
Parents Over Love Create Health Issue To Kids: अपने बच्चों को लाड़-प्यार हर पेरेंट्स करते हैं। ऐसा करना उनकी मेंटल हेल्थ और पॉजिटिव लाइफ के जरूरी भी है। लेकिन कई बार इसी लाड़-प्यार के कारण अनजाने में पेरेंट्स अपने बच्चों की हेल्थ को खराब भी कर देते हैं। आखिर वह कौन-सी गलतियां हैं, जो पेरेंट्स बच्चों की हेल्थ को लेकर कर देते हैं। इस बारे में डिटेल में इस लेख के जरिए जानिए और अपनी आदतों को बदलने की कोशिश कीजिए।
जंक फूड की परमिशन
कई बार पेरेंट्स बच्चों को लाड़-प्यार में जंक फूड खाने की परमिशन दे देते हैं। लेकिन जंक फूड बच्चों की सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है, इस बात को पेरेंट्स को समझना चाहिए। अगर बच्चे जंक फूड खाने की जिद करते भी हैं, तो पेरेंट्स को घर पर हेल्दी बर्गर या सैंडविच बनाकर देना चाहिए। इस तरह बच्चा खुश भी हो जाएगा और बाहर का जंक फूड भी नहीं खाएगा।
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ओवर ईटिंग करवाते हैं
पेरेंट्स अपने बच्चों की डाइट को लेकर कॉन्शस रहते हैं, वह चाहते हैं कि बच्चा हेल्दी खाना खाए। उसे भरपूर पोषण मिले। ऐसा करना अच्छी बात है। लेकिन अपने बच्चे की हेल्थ को लेकर ओवर कॉन्शस रहते हुए, पेरेंट्स बच्चों को ओवर ईटिंग भी करवाते हैं। उन्हें अक्सर लगता है कि बच्चा जितना ज्यादा खाएगा उतना हेल्दी रहेगा। यह एक मिथ है। इसलिए कभी भी बच्चे को ओवर ईटिंग ना कराएं। इससे उसकी तबियत खराब हो सकती है। साथ ही, कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती हैं।
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क्लीनिंग को लेकर लापरवाही
बच्चे अपनी साफ-सफाई को लेकर अवेयर नहीं रहते हैं। वह कई बार ब्रश करना भूल जाते हैं या आलस के कारण ऐसा नहीं करते हैं। कई बार तो बच्चे नहाना भी पसंद नहीं करते हैं। अगर इन बातों के लिए पेरेंट्स उन्हें टोकते हैं, तो बच्चे जिद करते हैं कि वह नहीं नहाएंगे या ब्रश नहीं करेंगे। कई बार बच्चों की जिद या प्यार में आकर पेरेंट्स उनकी बात मान भी लेते हैं। लेकिन आगे चलकर बच्चों की क्लीनिंग की आदत बिगड़ जाती है। बच्चों को दांतों की समस्या और हाइजीन से जुड़े इश्यू होने लगते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को अपनी साफ-सफाई की अहमियत पेरेंट्स समझाएं।
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स्क्रीन टाइम बढ़ा देते हैं
ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों को तय सीमा में ही मोबाइल या टीवी पर कोई शो या प्रोग्राम देखने देते हैं। लेकिन बच्चे अगर थोड़ा और टीवी या मोबाइल देखने की जिद करते हैं तो पेरेंट्स आसानी से मान भी जाते हैं। जबकि कभी भी बच्चों का टीवी या मोबाइल का स्क्रीन टाइम नहीं बढ़ाना चाहिए। इससे आगे चलकर उनको आंखों की दिक्कत हो सकती है, चश्मा लग सकता है। साथ ही, उनकी एकाग्रता पर भी इसका असर पड़ सकता है।
एक्सरसाइज नहीं करवाते
जब पेरेंट्स बच्चों को प्यार जताने के लिए उनका स्क्रीन टाइम बढ़ाते हैं, तो इससे उनकी फिजिकल एक्टिविटी का टाइम भी कम हो जाता है। कई रिसर्च से भी यह बात साबित हो चुकी है कि स्क्रीन टाइम बढ़ने से बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी कम हुई है और उनमें मोटापे की समस्या बढ़ रही है। इसलिए जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों की एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी को लेकर लापरवाह ना रहें। कभी भी यह ना सोचें कि फिजिकल एक्टिविटी से बच्चा थक जाएगा। बल्कि बच्चों को पार्क में खुद लेकर जाएं और फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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