डायबिटीज होने से मुंह से जुड़ी कौनसी समस्याएं होती हैं? डायबिटीज होने से मसूड़ों मे सूजन, पायरिया, ड्राय माउथ, मुंह में फंगल, बैक्टीरियल इंफेक्शन, मुंह में सूजन जैसी समस्याएं होने लगती हैं इसलिए आपको डायबिटीज कंट्रोल में रखना चाहिए और इस बीमारी से बचना चाहिए। डायबिटीज के दौरान थोड़े अंतराल पर ओरल चेकअप जरूरी है। अगर आपको मसूड़ों में दर्द या सूजन या दांतों से खून आए तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस लेख में हम जानेंगे कि डायबिटीज ओरल हेल्थ यानी मुंह के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है और इससे कैसे बचा जाए। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
डायबिटीज में दांत में कैविटी होने की आशंका रहती है? (Diabetic patient have risk of cavity)
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायबिटीज के मरीज खाने पर कंट्रोल रखते हैं इसलिए उन्हें दांत में कैविटी का खतरा नहीं होता पर कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि डायबिटीज में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से सलाइवा के जरिए मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और दांतों में कैविटी हो जाती है। जिन लोगों की डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती उनके दांत जल्दी टूटने का खतरा भी रहता है क्योंकि ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से दांतों की बीमारी जैसे जिंजीवाइटिस और पेरियोडॉन्टाइटिस डिसीज हो जाती है और दांत कमजोर होकर समय से पहले ही टूट जाते हैं। डायबिटीज में मुंह से जुड़ी अन्य बीमारियां हो सकती हैं जैसे-
टॉप स्टोरीज़
1. डायबिटीज में मुंह सूखने की समस्या (Risk of dry mouth in diabetes)
जिन लोगों की डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती उन्हें ड्राय माउथ की समस्या होती है। डायबिटीज में ड्राय माउथ का मतलब होता है मुंह सूखना या मुंह में सलाइवा कम बनना। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से सलाइवा कम हो जाता है जिससे मुंह में ड्रायनेस महसूस होती है। मुंह सूखने से इंफेक्शन, अल्सर, दांत खराब होने जैसी समस्या होती है।
2. डायबिटीज में पेरियोडॉन्टाइटिस (Risk of periodontitis in diabetes)
पेरियोडॉन्टाइटिस एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जिसमें मसूड़े खराब होते हैं और जॉ बोन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि समय पर इलाज करवाने पर ये बीमारी ठीक हो जाती है। पेरियोडॉन्टाइटिस होने पर दांत टूटने लगते हैं और ये बीमारी डायबिटीज मरीजों में ज्यादा देखी जाती है।
3. डायबिटीज में थ्रश (Risk of thrush in diabetes)
जिन लोगों को डायबिटीज होती है और वो एंटीबायोटिक्स का सेवन ज्यादा करते हैं उन्हें जीभ और मुंह में इंफेक्शन होने की आशंका ज्यादा होती है। इंफेक्शन के कारण उनके मुंह और जीभ में जलन की समस्या भी होती है। सलाइवा में ग्लूकोज ज्यादा होने से फंगल ग्रो कर जाता है।
4. डायबिटीज में मसूड़े की सूजन (Risk of gingivitis in diabetes)
डायबिटीज में मसूड़ों में सूजन यानी जिंजीवाइटिस की समस्या होती है। मसूड़ों के सूजने से पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। जिन लोगों की डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती उनमें ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। मुंह से जुड़ी समस्या का असर हार्ट और लंग्स पर भी पड़ता है। मसूड़ों की बीमारी होने के लक्षण क्या हैं? डॉ सीमा ने बताया कि मसूड़े की बीमारी होने पर मसूड़े लाल हो जाते हैं, सूजन आती है या खून निकलने लगता है। अगर ऐसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
इसे भी पढ़ें- क्या डायबिटीज के मरीज पी सकते हैं गन्ने का जूस? जानें डॉक्टर से
डायबिटीज के दौरान सलाइवा में ग्लूकोज बढ़ने से मुंह में इंफेक्शन होता है
डायबिटीज के मरीजों में दांतों, मसूड़े, जीभ में इंफेक्शन या बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। जिन लोगों को डायबिटीज होती है उनके ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है। हमारे ब्लड के अलावा मुंह में बनने वाले सलाइवा में भी ग्लूकोज मौजूद होता है, जब डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती है तो सलाइवा में भी ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और मुंह में बैक्टीरिया बनने लगते हैं। बैक्टीरिया पूरे मुंह में फैल जाते हैं जिससे दांत, जीभ, मसूड़े प्रभावित होते हैं। मुंह में बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण भी डायबिटीज होती है क्योंकि डायबिटीज कंट्रोल न रहने से व्हाइट ब्लड सैल्स कम हो जाते हैं जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के खिलाफ आपकी रक्षा करते हैं इसलिए डब्ल्यूबीसी कम होने से इंफेक्शन होता है।
डायबिटीज में ओरल हेल्थ डिसीज से बचने के उपाय (How to prevent oral health diseases in diabetes)
अगर आपको डायबिटीज है तो मुंह से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें-
- अगर आपको डायबिटीज है और शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं है तो अपने डेंटल ट्रीटमेंट को टाल दें पर अगर ट्रीटमेंट किसी इमरजेंसी में हो रहा है तो उसे तुरंत करवा लें।
- मुंह के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए दिन में दो बार ब्रश करें, हो सके तो हर मील के बाद आपको ब्रश करना चाहिए।
- आपको फ्लोरॉइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिए और फ्लॉस का इस्तेमाल करना चाहिए।
- आपको साल में दो से तीन बार डेंटिस्ट के पास जाकर दांतों का चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
- डायबिटीज में मुंह की समस्याओं से बचने के लिए खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।
- खाने के बाद अच्छे माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
- अगर आपको डायबिटीज है और आप डेंचर लगाते हैं तो उसे निकालकर रोजाना उसकी सफाई करें।
- ब्रश को हर दो महीनों में कम से कम एक बार जरूर बदलें।
इसे भी पढ़ें- टाइप-2 डायबिटीज आपकी नींद को कैसे प्रभावित करती है? जानें अच्छी नींद के लिए कुछ टिप्स
मुंह से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए डायबिटीज कंट्रोल करें (Control diabetes to prevent oral health problems)
डायबिटीज के कारण मुंह ही नहीं बल्कि आंखें, हार्ट हेल्थ, किडनी, नसों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। मुंह से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए-
- आपको वजन कम करना चाहिए जिससे आपकी डायबिटीज कंट्रोल में रहे।
- मुंह से जुड़ी समस्या से बचने के लिए आपको हेल्दी डाइट लेनी चाहिए ताकि ब्लड शुगर लेवल ज्यादा न बढ़े।
- एल्कोहॉल और धूम्रपान का सेवन बिल्कुल न करें।
- सिगरेट पीने से मसूड़ों में ब्लड फ्लो प्रभावित होता है इसलिए आपको सिगरेट से बचना चाहिए।
- ज्यादा चिंता या तनाव भी डायबिटीज बढ़ाने का काम करती है इसलिए स्ट्रेस फ्री रहने के लिए मेडिटेशन करें।
आपको अपने डेंटिस्ट को डायबिटीज के स्तर के बारे में भी बताना चाहिए क्योंकि मुंह से जुड़े कुछ ट्रीटमेंट के दौरान आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहना जरूरी है इसलिए ज्यादा जानकारी के लिए अपने डेंटिस्ट से संपर्क करें।
Read more on Diabetes in Hindi