शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना किसी गंभीर समस्या से कम नहीं है। हाई कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियों का कारण बनता है। कई बार कोलेस्ट्रॉल के साथ ही साथ खून में ट्राइग्लिसराइड्स का भी स्तर बढ़ जाता है। बहुत से लोग ट्राइग्लिसराइड्स को भी एक प्रकार का कोलेस्ट्रॉल समझ लेते हैं। जबकि यह बैड कोलेस्ट्रॉल से भी ज्यादा खतरनाक होता है। शरीर में इसका स्तर बढ़ने पर आपको हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है। चलिए दिल्ली के एम्स की डॉ. प्रियांका सहरावत से जानते हैं इसके बारे में सबकुछ।
क्या होता है ट्राइग्लिसराइड्स?
ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का फैट या लिपिड होता है, जो रक्त में पाया जाता है। आमतौर पर शरीर आप द्वारा खाई जाने वाली कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदलता है, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी मिल सके। ज्यादा कैलोरी या फिर जंक और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से ट्राइग्लिसराइड्स रक्त में प्रवेश कर जाता है। इसका स्तर ज्यादा होने पर कई बार हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। ट्राइग्लिसराइड्स भी एक प्रकार का बैड कोलेस्ट्रॉल है, जो रक्त में ब्लॉकेज का कारण बनता है।
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कैसा करता है शरीर को प्रभावित?
- ट्राइग्लिसराइड्स शरीर को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है।
- ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने पर आपकी रक्त कोशिकाओं में ब्लॉकेज बननी शुरु हो जाती है, जिससे हार्ट की बीमारी हो सकती है।
- ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने पर कई बार हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने का भी खतरा रहता है।
- कई बार ट्राइग्लिसराइड्स के बढ़ने से दिमाग तक जाने वाली नलियों में भी ब्लॉकेज आ सकती है।
- ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से फैटी लिवर होने के साथ-साथ कुछ मामलों में लिवर डैमेज होने का भी खतरा रहता है।
- थायरॉइड और डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से कई समस्याएं हो सकती हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के तरीके
- ट्राइग्लिसराइड्स कम करने के लिए आपको लाइफस्टाइल में सुधार करना चाहिए।
- इसके लिए नियमित तौर पर कम से कम 30 मिनट की वॉक करें और जुम्बा, एरोबिक्स आदि जैसी एक्सरसाज करें।
- इसके लिए हेल्दी चीजें खाएं और फैट वाली चीजों से परहेज करें।
- इसके लिए आपको अपने कोलेस्ट्रॉल की रोकथाम करने की जरूरत है।