आजकल तनाव काफी आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। तनाव आपके स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। तनाव मानसिक रूप से तो आपको कमजोर करता ही है, लेकिन यह आपको शारीरिक रूप से भी प्रभावित करता है। यह दिल की बीमारियों का कारण भी बनता है और यदि आप डायबिटीज के रोगी हैं, तो तनाव आपके लिए और भी हानिकारक हो सकता है।
डायबिटीज में आपका ब्लड शु्गर कंट्रोल में रहना बहुत जरूरी होता है लेकिन तनाव अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल जैसी कई जटिलताओं में योगदान कर सकता है। आपके खानपान के अलावा कई अन्य कारक हैं, जो आपके ब्लड शुगर लेवल पर बुरा असर डाल सकते हैं।
डायबिटीज और तनाव के बीच संबंध
डॉ. जिनेन्द्र जैन, डायबेटोलॉजिस्ट, वॉकहार्ट हॉस्पिटल का कहना है, ''तनाव निश्चित रूप से ब्लड शुगर को बढ़ाता है। क्योंकि यह कई तनाव हार्मोन को निकलने के लिए उत्तेजित करता है, जो सीधे ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाते हैं और साथ ही वे इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं और यह दोनों ही ब्लड शुगर नियंत्रण को बाधित करते हैं। जिसकी वजह से तनाव डायबिटीज की स्थिति को गंभीर बना सकता है।''
डायबिटीज रोगियों में तनाव उनके ब्लड शुगर लेवल में उतार-चड़ाव का जिम्मेदार कारक हो सकता है। यदि आप डायबिटीज रोगी हैं और तनाव महसूस करते हैं, तो यह आपकी स्थिति को गंभीर बना सकता है। क्योंकि तनाव हार्मोन सीधे ग्लूकोल के स्तर को प्रभावित करता है। इसलिए कहा जा सकता है कि तनाव डायबिटीज के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
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4 तरीकों से डायबिटीज की स्थिति को खराब करता है तनाव
तनाव इन तरीकों से आपके ब्लड शुगर को प्रभावित करता है:
1.फैट सेल्स को सक्रिय करता है
तनाव हार्मोन कोर्टिसोल फैट सेल्स में एक एंजाइम को भी ट्रिगर करता है। यह शरीर के चारों फैट को स्थानांतरित करने और पेट में गहरी सेल जमा करता है, जिसे आंत की वसा कोशिकाओं के रूप में भी जाना जाता है। तनाव कई लोगों में बैली फैट का कारण बन सकता है। जितना अधिक तनाव आपके शरीर में होता है, उतना ही अधिक कोर्टिसोल आपके पेट की चर्बी को भी मिलेगा। इन फैट सेल्स को न केवल हृदय रोगों के लिए, बल्कि डायबिटीज के लिए एक उच्च जोखिम के रूप में जाना जाता है। यदि आप पहले से डायबिटीज रोगी हैं, तो तनाव आपकी स्थिति और अधिक खराब हो सकती है।
2. इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान देता है
तनाव हार्मोन कोर्टिसोल अग्न्याशय के लिए इंसुलिन को स्रावित करने के लिए अधिक कठिन बनाता है। समय के साथ, अग्न्याशय इंसुलिन की उच्च मांग को बनाए रखने के लिए संघर्ष करता है। खून में ग्लूकोज का स्तर उच्च बना रहता है और कोशिकाओं को वह शुगर नहीं मिल पाती, जिसकी उन्हें जरूरत होती है। यह सब इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान देता है और आपकी स्थिति और खराब हो सकती है।
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3. तनाव नींद को प्रभावित करता है
तनाव आपकी नींद को भी प्रभावित करता ह, जिससे कि आपको नींद की समस्या पैदा हो सकती है। यह आपके नींद का पैटर्न भी खराब कर सकता है और नींद की कमी से ग्लूकोज सहिष्णुता बिगड़ सकती है।
रात में 6 घंटे से कम नींद लेने से बिगड़ा हुआ ग्लूकोज सहिष्णुता में योगदान करने के लिए पाया गया है। यह एक ऐसी स्थिति, जो टाइप 2 डायबिटीज की स्थिति को और अधिक खराब कर सकती है।
4. तनाव आपके रक्तचाप को प्रभावित करता है
लंबे समय तक तनाव आपकी रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है और आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है। समय के साथ यह हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज की कई जटिलताओं को खराब कर सकता है, जिसमें डायबटिक आई डिजीज और किडनी डिजीज शामिल है। इसके अलावा, तनाव आपको अधिक कैलोरी का उपभोग करने और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है। अस्वास्थ्यकर वजन भी हाई ब्लड शु्गर का कारण बन सकता है।
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