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Paralytic ileus: पैरालाइटिक इलियस के कारण आंतों में आ जाती है रुकावट, जानें कैसे शुरू होती है यह बीमारी?

Paralytic Ileus in Hindi: पेट में दर्द और मल आने में परेशानी पैरालाइटिक इलियस का संकेत हो सकता है। आगे जानते हैं इसके बारे में   
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Paralytic ileus: पैरालाइटिक इलियस के कारण आंतों में आ जाती है रुकावट, जानें कैसे शुरू होती है यह बीमारी?


Paralytic Ileus in Hindi: जब आप भोजन करते हैं तो आहार कई प्रक्रियाओं से गुजरता है। इसमें सबसे पहले भोजन छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है। इसके बाद पाचन रस इसमें मिलते हैं और इससे विटामिन, मिनरल्स व अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण होता है। यह प्रक्रिया निरंतर आंतों में चलती रहती है। इस दौरान आहार छोटी आंत से बड़ी आंत का सफर तय करता है। अंत में जब वह अपशिष्ट बन जाता है, तो आगे बढ़ते हुए वह मलाशय से बाहर आ जाता है। लेकिन, जब अपशिष्ट को आगे बढ़ाने वाली मांसपेशियों में परेशानी उत्पन्न होती है तो इस स्थिति को पैरालिटिक इलियस कहा जाता है। अपोलो मुंबई के सर्जन डॉक्टर अमोल वाग से जानते हैं कि यह समस्या शरीर में किस तरह से शुरु होती है और इसके होने के क्या कारण होते हैं उन्हें आगे विस्तार से बताया गया है। 

पैरालिटिक इलियस कैसे होता है? - How Paralytic Ileus Occur In Body In Hindi

पैरालिटिक इलियस तब होता है जब आपकी आंतों के माध्यम से भोजन को आगे बढ़ाने वाली मांसपेशियों के संकुचन अस्थायी रूप से लकवाग्रस्त हो जाते हैं। यह मांसपेशियों और तंत्रिकाओं की एक कार्यात्मक समस्या है जो आंतों की रुकावट हो सकती है। भोजन आंतों में फंस जाता है, जिससे कब्ज, सूजन और गैस हो जाती है। आंतों की विभिन्न प्रकार की स्थितियों के कारण पैरालिटिक इलियस हो सकता है। यह एक मेक्निकल प्रॉब्लम की अपेक्षा एक फंक्शनल प्रॉब्लम है। पेट की सर्जरी और चोट इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है। कुछ मामलों में पेट की सर्जरी के बाद, चोट या सूजन के बाद इलियस की समस्या शुरु हो सकती है। इलियस आमतौर पर सर्जरी या संक्रमण के प्रति आपके शरीर की एक अस्थायी प्रतिक्रिया हो सकती है। हालांकि, कुछ दवाएं, मेटाबॉलिज्म संबंधी गड़बड़ी और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन सहित कैमिकल्स इसके कारक हो सकते हैं।

Pralytic Ileus in hindi

पैरालिटिक इलियस का जांच कैसे की जाती है? - How is paralytic ileus diagnosed in Hindi

मरीज की मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण से इलियस (आंत्रावरोध) की जांच की जा सकती है। पेट का एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड से आंतों की सूजन, फैली  हुई आंतों का पता चलता है। यदि इलियस के कारणों का पता नहीं चल रहा हो तो डॉक्टर इमेजिंग परीक्षणों की सलाह दे सकता है। वे आपके इलेक्ट्रोलाइट और मिनरल्स के लेवल की जांच के लिए खून की जांच करा सकते हैं। 

पैरालिटिक इलियस के इलाज में डॉक्टर नाक से पेट तक ट्यूब डालते हैं। पेट की सूजन और उल्टी की समस्या को कम करने के लिए यह प्रक्रिया की जाती है। इसके अलावा, बड़ी आंत के वोल्वुलस का इलाज गुदा मार्ग से किया जाता है। इसमें भी ट्यूब डाल मल को बाहर किया जाता है। यदि ट्यूब की मदद से लक्षण दूर नहीं हो पाते हैं तो पैरालिटिक इलियस के लिए सर्जरी की जा सकती है। इसके अलावा, आंतों के अंदर टिश्यू के डैमेज होने पर भी सर्जरी की जा सकती है। 

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बाउल मूवमेंट का सही होना बेहद आवश्यक है। कब्ज की समस्या होने पर आप डाइट में आवश्यक बदलाव करें। डाइट में फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यदि इसके बाद भी आपको बार-बार कब्ज या पाचन संबंधी समस्या हो रही है तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।

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