Does meal timing affect health: फिटनेस के साथ हेल्थ मेंटेन रखने में डाइट का बहुत बड़ा रोल होता है। अगर आप लो कैलोरी डाइट लेते हैं, तो इससे वजन तो कम होगा लेकिन ये पोषक तत्वों की कमी की वजह भी बन सकता है। अगर आप बैलेंस्ड डाइट लेते हैं तो इससे वेट और मेंटेन रहेगी। इसी तरह सेहतमंद रहने के लिए समय पर खाना और मात्रा का ध्यान रखते हुए खाना दोनों जरूरी है। अक्सर इन नियमों को वेट लॉस के दौरान फॉलो किया जाता है। जबकि ये नियम सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनसे सेहत को कई फायदे मिलते हैं। क्या आप जानते हैं इन नियमों से सेहत पर क्या असर पड़ता है? इस बारे में जानने के लिए हमने नोएडा से डायटिशियन कामिनी सिन्हा से बात की।
वेट मेंटेन रखना है- Maintain Weight
पॉर्शन कंट्रोल रखने और अपना हर मील टाइम पर खाने से वेट मेंटेन रखना काफी आसान हो जाता है। अगर आप समय पर सभी मील लेते हैं, तो इससे बार-बार भूख नहीं लगती है। इससे आप ओवरईटिंग भी नहीं करते हैं। पॉर्शन कंट्रोल रखने से बॉडी में कैलोरी भी ज्यादा नहीं जाती है। इससे दिनभर कैलोरी बैलेंस बना रहता है और वेट मेंटेन रखने में मदद मिलती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है- Control Blood Sugar
समय पर सभी मील लेने से शुगर स्पाइक नहीं होती है। अगर आप पॉर्शन कंट्रोल में खाते हैं, तो इससे आप ओवरईट नहीं करते हैं और न कुछ गलत खाते हैं। ये आदतें ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने में मदद करती हैं। पॉर्शन कंट्रोल होने से बॉडी में फैट और शुगर भी कंट्रोल रहती है। इससे इंसुलिन बैलेंस रहता है और टाइट 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
इसे भी पढ़ें- शुगर स्पाइक से बचने के लिए आलू का सेवन कैसे करें? एक्सपर्ट से जानें
मेटाबॉलिज्म इंप्रूव होता है- Improve Metabolism
हेल्थ और वेट मेंटेन रखने के लिए मेटाबॉलिज्म बूस्ट होना जरूरी है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म स्ट्रांग है तो इसका मतलब है बॉडी कैलोरी बर्न कर पा रही है। अगर आप सभी मील समय पर लेते हैं तो इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इससे डाइजेशन भी इंप्रूव रहता है और वेट मेंटेन रखना आसान हो जाता है। अगर बॉडी में एक्स्ट्रा कैलोरी भी जाती है, तो मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने से बर्न करना आसान होता है।
ओवरईटिंग नहीं होती है- Skip Overeating
अगर आप अपने सभी मील समय से ले रहे हैं, तो आपको भूख भी समय पर लगेगी। इससे आप अपने किसी भी मील में ओवरईटिंग नहीं करेंगे। लेकिन अगर आप कोई भी मील स्किप कर देते हैं, तो इससे आप रात में ओवरईटिंग कर सकते हैं। इससे बॉडी का मेटाबॉलिज्म नैचुरली कम हो सकता है। पॉर्शन कंट्रोल में खाने से बार-बार फूड क्रेविंग नहीं होती है।
इसे भी पढ़ें- शुगर स्पाइक कंट्रोल रखने के लिए इस तरीके से खाएं खाना, डायबिटीज रोगियों को मिलेगा फायदा
गट और हार्ट हेल्थ बूस्ट होती है- Gut and Heart Health
समय पर खाना और पॉर्शन कंट्रोल रखना गट हेल्थ व हार्ट हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और हार्ट हेल्दी रहता है। समय पर खाना खाने पचना आसान होता है। इससे गट पर प्रेशर नहीं पड़ता है और डाइजेशन ठीक रहता है। इससे गट बैक्टीरिया बैलेंस्ड रहते हैं और इंफ्लेमेशन नहीं होती है।
क्रेविंग कम होती है- Reduce Cravings
समय पर खाने से क्रेविंग कंट्रोल रहती है। ऐसे में आप अनहेल्दी नहीं करेंगे और दिनभर का कैलोरी इनटेक भी बैलेंस रहेगै। पॉर्शन कंट्रोल करके खाने से ब्लड शुगर और डाइजेशन दोनों ठीक होते हैं। समय पर खाने से हंगर हार्मोन भी बैलेंस रहता है और इससे वेट भी मेंटेन रहेगा। इससे आप इमोशनल ईटिंग नहीं करेंगे और बीमारियों का खतरा भी नहीं होगा।
निष्कर्ष
लेख में हमने जाना समय पर खाना और पॉर्शन कंट्रोल रखना सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है। इससे क्रेविंग कंट्रोल होती है, गट और हार्ट हेल्थ बूस्ट होती है, ओवरईटिंग नहीं होती है, मेटाबॉलिज्म इंप्रूव होता है, ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है और वेट मेंटेन रखने में मदद मिलती है। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।
FAQ
समय पर खाने से क्या फायदा होता है?
समय पर खाना खाने से जल्दी पच जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वेट लॉस में मदद मिलती है। समय पर खाना खाने से क्रेविंग कम होती है, ओवरईटिंग नहीं होती है और ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है।पोर्शन कंट्रोल करना क्या होता है?
पोर्शन कंट्रोल करने का मतलब शरीर की जरूरत के मुताबिक खाना। बॉडी को दिनभर में जितनी कैलोरी की जरूरत होती है, उतनी कैलोरी अलग-अलग मील में बांटकर दिनभर में लेना।1 दिन में कितने समय खाना चाहिए?
एक्सपर्ट के मुताबिक 1 दिन में 3 या 5 मील ले सकते हैं। अगर आप कम मील लेते हैं और समय पर खाना खाते हैं, तो इससे वेट मेंटेन रखने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रखें कि आप पॉर्शन का ध्यान रखकर खाएं। अपना कैलोरी इनटेक का ध्यान रखें और अपने सभी मील उसके मुताबिक बांटे।