Nirjala vrat ke nuksan: भारत में सालभर अलग-अलग प्रकार के व्रत और त्योहार आते हैं। कुछ व्रत और त्योहारों में जहां सात्विक भोजन करने का नियम होता है तो कुछ में लोग फलहारी और निर्जला उपवास करते हैं। बात सिर्फ निर्जला उपवास की करें तो इसमें पानी न पीने का नियम होता है और लगभग 24 घंटे की अवधि तक लोग बिना पानी के रखते हैं। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि इतना लंबा निर्जला उपवास करने के दौरान शरीर पर कैसा असर पड़ता है। इस दौरान शरीर के अंग किस प्रकार से काम करते हैं। शरीर बिना पानी के कितनी देर काम चला सकता है (nirjala upvas karne se kya hota hai), जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में Dr. Brunda M S, Sr. Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
बिना पानी के शरीर कितनी देर तक काम कर सकता है?
Dr. Brunda M S कहते हैं कि निर्जला उपवास का मतलब होता है बिना पानी के रहना। बिना पानी के 24 घंटे रहना कुछ स्वस्थ लोगों के उतना मुश्किल नहीं होता लेकिन, कुछ लोगों के शरीर के लिए यह काफी कठिन स्थिति हो सकती है। ऐसे में विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि कुछ स्वस्थ लोग 24 घंटे तक बिना पानी के रह सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों में 8-12 घंटों के भीतर डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। खासकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले लोगों, बुजुर्गों और बच्चों को इसका खतरा ज्यादा होता है। डॉक्टर गर्मी के मौसम में या अस्वस्थ होने पर निर्जला उपवास से बचने की सलाह देते हैं। इस तरह का उपवास करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ से सलाह लें, क्योंकि अगर सावधानी और मार्गदर्शन में न किया जाए तो यह हानिकारक हो सकता है।
निर्जला उपवास के नुकसान क्या हैं-Nirjala fasting side effects in hindi
निर्जला उपवास के कई नुकसान हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारा शरीर पानी के बिना लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकता। पानी की कमी से जल्दी ही डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, निम्न रक्तचाप और भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। इसके अवाला पानी की कमी से कई अंग धीमे-धीमे प्रभावित हो सकते हैं। जैसे कि
किडनी पर प्रभाव पड़ता है
निर्जला उपवास के दौरान किडनी के कामकाज पर प्रभाव पड़ता है। ऐसा इसलिए कि किडनी को शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए पानी की जरूरत होती है। पानी के बिना, शरीर का तापमान बढ़ सकता है और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
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लिवर का काम
जब शरीर में पानी की कमी होती है तो लिवर का कामकाज भी काफी हद तक प्रभावित होता है। लिवर विषाक्त पदार्थों को कुशलतापूर्वक छानने और पोषक तत्वों को संसाधित करने के लिए पर्याप्त पानी की मात्रा पर निर्भर करता है। पानी की कमी होने पर लिवर की इन कार्यों को करने की क्षमता क्षीण हो जाती है, जिससे थकान, मतली और पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, डिहाइड्रेशन खून में विषाक्त पदार्थों की सांद्रता को बढ़ा सकता है, जिससे लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
पाचन क्रिया धीमा हो जाता है
निर्जला उपवास के दौरान आपका पाचन क्रिया धीमा हो सकता है। उपवास से पेट में ऐंठन, मतली और पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। दरअसल, पानी के बिना आंतों को गति नहीं मिलती है और इनका कामकाज भी प्रभावित होने लगता है। धीमे-धीमे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है जिससे अगले दिन कुछ भी खाने-पीने पर पाचन से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी
निर्जला उपवास की वजह से आपके मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी हो सकती है। इतना ही नहीं आपका ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है और दिल के काम काज पर भी इसका असर पड़ सकता है। इससे बीपी लो हो सकता है, घबराबट हो सकती है और आपको चक्कर आ सकते हैं, कंपकंपी और मनोदशा में बदलाव महसूस हो सकते हैं।
इसलिए अपने शरीर की सुनें। अगर आपकी क्षमता नहीं है तो निर्जला व्रत रखने से बचें। अगर आपको गंभीर नुकसान महसूस होते हैं, तो अपना उपवास तोड़ने या किसी एक्सपर्ट की लेने पर विचार करें। ऐसी स्थिति में आप फलाहार जैसे विकल्पों को चुनें आपके लिए बेहतर होगा।
FAQ
निर्जला उपवास के फायदे क्या हैं?
निर्जला उपवास के फायदा यह है कि इस दिन शरीर के तमाम अंगों को विश्राम मिलता है। शरीर, अपने अंदर जमा एनर्जी को जलाता है और इस्तेमाल करता है। इसके अलावा यह मोटापा कम करने में भी मददगार हो सकता है। साथ ही कुछ लोगों के लिए यह मानसिक शांति देने वाला और इम्यूनिटी बढ़ाने वाला हो सकता है।कितने घंटे का उपवास रखना चाहिए?
उपवास हर किसी व्यक्ति की क्षमता पर निर्भर करता है। 12 घंटे का उपवास शरीर को फैट बर्न करने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।व्रत में चाय पी सकते हैं क्या?
कुछ व्रत में चाय पी सकते हैं लेकिन अगर निर्जला उपवास कर रहे हैं को चाय नहीं पी सकते हैं। हालांकि, आप किस तरह का व्रत करते हैं यह उसी बात पर निर्भर करता है।