रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन पानी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। हमारे शरीर के प्रत्येक अंग में पानी ही पानी है, हड्डियों में भी। बिना खाये आप 18 दिन तक जी सकते हैं, लेकिन पानी के बिना आप सात दिन से अधिक नहीं जी सकते हैं। यानी पानी के बिना जीवन की कल्पना करना अतिशयोक्ति होगी। यह शरीर को बीमारियों से बचाता है और इसे स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
चिकित्सक नियमित रूप से 10-12 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। पानी पीने के साथ सबसे अधिक जरूरी है स्वच्छ और शुद्ध पानी पीना। झरने से निकलते हुए पानी को सबसे अधिक शुद्ध माना जाता है। आरओ या यूवी का पानी साफ माना जाता है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। क्योंकि इसमें शरीर के लिए जरूरी बैक्टीरिया भी अवशेषित हो जाते हैं। इस लेख में विस्तार से जानिये आप जो पानी पी रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं।
क्या आरओ है फायदेमंद
कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर ने आरओ और पानी को शुद्ध करने वाले विभिन्न उपकरणों की जांच की है। इस दौरान देश के विभिन्न शहरों में आरओ का प्रयोग करने वाले और न करने वाले घरों में बीमार पड़ने वालों का अनुपात 50:50 देखा गया। पानी को शुद्ध करने वाले उपकरणों में खास तरह की मेंब्रेन काम करती है, जो बुरे के साथ-साथ अच्छे जीवाणुओं को भी अवशोषित कर लेती है। इससे पानी में पाए जाने वाले मिनरल, शरीर में नहीं पहुंच पाते। यही जीवाणु हमें पेट संबंधी बीमारियों से बचाते हैं।
शुद्धता की पहचान
दरअसल अलग-अगल जगहों का पानी का टीडीएस (टोटल डिजाल्व सॉलिड) स्तर अलग-अगल होता है। इसके मानक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तैयार किए हैं। उसने 100 से 150 स्तर के टीडीएस को ठीक बताया है। इसलिए अगर आप अपने घर में आरओ (रिवर्स ऑसमोसिस) या यूवी सिस्टम लगवा रहे हैं तो म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन से पानी की जांच करा लीजिए। अगर टीडीएस सामान्य से अधिक हो, तभी आरओ या यूवी लगवाना चाहिए।
बोतलबंद पानी भी नहीं है शुद्ध
अगर आपको लगता है कि आप जो मिनरल वॉटर या सप्लाई किये हुए पानी को पी रहे हैं और वह पूरी तरह से शुद्ध है तो आप गलत हैं, इसमें भी शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले जीवाणु गायर्डिया (Giardia) पाया जाता है। दरअसल पानी को साफ करने वाली कंपनियां नदियों, नालों, भूमिगत स्रोतों, आदि जगह से पानी लेकर उसे साफ करने के लिए उसमें कोएगुलेंट (coagulants) केमिकल डालती हैं। यह केमिकल पानी में मौजूद गंदी को पानी के तल पर पहुंचा देता है।
भारत की स्थिति है खराब
शुद्ध और पर्याप्त पानी स्वस्थ जीवन की एक प्रमुख जरूरत है। आंकड़ों की मानें तो भारत में केवल 30 प्रतिशत लोगों को ही साफ पीने का पानी मिलता है और वो भी पूरी तरह से शुद्ध नहीं होता है। देश के कई हिस्सों में जमीन में पानी का स्तर कम हो जाने के कारण पानी की कमी है। उद्योंगों के कचरे के कारण पानी के बहुत से स्रोत प्रदूषित हो रहे है। बहुत सी नदियां गंदी नालियां बन चुकी हैं, और पानी के अन्य स्रोत पूरी तरह प्रदूषित हो चुके हैं।
अशुद्ध पानी से होती हैं बीमारियां
आप जो पानी पी रहे हैं वह कीटाणुरहित होन चाहिए। साथ ही उसमें नुकसान पहुंचाने वाले रसायन, गन्ध और स्वाद भी नहीं होना चाहिए। असुरक्षित और अपर्याप्त पीने का पानी कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है। बारिश के दिनों में पीने का पानी साफ नहीं रहता है, इस मौसम में पानी का विशेष ध्यान रखें। साफ पानी न पीने से हैजा, उल्टी (गेस्ट्रोएन्ट्राइटिस), टायफाएड, पोलियो, पीलिया, दस्त, त्वचा में संक्रमण हो सकता है।
छाया साभार - गेटी इमेज
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