Digital Self Harm: जैसे-जैसे हम तकनीक के साथ आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे मनाव के लिए नई-नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। पुराने जमाने में बच्चे खिलौनों से खेलते थे। लेकिन आज के समय में जैसे ही बच्चे होश संभालते हैं, उनके हाथ में मोबाइल आ जाता है। इंटरनेट और फोन की सुविधा ने जहां एक तरफ किसी भी काम करने के तरीके को आसान बना दिया है, वहीं दूसरी तरफ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को खराब करने के लिए भी यह जिम्मेदार है। फोन और इंटरनेट के कारण इंसान के शरीर में कई नकारात्मक संकेतों को देखा गया है। फोन और इंटरनेट नई बीमारियों का कारण बनते जा रहे हैं। एक तरह की मानसिक समस्या के बारे में मुझे हाल ही में पता चला, जिसे डिजिटल सेल्फ हार्म के नाम से जाना जाता है। इसका सीधा संबंध भी तकनीक से है। यह साइबरबुलिंग का एक प्रकार है। लेकिन इसमें व्यक्ति डिजिटल माध्यम के जरिए दूसरों को नहीं बल्कि खुद को कष्ट पहुंचाता है। यह आदत बच्चे और बड़े दोनों को हो सकती है। बच्चों में यह एक गंभीर समस्या है। अनजाने में बच्चे फोन का इस्तेमाल करते हैं और उसकी लत लग जाती है। चलिए जानते हैं डिजिटल सेल्फ हार्म के नुकसान और इससे बचने के उपाय। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
डिजिटल सेल्फ हार्म क्या होता है?- What is Digital Self Harm
इलेक्ट्रोनिक माध्यमों की मदद से खुद को नुकसान पहुंचाने की आदत को डिजिटल सेल्फ हार्म कहा जाता है। यह समस्या बच्चों को तेजी से प्रभावित करती है। जो बच्चे अकेले रहते हैं या दुखी रहते हैं, वह इस तरह की खराब आदतों का शिकार हो जाते हैं। डिजिटल सेल्फ हार्म की स्थिति सुसाइड का रूप भी ले सकती है इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है। डिजिटल सेल्फ हार्म में बच्चे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके ऐसे शब्द, फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री शेयर करते हैं जिससे खुद उनकी सेल्फ-इमेज खराब हो। वह ऐसा किसी फेक आईडी की मदद से करते हैं। उदाहरण के लिए फेक आईडी से अपनी आईडी पर कमेंट करना।
डिजिटल सेल्फ हार्म के कारण- Digital Self Harm Causes
- मजाक-मस्ती में बच्चे इस तरह का कदम उठा लेते हैं।
- लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए बच्चे डिजिटल सेल्फ हार्म का सहारा लेते हैं।
- सहानुभूति पाने के लिए बच्चे डिजिटल सेल्फ हार्म की मदद लेते हैं।
- दोस्त बनाने के लिए या अकेलापन महसूस करने के कारण बच्चे यह कदम उठा सकते हैं।
डिजिटल सेल्फ हार्म बच्चों की सेहत को कैसे प्रभावित करता है?- How Digital Self Harm Affect Health
- डिजिटल सेल्फ हार्म एक गंभीर समस्या है। इससे बच्चों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
- इस स्थिति में बच्चा डिप्रेशन का शिकार हो सकता है, उसका कॉन्फिडेंस जा सकता है।
- गंभीर स्थिति में बच्चे एंग्जाइटी डिसआर्डर का शिकार हो जाते हैं।
- स्मरण शक्ति कमजोर हो सकती है और ईटिंग डिसआर्डर की समस्या हो सकती है।
- ईटिंग डिसआर्डर के कारण ऐसे बच्चे स्ट्रोक, हार्ट की बीमारियां, थायराइड और डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं।
- ऐसे बच्चों में वजन के तेजी से बढ़ने या घटने के लक्षण भी नजर आने लगते हैं।
- तनाव के कारण अनिद्रा की समस्या हो जाती है जिसका बुरा असर शरीर पर पड़ता है।
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डिजिटल सेल्फ हार्म से बच्चों को कैसे बचाएं?- Digital Self Harm Prevention Tips in Kids
डिजिटल सेल्फ हार्म से बच्चों को बचाने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें-
- बच्चे इंटरनेट पर ज्यादा समय न बिताएं, इसके लिए आप उनका टाइम मॉनिटर करें।
- बच्चों को ज्यादा समय के लिए अकेला छोड़ना ठीक नहीं है इसलिए उनके साथ समय बिताएं।
- बच्चे को टीनएज तक फोन न दें। इसका बुरा असर उसकी सेहत पर दिखेगा।
- बच्चे के बिहेवियर में किसी भी तरह का बदलाव आने पर एक्सपर्ट की मदद लें और टॉक थेरेपी सेशन लें।
- बच्चे को हेल्दी डाइट दें और उसका तनाव कम करने के लिए बच्चे के साथ खेलें या उसे बाहर लेकर जाएं।
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