क्या मां बनने के बाद आपका दिमाग भी हो गया है कमजोर? जानें मॉमनेसिया क्या है और कैसे करें इसे ठीक

डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को चीजें याद रखने में परेशानी होने लगती है। जानें इस समस्या को कैसे ठीक करें?  
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क्या मां बनने के बाद आपका दिमाग भी हो गया है कमजोर? जानें मॉमनेसिया क्या है और कैसे करें इसे ठीक

After Pregnancy Momnesia In Hindi : प्रेगनेंसी में महिलाओं को हार्मोनल बदलाव की वजह से कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। वहीं महिलाओं को पिछले नौ माह भ्रूण के विकास में कई तरह की शारीरिक परेशानियां होती हैं। हालांकि डिलीवरी के बाद महिलाओं की ये परेशानी काफी हद तक कम हो जाती है। लेकिन हार्मोनल बदलाव, चिंता, घबराहट व पहली बार मां बनने के अहसास के चलते महिलाओं को दूसरी कुछ अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समय महिलाओं को खुद के साथ ही बच्चे के पोषण भी ध्यान देना होता है। क्योंकि मां के दूध से ही बच्चे को पर्याप्त आहार और पोषण मिलता है। डिलीवरी के बाद करीब 50 से 70 फीसदी महिलाओं को मॉमनेसिया नामक स्थिति से गुजरना पड़ता है। महिलाओं में बच्चे के जन्म के बाद ये समस्या होना एक आम बात है। इस लेख में हम आपको डिलीवरी के बाद महिलाओं को होने वाली इस समस्या के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। इस बारे में दिल्ली अशोक नगर स्थित साईं पॉलीक्लिनिक की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से बात की तो उन्होंने इस विषय को विस्तार से बताया।  

मॉमनेसिया क्या है? What is Momnesia In Hindi 

डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को चीजों को याद रखने में समस्या का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को ही डॉक्टर मॉमनेसिया का नाम देते हैं। दरअसल जब कोई सामान्य व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होती है तो उसे एमनेसिया कहा जाता है। ठीक ऐसे ही जब कोई महिला मां बनती है तो उसको भी कई कारणों के चलते चीजे याद रखने में परेशानी होती है। इस वजह से इसे मॉमनेसिया कहा जाता है। ये समस्या कुछ समय के लिए महिलाओं को होती है, और धीरे-धीरे करके ये अपने आप ही ठीक हो जाती है। इस विषय पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से बात की तो उन्होंने मॉमनेसिया के कारण और बचाव को विस्तार से बताया।  

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momnesia in hindi

मॉमनेसिया के क्या कारण होते हैं? Causes of Momnesia In Hindi

स्टेस लेवल बढ़ना 

डिलीवरी के बाद कई महिलाओं का स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है। जिस वजह से उनके दिमाग थकने लगता है और चीजों को याद नहीं रख पाता है।  

नींद पूरी न ले पाना  

डिलीवरी के बाद बच्चों के जगाने और उनको दूध पिलाने के लिए महिलाओं को रात में भी जगना पड़ता है। इस वजह से उनकी नींद पूरी नहीं होती है और उनको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  

हार्मोनल बदलाव 

प्रेगनेंसी का समय हाल में पूरा हुआ होता है ऐसे में महिलाओं के हार्मोन नॉर्मल स्थिति में आ रहे होते हैं। जिसकी वजह से उनके मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ता है और उनकों चीजों को याद रखने में परेशानी होती है।  

खान-पान  

सही डाइट न लेने के कारण महिलाओं को कई तरह की समस्या होती है। डिलीवरी के ठीक बाद जब आप शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं दे पाती हैं तो इससे मस्तिष्क का कार्य प्रभावित होता है।  

मॉमनेसिया में महिलाओ को क्या करना चाहिए? Precaution in Momnesia In Hindi 

तनाव से दूर रहें  

डिलीवरी के बाद यदि आपको तनाव हो रहा है यानी पोस्ट पार्टम डिप्रेशन हो रहा है तो उसको दूर करना होगा। ऐसे में आप अपने घर वालों के साथ बात करें और चिंता व तनाव को दूर करें।  

संगीत सुनें  

संगीत आपके दिमाग को रिलैक्स करने का काम करता है। यदि आप सॉफ्ट म्यूजिक सुनती हैं तो इससे आपके दिमाग को आराम मिलता है और उसकी कार्यक्षमता बेहतर होती है।  

पर्याप्त नींद लें  

बच्चे के स्वास्थ्य के लिए मां को सेहतमंद होना बेहद आवश्यक होता है। यदि आप चीजे याद रखने में  परेशानी हो रही है तो ऐसे में आप कोशिश करें कि दिन में कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लें। इससे आपका शरीर में भी रिकवरी तेजी से होती है।  

दूसरों की मदद लें 

यदि आपको नींद लेने में या बच्चे को संभालने में परेशानी हो रही होती है, तो ऐसे में आपको घर के दूसरे सदस्यों की मदद लेनी चाहिए। घर के अन्य लोगों की मदद मांगने में संकोच न करें।  

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पौष्टिक आहार खाएं  

डिलीवरी के बाद आपको खुद की रिकवरी और बच्चे को दूध पिलाने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। पौष्टिक आहार से आपके शरीर को शक्ति मिलती है। साथ ही बच्चे के दूध में भी पौष्टिकता के गुण बढ़ जाते हैं। खाने में आप बादाम, सोयबीन, दालें, मीट, चिकन आदि को शामिल कर सकती हैं। इसके अलावा हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करें।  

डिलीवरी के बाद घर की सारी जिम्मेदारियों को लेने की अपेक्षा अपने बच्चे पर ध्यान दें। घर के अन्य सदस्यों की हेल्प लें। यदि आपके घर में सदस्य कम हैं तो ऐसे में आप अपने घर के बुजुर्गों से भी मदद ले सकती हैं या कुछ समय के लिए अपने घर हो आएं। ताकि आपकी और बच्चे की देखभाल अच्छी तरह से हो पाएं।  

 

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