
Postpartum Depression Signs and Symptoms : मां बनने का अहसास हर महिला के लिए सुखद होता है। नौ माह की प्रेगनेंसी के बाद जब महिला की डिलीवरी हो जाती है तो उस समय महिलाओं को कई तरह के परिवर्तनों से गुजरना पड़ता है। प्रेगनेंसी से डिलीवरी तक का समय बेहद ही चुनौतिपूर्ण रहता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को शारीरिक और भावनात्मक रूप से कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है। बेशक डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर को थोड़ा आराम मिल जाए, लेकिन इस समय भी उनको मानसिक रूप से आराम नहीं मिल पाता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। साथ ही उन्हें अपनी रिकवरी पर भी पूरा ध्यान देना होता है। इस वजह से महिलाओं को चिंता और अवसाद होने लगता है। डिलीवरी के बाद अधिकतर महिलाओं को तनाव की समस्या होती है।
डिलीवरी के बाद महिलाओं को होने वाले तनाव पर हमने साईं पॉलीक्लीनिक की वरिष्ठ स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से बात की तो उन्होंने इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए। पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बताया।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण - Symptoms Of Postpartum Depression In Hindi
प्रेगनेंसी के समय महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन का स्तर काफी अधिक होता है। लेकिन डिलीवरी के बाद हार्मोन का स्तर तेजी से सामान्य आने लगता है। जिसकी वजह से उन्हें कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। डिलीवरी के बाद अवसाद होने पर आगे बताए गए लक्षण महसूस होते हैं।
- उदास होना और निराश होना,
- अत्यधिक चिंता महसूस करना,
- भूख में कम लगना,
- कमजोरी महसूस होना,
- नींद न आना,
- बेवजह रोने का मन करना,
- किसी काम में मन न लगना, आदि।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण Causes Of Postpartum Depression In Hindi
- हार्मोन का तेजी से सामान्य आना,
- किसी भी चीज के बारे में ज्यादा सोचना,
- यदि महिला के घर में पहले किसी को इस तरह की समस्या हुई हो (family medical history),
- परिवार में लोगों के साथ संबंध ठीक न होना,
- अक्सर अकेले रहना,
- किसी तरह की आर्थिक समस्या, आदि।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज कैसे होता है? Treatment Of Postpartum Depression In Hindi
पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज अलग-अलग तरीक से किया जाता है। इस समस्या के लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं। उपचार के लिए चिंता को कम करने वाली दवाएं दी जाती है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको साइकोलॉजिकल थैरेपी लेने का सुझाव देते हैं।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के अवसाद को कम करने के लिए डॉक्टर मुख्य रूप से कुछ घरेलू उपाय और परिवार के सपोर्ट से इलाज करने को प्राथमिकता देते हैं।