
Horror Movies and Mental Health: मुझे हॉरर फिल्में देखने का बहुत शौक है। मैं हफ्ते में एक बार हॉरर फिल्म जरूर देखती हूं। मेरी तरह और भी कई लोग हैं जिन्हें हॉरर फिल्में देखना पसंद होता है। हॉरर फिल्में इसलिए लोगों को अच्छी लगती हैं क्योंकि अंत तक सस्पेंस बना रहता है। किसी भी क्षण आपको अंदाजा नहीं लगेगा कि अब क्या होने वाला है। यही ठीक एक वॉटरपार्क की स्लाइड में बैठने जितना रोमांचक अनुभव होता है। हॉरर फिल्में देखने के बाद डर भी बहुत लगता है। इस लेख में हम जानेंगे कि हॉरर फिल्में मानसिक तनाव को बढ़ाती हैं या नहीं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।

क्या मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है हॉरर फिल्में देखना?- Horror Movies and Mental Health
साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद ने बताया कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हॉरर फिल्में देखना हानिकारक हो सकता है। हॉरर फिल्में देखने से पल्स रेट और बीपी दोनों तेजी से बढ़ सकता है। हॉरर फिल्मों में दर्शकों को डराने के लिए साइकोलॉजिकल ट्रिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इससे सस्पेंस बढ़ता है। हालांकि फिल्म देखने के दौरान आपके दिमाग को पता होता है कि यह सच नहीं है। लेकिन साउंड्स, लाइट इफेक्ट्स और डायरेक्शन की मदद से आपके दिमाग को भ्रमित करने की कोशिश की जाती है। हॉरर फिल्मों का उद्देश्य है कि आप ज्यादा से ज्यादा डरें और आपको मजा आए।
मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं हॉरर फिल्में?- Impact of Horror Movies on Mental Health

- डरावनी कहानियां सुनने और हॉरर फिल्में देखने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है। डर के कारण मन रिलैक्स नहीं हो पाता और आप ठीक से सो नहीं पाते हैं। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्लीप साइकिल पूरा करना जरूरी है। जो लोग ज्यादा हॉरर फिल्में देखते हैं, उन्हें अक्सर नींद न आने की समस्या होती है।
- यह कहना गलत नहीं होगा कि हॉरर फिल्में नकारात्मक ऊर्जा की तरफ आपका ध्यान केंद्रिक करती हैं। आप कितने भी समझदार क्यों न हों, लगातार ऐसी फिल्में देखने के बाद आप कुछ हद तक इन फिल्मों से प्रभावित हो ही जाते हैं। कई लोगों को हॉरर मूवी देखने के बाद डर और एंग्जाइटी के लक्षण महसूस होते हैं।
- हॉरर मूवी देखकर व्यक्ति को डर लगता है और वह भ्रम की स्थिति में चला जाता है। इससे वर्क लाइफ बैलेंस प्रभावित हो सकती है। हॉरर फिल्में व्यक्ति के जीवन में तनाव की स्थिति पैदा कर सकती हैं।
- बच्चों का मन नाजुक होता है, वह जो देखते हैं उसे ही सच मान लेते हैं। इसलिए बच्चों को हॉरर फिल्मों से दूर रखें। ऐसा न करने से पर बच्चे सच्चाई और काल्पनिक चीजों में अंतर नहीं समझ पाते और तनाव में आ जाते हैं।
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हॉरर फिल्म देखकर डर या तनाव महसूस होने पर क्या करें?
- हॉरर फिल्म देखते समय ज्यादा तनाव या घबराहट जैसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत फिल्म देखना बंद कर दें।
- अगर आप अकेले हैं और हॉरर फिल्म देखने से आपको डर लगता है, तो ऐसी फिल्मों से दूर रहें।
- लगातार कई घंटे या कई दिनों तक हॉरर फिल्में देखने से बचें।
- तनाव महसूस होने पर अपना मूड अच्छा रखने की कोशिश करें। इसके लिए आप लाइट म्यूजिक सुन सकते हैं।
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