आपके खर्राटों से दूसरे हैं परेशान, तो शर्मिन्दा क्यों होना? जानें क्या है खर्राटों का कारण और इलाज

आपकी खर्राटों की आवाज के कारण दूसरे आपको टोकते हैं और आप इस आदत के कारण शर्मिन्दा होते हैं, तो चिंता न करें। जानें क्या है खर्राटों का कारण और इसका आसान इलाज।
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आपके खर्राटों से दूसरे हैं परेशान, तो शर्मिन्दा क्यों होना? जानें क्या है खर्राटों का कारण और इलाज


खर्राटे आना एक ऐसी समस्या है, जिससे दूसरे व्यक्ति को परेशानी होती है। इसलिए कई बार घर में और सार्वजनिक जगहों पर सोने के बाद आपको शर्मिन्दा होना पड़ता है। खर्राटे आमतौर पर सोते समय निकलने वाली घर्र-घर्र की आवाज हैं, जो नाक में समस्या के कारण निकलते हैं। खर्राटे इतने आम हैं कि दुनिया में हर 4 में से 1 व्यक्ति इनसे परेशान है। कुछ लोगों के खर्राटों की आवाज धीमी होती है, मगर कुछ लोगों की आवाज तेज होती है।

खर्राटे भले ही आपकी गहरी नींद का संकेत हों, लेकिन आपके साथ रहने वाले शख्‍स को इनसे काफी परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही खर्राटे कई बीमारियों का इशारा भी हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इनसे निजात पाने की कोशिश करें। आइए आपको बताते हैं क्या है खर्राटों का कारम और कैसे कर सकते हैं इसका इलाज।

क्या होेते हैं खर्राटे?

समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक यदि ये उपाय खर्राटे रोकने में कारगर नहीं होते हैं तो आप निद्रा श्वासरोध बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं। इस बीमारी में सांस लेने के दौरान बीच-बीच में श्वास लेने की क्रिया खतरनाक रूप से रुक जाती है। इस बीमारी से पीडित लोगों को चिकित्सक कंटीन्युअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) उपकरण के उपयोग की सलाह देते हैं। इस उपकरण में एक विशेष प्रकार का मास्क होता है। कभी-कभी तालु के कोमल ऊतक को कठोर बनाने के लिए एक छोटी सी शल्य चिकित्सा की जाती है। जर्मनी के ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि इस चिकित्सा से मरीज अच्छी नींद ले पाते हैं और दिनभर थकान महसूस नहीं करते हैं।

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खर्राटों का कारण

खर्राटों का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे जीभ का बड़ा होना, पुरानी सर्दी, नाक में मस्से होना या नाक का पर्दा सीधा न होना आदि कारणों से सांस में रुकावट पैदा हो जाती है। अधिक मोटापे के कारण भी खर्राटों की शिकायत हो सकती है। खर्राटे अधिक आने पर पालीसाइटमियो नामक रोग भी हो सकता है। इस रोग में रक्त कणों की संख्या बढ़ने के कारण खून में गांठे पड़ सकती हैं। यदि ये गाँठें उन रक्त वाहिनियों में पहुंच जाएं जो हृदय में रक्त ले जाती हैं तो व्यक्ति को हार्ट अटैक तथा ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

उंची तकिया लगाने से आराम

जर्मन ऑटोलैरिंगोलॉजिस्ट एसोसिएशन के मुताबिक यदि सोते समय शरीर के ऊपरी हिस्से को हल्की सी ऊंची स्थिति में रखा जाए तो खर्राटों पर काबू पाया जा सकता है। एसोसिएशन के अनुसार वजन कम करने से भी इसमें मदद मिल सकती है।

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खर्राटों का इलाज

आपको इसकी समस्‍या से जल्‍द निजात पाने के लिए डॉक्‍टर की सलाह के साथ अपने वजन को कंट्रोल में रखना होगा। कुछ मरीजों को करवट लेकर सोने से खर्राटे नहीं आते जबकि कुछ को नॉजल ड्रॉप्स डालने से आराम मिलता है। कुछ मरीजों को मशीन लगाने से भी आराम मिलता है। परेशानी बढ़ने पर गले का ऑपरेशन भी किया जाता है। यदि समस्या बहुत ज्यादा ही गंभीर हो तो गले में ट्रेकिया में छेद कर पीड़ित व्यक्ति को राहत दी जाती है।

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