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यौन शोषण महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है? डॉक्टर से जानें

यौन उत्पीड़न आज भी कई महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, लेकिन ये उससे कहीं ज्यादा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, आइए जानते हैं कैसे-
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यौन शोषण महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है? डॉक्टर से जानें


How Sexual Abuse Affects Women Mental Health: यौन उत्पीड़न (sexual Abuse) आज के समय में एक गंभीर समस्या बन चुका है, जो दुनियाभर में महिलाओं को बुरी तरह प्रभावित करती है। यह न सिर्फ शारीरिक रूप से महिलाओं को परेशान करता है, बल्कि मानसिक रूप से भी महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं इमोशनली और मेंटली कई तरह की परेशानियों का सामना करती हैं, जिसका असर उनके जीवन पर साफ देखने को मिलता है। ऐसे में आइए पुणे के बानेर में स्थित जुपिटर अस्पताल के मेंटल हेल्थ कंसल्टेंट डॉ, संतोष चव्हाण से जानते कि महिलाओं के मेंटल हेल्थ पर यौन शोषण का प्रभाव कैसे पड़ता है? (How does intimate partner violence affect women's mental health)

यौन उत्पीड़न का महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव - Impact Of Sexual Assault On Women's Mental Health in Hindi

मेंटल हेल्थ कंसल्टेंट डॉ, संतोष चव्हाण के अनुसार, "जब कोई महिला यौन उत्पीड़न का शिकार होती है, तो उसे कई मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शारीरिक रूप से दर्दनाक अनुभव के साथ-साथ, वह मानसिक रूप से भी कई असुविधाओं का सामना करती है, जिसमें डर, गुस्सा, और शर्म महसूस करना शामिल है। इसके अलावा, बहुत सी महिलाएं शर्मिंदगी और दोष की भावना महसूस करती हैं, हालांकि यह याद रखना जरूरी है कि यौन उत्पीड़न कभी भी महिला की गलती नहीं होती है। कई बार महिलाएं अपने साथ हो रहे यौन उत्पीड़न को नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करती हैं या उसे छिपाने के लिए अपने शरीर के घाव को छुपाती हैं। लेकिन, ऐसा करने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर औऱ बुरा प्रभाव पड़ता है।"

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sexual abuse affects women mental health

यौन उत्पीड़न के कारण होने वाली मानसिक समस्याएं - Mental Problems Caused By Sexual Abuse in Hindi

  • पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर: यौन उत्पीड़न के कारण अधिकतर महिलाओं को पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के कारण महिलाएं लगातार डर, तनाव, नींद न आने की समस्या, और गुस्से का अनुभव करती हैं। वे बार-बार अपने साथ हुए उत्पीड़न की घटनाओं को याद करती हैं, जिसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
  • डिप्रेशन: उत्पीड़न के कारण महिला का आत्म-संवेदन बहुत ज्यादा प्रभावित होता है, जिस कारण वे खुद में कमियां देखने लगती हैं और डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
  • एंग्जाइटी और घबराहट: यौन उत्पीड़न का शिकार महिलाएं किसी भी समय एंग्जाइटी, घबराहट और डर का सामना करती हैं। उन्हें कभी भी किसी भी स्थिति में बहुत ज्यादा डर महसूस हो सकता है, जो उनके रेगूरल रूटीन को प्रभावित कर सकता है।
  • नशे की आदतें: यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाएं मानसिक रूप से काम कमजोर हो जाती है, जिस कारण कई बार वे शराब, ड्रग्स या गलत आदतों का शिकार हो सकती हैं। ऐसा करने से उन्हें कुछ समय के लिए तो राहत मिल सकती है, लेकिन लंबे समय तक ये स्थिति न सिर्फ उनके मानसिक स्वास्थ्य को बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।

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निष्कर्ष

यौन उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। उनके साथ होने वाला ये व्यवहार न सिर्फ उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि उनकी लाइफ क्वालिटी को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हालांकि, सही सपोर्ट, साथ और इलाज की मदद से महिलाओं को यौन उत्पीड़न के कारण हो रही मानसिक समस्याओं से निपटने में मदद मिल सकती है।
Image Credit: Freepik

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