपनों से बातें करेंः जब भी डिलीवरी के बाद आप खुद को खोया हुआ पाएं, अक्सर डल महसूस करें, तो तुरंत अपनों के पास जाएं। उनके साथ बातचीत करें। उनसे अपने मन की बात साझा करें। अपने मन में किसी तरह का गिल्ट या गुस्सा न रखें।
खुद के लिए समय निकालेंः यह बहुत जरूरी है कि डिलीवरी के बाद भी आप खुद के लिए समय निकालें। अक्सर महिलाओं को देखा कि डिलीवरी के बाद महिलाएं खुद को बच्चे के साथ व्यस्त कर लेती हैं। आप ऐसा बिल्कुल न करें। अपने लिए समय जरूर निकालें। इस दौरान अपने मन का कुछ करें, जैसे फोन देखें, टीवी देखें, दोस्तों के साथ चिट-चैट करें आदि।
पर्याप्त नींद लेंः बेबी ब्लूज होने का एक बड़ा कारण है कि महिलाएं इन दिनों पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हैं, जिससे उन्हें कंप्लीट रेस्ट नहीं मिलता। रेस्ट नहीं मिलने के कारण, वे थकान से भरी रहती हैं, जो कि उनके मूड को भी प्रभावित करता हैं इन सबसे बचने के लिए जरूरी है कि आप कंप्लीट आराम करें।
एक्सरसाइज करेंः डिलीवरी के तुरंत बाद एक्सरसाइज करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन, एक्सपअर् की मदद से उन एक्सरसाइज को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं, जिससे मूमड बेहतर होता है। इनमें स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज जैसी माइल्ड वर्कआउट शामिल हैं। इससे स्ट्रेस का स्तर भी कम होता है।
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