नींद हर आयु-वर्ग के व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है, खासकर की शिशु और बुजुर्गों के लिए। नींद पूरी ना होने से बहुत सी शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। जिन्हें बहुत से शोधों ने साबित भी किया है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं नवजात शिशु की। आपने देखा होगा कि किसी भी नए बने माता पिता से पूछें तो पता चलता है कि हर बच्चे के सोने का और उठने का समय अलग अलग है। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन एंड नियोनेटालॉजिस्ट डॉक्टर अमित गुप्ता कहते हैं कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चे ने जन्म से पहले अपना समय गर्भ में ही बिताया होता है। वहां हर समय केवल अंधेरा ही रहता था। वह केवल पेट में होने वाली आवाजों के कारण उठता था। लेकिन जैसे ही वह बाहर निकलता है तो उसे अंधेरा और उजाला दोनों देखने को मिलते हैं। जिससे उसकी स्लीप साइकिल में बदलाव देखने को मिलता है। इसी कारण नवजात कभी अधिक तो कभी कम सोता है। और एक नवजात बच्चे के शारीरिक विकास और ओवरऑल हेल्थ के लिए नींद बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि शिशु को किस अवस्था में कितनी नींद की जरूरत होती है।
जन्म के पहले कुछ हफ्ते तक (Baby Needs Sleep In First Week)
जन्म के कुछ हफ्ते बाद तक शिशु को सबसे अधिक नींद चाहिए होती है। इस अवस्था में छोटे बच्चे जागने से अधिक घण्टे सोते है। बच्चा जन्म लेने के पहले हफ्ते में दिन में 17 से 18 घंटे तक सोता है। हर बच्चे का सोने का समय अलग हो सकता है। लेकिन एक बात सब में ही देखने को मिलेगी और वह है कि रात में अक्सर बच्चे नहीं सोते हैं। शुरुआती दिनों में बच्चा हर तीन घंटे में भूख के कारण उठ ही जाता है।
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बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ नींद में आता है बदलाव (Sleep Patterns Change)
जैसे जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं, उनकी स्लीप साइकिल में भी बदलाव आने लगता है और अब वह लंबे समय के लिए सोने लग जाते हैं।
1 महीने की उम्र तक
एक महीने का बच्चा औसतन 15.5 घंटे सोता है जिसमें दिन और रात दोनों शामिल होते हैं।
2 महीने की उम्र तक
बच्चों को अभी भी रोजाना 15.5 घंटे की नींद चाहिए होती है लेकिन दो महीने का होने तक वह दिन और रात में अंतर समझने लग जाते हैं।
4 महीने की उम्र तक
इस उम्र तक आते आते बच्चे 14 से 15 घंटे तक सोना शुरू कर देते हैं। वह रात में केवल एक या दो बार ही उठते हैं और वह भी केवल भूख लगने के कारण। इस उम्र में आने तक बच्चा लंबे लंबे समय तक एक साथ सोना शुरू कर देते है।
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6 महीने की उम्र तक
इस उम्र तक आते आते बच्चा 13 से 14 घंटे सोना शुरू कर देता है। इस उम्र में वह अपना एक पैटर्न फिक्स कर लेते हैं जिसमें 10 घंटे रात में सोते हैं और 4 घंटे दिन में सोते हैं। हर बच्चा अलग अलग होता है और बहुत सारे बच्चे छः महीने तक आते आते पूरी रात सोने लगते हैं।
बच्चों को इतनी अधिक नींद क्यों आती है (Why Do Babies Sleep More)
बच्चों को इतनी अधिक नींद शुरुआत के दिनों में इसलिए आती है क्योंकि उनके दिमाग में ढेरों सारे न्यूरॉन्स निकलते हैं। यह उनके शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इसलिए अगर आप का बच्चा पूरा दिन सो भी रहा है तो यह पूरी तरह से नॉर्मल है और हर बच्चा ही पैदा होने के कुछ हफ्तों तक दिन रात भर सोता ही रहता है। तो आप को इस विषय में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
अगर आप यह विचार कर रहे हैं कि कहीं आप के बच्चे को पूरी नींद मिल पा रही है या नहीं! तो आप को जब वह जागते हैं तो उनके व्यवहार को नोटिस करना चाहिए। अगर वह जागते समय शांति से रहते हैं और ज्यादा रोते भी नहीं हैं तो आप को समझ जाना चाहिए कि अब वह पर्याप्त नींद ले पा रहे हैं। हालांकि अगर आप का बच्चा इतना अधिक सोता है कि वह भूख के कारण भी नहीं उठ पाता है तो यह एक चिंता का विषय है। आप को इस विषय में एक बार डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए।
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