अच्छी नींद को सेहत का खजाना कहा जाए तो गलत नहीं होगा। नींद के जरिये हम अपने शरीर को फिट रख सकते हैं। कम नींद लेने के कारण बहुत से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जिनमें से सबसे गंभीर है डायबिटीज (Diabetes) की समस्या। डायबिटीज और कम सोने में एक गहरा नाता जुड़ा हुआ है। यह लक्षण भी अगर आप इसे अच्छे से मैनेज नहीं करते हैं तब ही पता चलता है। इस लक्षण में आपके द्वारा कम सो पाना या सोने में काठिनाई होना शामिल है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिक ग्लूकोज लेवल के कारण हो सकता है आपको रात के समय अधिक पेशाब करने की आवश्यकता पड़ती है। जिस कारण आपको नींद नहीं आती है या आपको पानी पीने की भी प्यास अधिक लगती है। जिस कारण आप बार बार उठ जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है।
क्या स्लीप ये डिसऑर्डर डायबिटीज से जुड़े हैं? (Is Sleep & Type-2 Diabetes Correlated)
- 1. स्लीप एपनिया : यह डायबिटीज (Diabetes) से जुड़ा सबसे मुख्य लक्षण है। इस स्थिति के दौरान आपकी सांसें एकदम से रुक जाती हैं और रात को तेज हो जाती हैं। यह स्थिति मोटे लोगों में अधिक पाई जाती है। इसके लक्षणों में खर्राटे मारना और दिन में थका हुआ महसूस करना है।
- 2. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम : इसके दौरान आपको लगातार अपने पैर हिलाने का मन करता रहेगा। यह शाम के समय अधिक होता है और इसके कारण आपको नींद भी नहीं आती है। अगर आपको यह लक्षण है तो आपको जरूर अपने डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए क्योंकि यह बहुत सी खतरनाक बीमारियों का लक्षण भी हो सकता है।
- 3. इनसोम्निया : यह स्थिति होने पर आपको रात को सोने में बहुत मुश्किल होती है। अगर आपको अधिक स्ट्रेस रहता है या अधिक ग्लूकोज लेवल है तो इस स्थिति के चांस बढ़ जाते हैं।
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कम सोना आपकी डायबिटीज को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है?
डॉक्टर विनय भट्ट, जनरल फिजिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, बताते हैं कि यदि आप अधिक देर तक जागते हैं तो इससे आपको और अधिक भूख लगेगी और आपका वजन बढ़ेगा। ज्यादा समय तक जागने से आप किसी न किसी चीज से कैलोरी ग्रहण करेगे। जिस वजह से आपकी ब्लड शुगर बढ़ सकती है और आपकी डायबिटीज और अधिक गंभीर रूप ले सकती है। दरअसल कम नींद सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करती है। यह रिदम शरीर की 24 घंटे की बॉडी क्लॉक से जुड़ी होती है। यानी मेटाबॉलिज्म, हमारी भूख और हमारे ईटिंग पैटर्न को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स। हार्मोन रेगुलेशन के लिए नींद जरूरी है। जबकि इंसुलिन भी एक हार्मोन ही है। इसलिए स्लीपिंग पेटर्न जब बिगड़ता है तो इससे शरीर में इन्सुलिन रेजिस्टेंस होने लगता है। असल में टाइप 1 डायबिटीज में आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता है इसलिए आपको नियमित रूप से इन्सुलिन लेना पड़ता है। लेकिन टाइप 2 डायबिटीज में आपका शरीर इंसुलिन तो बनाता है पर वह पर्याप्त नहीं होता है। इसलिए यह भी वजह है नींद की कमी से टाइप टू डायबिटीज (Type-2 Diabetes) बढ़ने की।
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बढ़िया नींद आने के लिए कुछ टिप्स (Tips for Better Sleep)
- 1. सोते समय इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों का प्रयोग न करें : सोते समय फोन या लैपटॉप जैसे उपकरणों के प्रयोग से आपको और कम नींद आती है इसलिए इनकी बजाय अच्छी किताबों को पढ़ने की आदत बनाएं।
- 2. सोने से पहले शराब का सेवन न करें : अगर आप सोने से पहले शराब पीते हैं तो ऐसा न करें क्योंकि इससे आपका शरीर डिहाइड्रेट भी होता है और आपको नींद भी कम आती है। आपको रात में बार बार पानी की भी अधिक प्यास लग सकती है।
- 3. ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें : अगर आपको रात भर मैसेज आते हैं तो अपने फोन को स्विच ऑफ कर दें और अगर आपको सुबह जल्दी उठना है तो इसके लिए अलग से अलार्म क्लॉक का प्रयोग करें।
- 4. सुबह जल्दी उठाने वाली आवाजों को दूर करें : अगर आप बहुत सुबह अपनी नींद नहीं खराब करना चाहते तो ऐसी जगह सोएं जहां आपको चिड़ियों की आवाज और झाड़ू आदि की साफ सफाई की आवाज अधिक न सुनाई दे। इसके लिए आप फुल स्पीड में पंखा भी चला सकते हैं।
- 5. अपने एक ही रूटीन पर रहें : आपको अपने सोने का और जागने का समय तय कर लेना चाहिए और उसी पर चिपका रहना चाहिए चाहे फिर आपको और अधिक या कम नींद ही क्यों न आ रही हो।
- 6. रात के समय कैफेन का सेवन न करें : अगर आप रात के समय चाय या कॉफी आदि पीते हैं तो ऐसा करने से भी आपको नींद नहीं आती है इसलिए सोने से पहले इन चीजों का सेवन न करें।
अगर आप रोजाना समय पर नहीं सो पा रहे हैं तो इससे आपके पूरे दिन की गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं और आप पूरे दिन बहुत सुस्त महसूस कर सकते हैं। धीरे धीरे अपनी लाइफस्टाइल से सभी खराब आदतों को हटाने की कोशिश करें और बेहतर आदतों को जोड़ें। नींद आपके लिए उतनी ही जरूरी है जितना जरूरी आम इंसान के लिए खाना। इसलिए जानकार भी नींद पूरी करने की सलाह आपको देते हैं। जिससे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम रहे। ज्यादा समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
डॉक्टर विनय भट्ट,जनरल फिजिशियन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाजियाबाद से बातचीत पर आधारित।
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