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वेट लॉस सर्जरी के बाद प्रेग्नेंसी कैसे प्रभावित हो सकती है? डॉक्टर से जानें

वजन बढ़ने की वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस लेख में जानते हैं कि वजन कम करने की सर्जरी के बाद प्रेग्नेंसी में क्या प्रभाव आ सकते हैं।
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वेट लॉस सर्जरी के बाद प्रेग्नेंसी कैसे प्रभावित हो सकती है? डॉक्टर से जानें


How Does Weight Loss Surgery Affect Pregnancy: वजन बढ़ने की वजह से महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर्स की मानें तो वजन बढ़ने से ब्लड प्रेशर अनिंयत्रित हो सकता है। साथ ही, महिलाओं को वजन बढ़ने की वजह से हार्ट से जुड़ी परेशानियां और कोलेस्ट्रोल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। मोटापे का कारण महिलाओं को पीसीओएस (PCOS), पीसीओडी और पीरियड्स से संंबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती है। इसकी वजह से महिलाओं को गर्भधारण यानी कंसीव करने में मुश्किले हो सकती है। हालांकि, कई प्रयासों के बाद भी जब वजन कम नहीं होता है और इससे संभावित खतरों का जोखिम अधिक होता है, तो डॉक्टर वजन कम करने के लिए सर्जरी (Weight Loss Surgery) का सुझाव दे सकते हैं। इस तरह की सर्जरी को बैरियाट्रिक सर्जरी कहा जाता है। हालांकि, यदि आप सर्जरी के बाद गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं कि वजन घटाने की सर्जरी गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करती है?

वेट लॉस सर्जरी के बाद प्रेग्नेंसी पर पड़ने वाले प्रभाव - How Does Weight Loss Surgery Affect Pregnancy In Hindi

पोषक तत्वों की कमी होना - Chances Of Nutritional Deficiency

वजन कम करने के लिए की जाने वाली बैरियाट्रिक सर्जरी के बाद शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण पर प्रभाव पड़ सकता है। यदि, महिलाएं तुरंत सर्जरी के बाद कंसीव करती हैं तो ऐसे में उनको व बच्चे को पर्याप्त पोषण न मिलने की समस्या हो सकती है। साथ ही, इस दौरान कैल्शियम, विटामिन बी12, आयरन, और फोलेट की कमी होने की संभावना बढ़ सकती है।

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गर्भधारण के लिए कुछ समय तक रुकना - Wait For Conceive

डॉक्टर्स के अनुसार वजन कम करने वाली सर्जरी के बाद महिलाओं के शरीर को दोबारा से पूरी तरह से रिकवर होने के लिए करीब 10 से 12 माह का समय लग सकता है। इस समय तक महिलाओं के शरीर का वजन दोबारा से स्थित हो जाता है। साथ ही, पोषण का स्तर भी सामान्य स्तर पर आ जाता है। इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

पीसीओएस और हार्मोनल असंतुलन का जोखिम कम होना - Decrease PCOS And Hormonal Imbalance

कई बार महिलाओं को मोटापे का कारण गर्भधारण करने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में बैरियाटिक सर्जरी मोटापे की वजह से होने वाली दिक्कतों को दूर करने में मदद करती है। इस सर्जरी से खासकर हार्मोन असंतुलन और पीसीओएस के लक्षणों में आराम मिल सकता है।

प्रेग्नेंसी से जुड़ी जटिलताओं का जोखिम कम होना - Reduce Pregnancy Related Complications

बैरियाटिक सर्जरी के बाद कंसीव करने पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़े जोखिम जैसे जेस्टेशनल डायबिटीज, प्रीक्लेम्पसिया का खतरा कम होता है। इससे बच्चे के समय से पहले पैदा होने का जोखिम कम होता है। साथ ही, महिलाओं को भी प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है।

इसे भी पढ़ें: वजन कम करने के लिए कराई जाती है बेरिएट्रिक सर्जरी, इसे करवाने से पहले और बाद में बरतें ये सावधानियां

How Does Weight Loss Surgery Affect Pregnancy In Hindi: वजन कम करने वाली सर्जरी के बाद महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। इसके साथ ही, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर सर्जरी के संभावित लक्षणों को भी आसानी से कम किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि कोई समस्या महसूस हो तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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