बुजुर्गों के साथ ही बच्चों को भी हो सकता है गठिया का रोग, डॉक्टर से जानें इसके प्रकार

गठिया का रोग बुजुर्गों के साथ ही बच्चों को भी हो सकता है। आगे जानें बच्चों को होने वाले गठिया के प्रकार के बारे में। 

 
Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: Feb 22, 2023 09:00 IST
बुजुर्गों के साथ ही बच्चों को भी हो सकता है गठिया का रोग, डॉक्टर से जानें इसके प्रकार

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Juvenile Arthritis Types : जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस (जे.आई.ए.) एक तरह की गठिया होती है। इसमें जोड़ों में दर्द, सूजन और काम को करने में परेशानी होती है। साथ ही हड्डियों में दर्द होता है। इस बीमारी के सही कारणों का अभी तक पता नहीं लगा है। ये बीमारी के बच्चों को भी होती है। इसमें सिनोवियम जोड़ों के अंदर मौजूद टिश्यू में सूजन आ जाती है। जुवेनाइल आर्थराइटिस को ऑटोइम्युन रोग भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जात है क्योंकि रोगी की रोग प्रतिरोध क्षमता बाहरी तत्वों को पहचान नहीं पाती है और वह शरीर के टिश्यू को ही नुकसान पहुंचाने लगती है।  

इस रोग में बच्चों को बेहद दर्द महसूस होता है। यदि आपके बच्चों को भी इस तरह का दर्द हो रहा है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। डॉक्टर दर्द के सही कारणों को पहचान कर इलाज शुरू करेंगे।  

कितने प्रकार के होते हैं जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस  How Many Types Of Juvenile Arthritis In Hindi 

जुवेनाइल आर्थराइटिस में बच्चों को महसूस होने वाले लक्षण और उनके जोड़ों में दर्द की जगहों के आधार पर इस रोग के प्रकार को अलग-अलग किया जाता है। 

ओलिगोआर्टिकुलर  (Oligoarticular) 

ओलिगोआर्टिकुलर में बच्चे को जोड़ों में दर्द महसूस होता है। इसमें बच्चे के सभी जोड़ प्रभावित नहीं होते हैं। इस प्रकार में बच्चों को केवल शरीर के आधे जोड़ों में दर्द होता है। 8 साल से कम आयु की लड़कियों को इस प्रकार का गठिया होने की संभावना अधिक होती है। ओलिगोआर्टिकुलर में बच्चे के घुटने और टखने प्रभावित होते हैं। इस समस्या में बच्चे की आंखों पर भी असर पड़ता है। इस प्रकार के रोग में बच्चे के नियमित आंखों की जांच कराने की आवश्यकता होती है।  

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पॉलीआर्टिकुलर (Polyarticular juvenile) 

जुवेनाइल आर्थराइटिस में करीब 30 प्रतिशत बच्चों को पॉलीआर्टिकुलर प्रकार का ही गठिया होता है। ये रोग लड़कों की तुलना में लड़कियों में अधिक देखा जाता है। पॉलीआर्टिकुलर में बच्चे के शरीर के पांच या उससे अधिक जोड़ प्रभावित होते हैं। इसमें घुटने टखने और हाथ व पैरों के जोड़ों में दर्द होता है। कुछ बच्चों में प्रकार गंभीर हो जाता है।  

सोरियाटिक (sciatica) 

सोरियाटिक गठिया में बच्चे को गठिया के साथ सोरायसिस नामक त्वचा रोग भी देखने को मिलता है। परिवार में किसी को सोरायसिस की समस्या होने पर ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है। इसमें बच्चे के नाखून में बदलाव देखने को मिलता है। साथ ही पैरों की अंगुलियों में सूजन देखने को मिलती है।  

एंथेसाइटिस (Enthesitis)  

एंथेसाइटिस से संबंधित गठिया जुवेनाइल आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है। जिसमें अक्सर हड्डियों के जोड़ों और स्नायुबंधन में सूजन हो जाती है। यह रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से बच्चे को पीठ में दर्द की समस्या भी हो सकती है। ये रोग 6 साल से अधिक आयु के लड़कों को प्रभावित करता है।  

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सिस्टमिक (Systemic) 

करीब 20 प्रतिशत बच्चों को सिस्टमिक जुवेनाइल आर्थराइटिस होता है। इस प्रकार के रोग में बच्चे के कम से कम एक जोड़ में सूजन और दर्द होता है। अतिरिक्त लक्षणों में हृदय, लिवर और लिम्फ नोड्स जैसे आंतरिक अंगों में सूजन हो सकती है। इस रोग में बच्चे को करीब दो सप्ताह तक तेज बुखार रहता है।  

गठिया बेहद ही दर्दनाक रोग होता है। इस रोग में मरीज को शरीर के अंगों पर सूजन हो जाती है और उसे जोड़ों में तेज दर्द महसूस होता है। कई बार रोगी दर्द की वजह से रात में उठ जाता है। इसके लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और समय रहते जुवेनाइल आर्थराइटिस का इलाज कराएं।  

 

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