घर में जब शिशु का जन्म होता है तो परिवार का हर एक शख्स बच्चे की देखरेख और परवरिश में जुट जाता है। जिन लोगों को बच्चा पालने का एक्सपीरिएंस होता है वह नए पेरेंट्स बने लोगों को सलाह भी दते हैं। छोटे बच्चों में तेजी से शारीरिक और मानसिक विकास होता है, ऐसे में उनकी देखभाल के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। 3 साल से छोटे बच्चों के लिए सही पोषण, टीकाकरण और हेल्दी वातावरण जरूरी होता है। छोटे बच्चे जब धीरे-धीरे माइलस्टोन पूरे करते हैं तो पेरेंट्स की खुशी अलग ही होती है। लेकिन कई बार जब बच्चा अपने पैरों पर चलना शुरू करता है तो बच्चों के पैर से कट-कट की आवाज आती है और पैरों की शेप भी सही नहीं दिखती है, जिसे देखकर माता-पिता परेशान हो जाते हैं। इस बारे में किरण मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन और न्यूबोर्न स्पेशलिस्ट डॉ. पवन मंडाविया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करके जानकारी दी है और बच्चों में होने वाली इस समस्या के बारे में बताया है।
बच्चों के पैर से कट-कट की आवाज क्यों आती है? Cracking Sound From Child Feet Reason
डॉक्टर ने बताया कि बच्चों में टेढ़े पैर (Bow leg) की समस्या एक सामान्य बात है जो कि 3 से 4 साल की उम्र तक रह सकती है। इसी के कारण कई बार 3 साल से छोटे बच्चों के पैर से कट-कट की आवाज भी आ सकती है। डॉक्टर ने बताया कि लोगों को लगता है कि उनके बच्चे के पैर टेढ़े हैं और इसको लेकर काफी चिंतित हो जाते हैं। जबकि ये कोई चिंता का विषय नहीं है, बच्चों में टेढ़े पैर और कट-कट की आवाज की समस्या 3-4 साल की उम्र तक रहती है और जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है और अपना पूरा वजन पैरों पर रखने लगता है तो समय के साथ धीरे-धीरे बच्चे के पैर सीधे हो जाते हैं और समस्या खत्म हो जाती है।
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डॉक्टर ने बताया कि जब तक बच्चे चलना नहीं सीखते हैं तो उनके पैर अंदर की तरफ मुड़े हुए होते हैं और फिर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो ज्यादातर अपने पैर के अंगूठे पर वजन देकर चलता है, जिससे पैरों पर शरीर का पूरा वजन नहीं पड़ता। ऐसे में जब बच्चा सही से चलना शुरू कर देता है तो टेढ़े पैर की समस्या खत्म हो जाती है, ऐसे में पेरेंट्स को घबराना नहीं चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि कई मामलों में बच्चे में कैल्शियम और विटामिन D की कमी होती है तो ऐसे बच्चों में ये समस्या लंबे समय तक रह सकती है, जिसके लिए पेरेंट्स को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उचित इलाज फॉलो करना चाहिए।
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बचाव के तरीके
1. बच्चों की डाइट में कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर चीजों जैसे कि दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां और अंडे शामिल करें, ये सभी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
2. बच्चों के शरीर में हाइड्रेशन का ख्याल रखें। उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाते रहें।
3. अगर बच्चे के पैर में दर्द रहता है तो आप पैरों की मालिश कर सकते हैं।
4. यदि बच्चे के पैर से लगातार आवाज आ रही है और उसके साथ दर्द, सूजन या कोई अन्य समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
बच्चों के पैर से कट-कट की आवाज आना आमतौर पर गंभीर समस्या नहीं होती। सही आहार, एक्सरसाइज और पर्याप्त पानी पीने से इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।
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