मैग्नीशियम (Magnesium) क्या है? मैग्निशियम एक तरह का मिनरल है जो शरीर में पाया जाता है, मैग्नीशियम से शरीर को ऊर्जा मिलती है और हड्डियों की मजबूती के लिए मैग्नीशियम शरीर में मौजूद रहता है, इम्यूनिटी को मजबूत रखने के लिए भी मैग्नीशियम जरूरी है। बच्चों की अच्छी सेहत के लिए मैग्नीशियम जरूरी है, जिन बच्चों के शरीर में पर्याप्त मैग्नीशियम मौजूद नहीं होता उन्हें डॉक्टर मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं, वैसे तो हमारे नैचुरल खाद्य पदार्थ जैसे पालक, बादाम, ब्राउन राइस, केला आदि में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है पर इसकी कमी को दूर करने के लिए सप्लीमेंट भी लिए जाते हैं, इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि क्या वाकई बच्चों को मैग्नीशियम सप्लीमेंट दिए जाने चाहिए या नहीं और मैग्नीशियम की कितनी मात्रा बच्चों के लिए सेफ होती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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बच्चों के लिए मैग्नीशियम क्यों जरूरी है? (Importance of magnesium for kids)
शरीर के लिए मैग्नीशियम एक जरूरी मिनरल है, इससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। बच्चों के लिए भी मैग्नीशियम एक जरूरी मिनरल है क्योंकि मैग्नीशियम की मदद से बच्चे के शरीर को एनर्जी मिलती है, मैग्नीशियम से नर्वस सिस्टम ठीक ढंग से काम करता है, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। हार्ट को हेल्दी रखने के लिए मैग्नीशियम एक जरूरी मिनरल है, इसकी कमी से कम उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चे को मैग्नीशियम कि कितनी मात्रा की जरूरत होती है? (Quantity of magnesium required for kids)
मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में मौजूद होता है पर जिन बच्चों के शरीर में मैग्निशियम की कमी होती है उन्हें विभिन्न खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट के फॉर्म में मैग्नीशियम दिया जा सकता है। हालांकि ये केवल डॉक्टर तय कर सकते हैं कि आपके बच्चे को सप्लीमेंट देने की जरूरत है या नहीं। अगर आपका बच्चा 10 से 14 साल की उम्र में है तो आप उसे 230 एमजी मैग्नीशियम दे सकते हैं वहीं उससे बड़े बच्चों को 300 से 400 एमजी मैग्नीशियम दिया जा सकता है। अगर बच्चे की उम्र 8 साल या उससे कम है तो आप उसे 70 से 100 एमजी मैग्नीशियम दे सकते हैं।
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बच्चे के शरीर में मैग्नीशियम की कमी का पता कैसे लगाएं? (Magnesium deficiency symptoms in kids)
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अगर आप बच्चे के शरीर में मैग्नीशियम की कमी का पता जल्दी लगा लें तो बाकि बीमारियों को होने से रोका जा सकता है, मैग्नीशियम की कमी का असर हड्डियां, हार्ट, मानसिक स्वास्थ्य, मसल्स आदि पर पड़ता है। अगर आपके बच्चे के शरीर में मैग्नीशियम की कमी है तो उसे नजरअंदाज न करें बल्कि इन लक्षणों पर गौर करें-
- अगर आपका बच्चा जल्दी थक जाता है तो ये मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं।
- कम एनर्जी रहना या कमजोरी महसूस करना भी मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हैं।
- अगर आपके बच्चे को अक्सर सिर में दर्द रहता है तो उसके शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो सकती है।
- एंग्जाइटी, कन्फ्यूज़ रहना भी मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हो सकते हैं।
- मसल्स में पेन या बार-बार फ्रैक्चर होना भी मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हैं।
- बच्चों के दांत में सड़न होना भी मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हैं।
- आंखों में कमजोरी या आंख में समस्या बढ़ना भी मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हैं।
मैग्नीशियम की कमी की जांच कैसे होती है?
- ब्लड सीरम टेस्ट
- आरबीसी मैग्नीशियम टेस्ट
बच्चों को मैग्नीशियम सप्लीमेंट देना चाहिए या नहीं? (Magnesium supplement is safe for kids or not)
कोई भी सप्लीमेंट नैचुरल स्रोत का विकल्प नहीं हो सकता इसलिए बच्चे को खाने के जरिए मैग्नीशियम जरूर दें। डॉक्टर बच्चों को मैग्नीशियम सप्लीमेंट खाने की सलाह तभी देते हैं जब उनके शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो, इसलिए आप बच्चे की जांच करवाएं अगर मैग्नीशियम की कमी है तो ही उसे सप्लीमेंट दें नहीं तो मैग्निशियम रिच फूड्स दे सकते हैं। गोली या टैबलेट के फॉर्म में मिलने वाली मैग्नीशियम सप्लीमेंट मल्टीविटामिन या मिनरल का कॉम्बिनेशन होती है। मैग्नीशियम की सही डोज़ लेना जरूरी है नहीं तो बच्चे को जी मिचलाने की समस्या, लो बीपी, कमजोरी, रेस्पिरेट्ररी प्रॉब्लम, अनियमित हार्टबीट आदि समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों को या तो मैग्नीशियम साइट्रेट दी जाती है या मैग्नीशियम ऑयल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
बच्चे को मैग्नीशियम सप्लीमेंट देने से पहले बरतें सावधानी
मैग्नीशियम सप्लीमेंट का ज्यादा सेवन करने से बच्चों को डायरिया की समस्या हो सकती है क्योंकि मैग्नीशियम को एब्सॉर्ब करना मुश्किल होता है। अगर बच्चे को कोई एलर्जी या कोई बीमारी है तो उसे मैग्नीशियम सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें, एब्डॉमिनल यानी पेट संबंधी विकार में भी चिकित्सा सलाह जरूरी है। अगर बच्चा किसी अन्य समस्या के लिए दवा पहले से ले रहा है तो उसके साथ मैग्नीशियम सप्लीमेंट न दें।
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बच्चे को मैग्नीशियम के नैचुरल स्रोत दें (Natural sources of magnesium)
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- मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ाने के लिए आप बच्चे को मूंगफली, किशमिश, दलिया, बादाम, शकरकंद, ग्रीन टी, केला, अखरोट, डॉर्क चॉकलेट, ब्रोकली आदि का सेवन करवाएं।
- आप बच्चे को ब्राउन राइस (Brown rice) खिला सकते हैं, इसमें भी मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है।
- ठंड के दिनों में पालक (Spinach) खूब खाई जाती है और ये भी मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, आपको बच्चे की डाइट में पालक की दाल, पालक का सूप एड करना चाहिए।
- टोफू (Tofu) में भी मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, आप बच्चे को टोफू की सब्जी या टोफू का सैंडविच बनाकर खिला सकते हैं।
- बीन्स (Beans) का सेवन करने से शरीर में मैग्नीशियम की कमी पूरी होती है, आप बच्चे को सप्लीमेंट की जगह फलियां खिलाएं तो मैग्नीशियम की जरूरी मात्रा बच्चे के शरीर को मिल जाएगी।
- पाइनएप्पल (Pineapple) में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, आप बच्चे को फ्रूट सलाद, कस्टर्ड आदि में पाइनएप्पल मिलाकर दे सकते हैं।
मैग्नीशियम सप्लीमेंट की गलत मात्रा से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं इसलिए आप बच्चे को मैग्नीशियम सप्लीमेंट देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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